तकनीकी शिक्षा के नए युग की शुरुआत
महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि राज्य की 36 तहसीलों में ट्रिपल आईटी (Triple IT) कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे। इस पहल के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रदान की जाएगी।
अजित पवार ने कहा कि आज के युग में सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) हर क्षेत्र की रीढ़ बन चुकी है। यदि महाराष्ट्र को डिजिटल भारत के निर्माण में अग्रणी बनाना है, तो ग्रामीण स्तर तक तकनीकी शिक्षा की पहुँच अनिवार्य है।
36 तहसीलों में प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना
राज्य सरकार के अनुसार, पहले चरण में 36 तहसीलों का चयन किया गया है, जहाँ अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्रिपल आईटी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में स्थानीय युवाओं को कोडिंग, डेटा विश्लेषण, साइबर सुरक्षा, वेब डेवलपमेंट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल शिक्षण नहीं, बल्कि रोजगार सृजन की दिशा में भी बड़ा कदम है। निजी क्षेत्र और उद्योगों के सहयोग से प्रशिक्षित युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा।
ग्रामीण युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
यह निर्णय विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे कस्बों के युवाओं के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। जहाँ पहले उच्च तकनीकी शिक्षा केवल बड़े शहरों तक सीमित थी, अब वही शिक्षा स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी।
अजित पवार ने कहा,
“मेरा लक्ष्य है कि महाराष्ट्र का कोई भी युवा तकनीकी ज्ञान से वंचित न रहे। हम चाहते हैं कि हर तहसील में डिजिटल दक्षता की ज्योति जले।”
राज्य सरकार की पहल और साझेदारी
राज्य सरकार ने इस योजना के सफल संचालन हेतु प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों, निजी आईटी कंपनियों और स्टार्टअप संस्थाओं से साझेदारी की है। सरकार का लक्ष्य अगले दो वर्षों में एक लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने का है।
आईटी विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम महाराष्ट्र को “भारत का टेक्नो-हब” बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
महिलाओं को भी मिलेगा समान अवसर
सरकार की योजना में महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। प्रत्येक केंद्र में कम से कम 40 प्रतिशत सीटें महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगी। साथ ही, प्रशिक्षण अवधि में छात्रवृत्ति और इंटरनशिप अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा बल
आईटी प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप संस्कृति को भी प्रोत्साहन मिलेगा। प्रशिक्षित युवक-युवतियाँ स्वयं के व्यवसाय शुरू कर सकेंगे, जिससे स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
अजित पवार की दृष्टि — तकनीक से सशक्त महाराष्ट्र
अजित पवार ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र को भविष्य के डिजिटल युग के लिए तैयार करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा,
“शिक्षा और तकनीक का संगम ही विकास की सच्ची कुंजी है। हम युवाओं को केवल नौकरी के लिए नहीं, बल्कि नवाचार के लिए तैयार कर रहे हैं।”
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों से भी मेल खाती है, जो व्यावहारिक और रोजगारपरक शिक्षा को प्राथमिकता देती है।
आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र के तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवाओं की मांग देशभर में बढ़ेगी।
अजित पवार की यह पहल न केवल शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम है, बल्कि यह महाराष्ट्र के युवाओं को डिजिटल भारत के अग्रदूत के रूप में तैयार करने की योजना भी है। जब ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र समान तकनीकी अवसरों से लैस होंगे, तब ही राज्य का समग्र विकास संभव होगा।