जरूर पढ़ें

बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर विश्व हिंदू परिषद ने जताया गहरा दुःख, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से न्याय की मांग

Vishva Hindu Parishad expressed deep sorrow on Hindu Youth Murder: विश्व हिंदू परिषद ने जताया गहरा दुःख और मांगा न्याय
Vishva Hindu Parishad expressed deep sorrow on Hindu Youth Murder: विश्व हिंदू परिषद ने जताया गहरा दुःख और मांगा न्याय
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपु चंद्रदास की भीड़ द्वारा हत्या की निंदा की। कथित ईशनिंदा के आरोप में युवक को जिंदा जलाया गया। VHP ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए भारत सरकार से कूटनीतिक कदम और देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग।
Updated:

मुंबई में आयोजित पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष और प्रसिद्ध अधिवक्ता श्री आलोक कुमार ने बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में घटी एक दिल दहला देने वाली घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया। हिंदू युवक दीपु चंद्रदास की भीड़ द्वारा की गई हत्या ने पूरे विश्व में हिंदू समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि मानवता और धर्मनिरपेक्षता पर एक गहरा प्रहार है।

घटना का विवरण और परिस्थितियां

श्री आलोक कुमार ने बताया कि दीपु चंद्रदास नामक युवक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि “सभी देव अलग-अलग नामों से एक ही हैं”। यह कथन धार्मिक सद्भाव और एकता का संदेश देता है, लेकिन कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने इसे ईशनिंदा बताकर एक भयानक साजिश रची। इस आरोप के बाद एक भीड़ ने युवक को घेर लिया और उसे जिंदा जला दिया। यह घटना मानवता के माथे पर एक कलंक है।

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यह केवल एक अलग घटना नहीं है, बल्कि बांग्लादेश में हिंदू समाज पर लगातार हो रहे अत्याचारों की एक कड़ी है। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों पर हमले, उनकी संपत्ति की लूट, महिलाओं के साथ अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

Vishva Hindu Parishad expressed deep sorrow on Hindu Youth Murder: विश्व हिंदू परिषद ने जताया गहरा दुःख और मांगा न्याय
Vishva Hindu Parishad expressed deep sorrow on Hindu Youth Murder: विश्व हिंदू परिषद ने जताया गहरा दुःख और मांगा न्याय

अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी

श्री आलोक कुमार ने अपने संबोधन में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया कि जो अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठन दुनिया के हर कोने में छोटी-छोटी घटनाओं पर भी आवाज उठाते हैं, वे इस जघन्य अपराध पर मौन क्यों हैं। उन्होंने कहा कि यह दोहरा मापदंड है जो केवल एक विशेष विचारधारा को बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा कि यदि यह घटना किसी अन्य समुदाय के साथ हुई होती, तो पूरा विश्व इसकी निंदा करता और तुरंत कार्रवाई की मांग करता। लेकिन हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और इसे तुरंत बदलने की जरूरत है।

कानून व्यवस्था का पतन

विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना बांग्लादेश में कानून व्यवस्था के पूर्ण पतन को दर्शाती है। एक व्यक्ति को केवल आरोप के आधार पर बिना किसी सुनवाई या न्यायिक प्रक्रिया के मार देना दर्शाता है कि वहां जंगल राज चल रहा है। यह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार पूरी तरह से असफल रही है अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में। अल्पसंख्यकों को वहां कोई सुरक्षा नहीं मिल रही है और वे लगातार डर में जी रहे हैं। यह स्थिति लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सभी मूल्यों के खिलाफ है।

धर्मनिरपेक्षता पर हमला

श्री आलोक कुमार ने इस घटना को धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर एक सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि दीपु चंद्रदास ने जो लिखा था, वह धार्मिक सद्भाव और एकता का संदेश था। सभी धर्मों की एकता की बात करना किसी भी तरह से अपराध नहीं हो सकता। लेकिन कट्टरपंथी तत्व ऐसी सोच को बर्दाश्त नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति अत्यंत खतरनाक है और इसे तुरंत रोकना होगा। यदि कोई व्यक्ति शांति और एकता का संदेश देता है और उसे इस तरह मार दिया जाए, तो यह पूरी मानवता के लिए खतरे की घंटी है।

भारत सरकार से मांगें

विश्व हिंदू परिषद ने भारत सरकार से कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की मांग की है। श्री आलोक कुमार ने कहा कि भारत मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता जब उसके पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हों।

उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए और बांग्लादेश पर दबाव बनाए कि वह अपने हिंदू नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही, कूटनीतिक स्तर पर कड़े कदम उठाए जाएं और जब तक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक बांग्लादेश के साथ संबंधों की समीक्षा की जाए।

मानवीय सहायता की जरूरत

विश्व हिंदू परिषद ने यह भी मांग की है कि भारत सरकार बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदुओं को मानवीय सहायता प्रदान करे। जो लोग वहां से भागकर भारत आना चाहते हैं, उन्हें शरण दी जाए और उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

श्री आलोक कुमार ने कहा कि यह केवल धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवाधिकारों का मुद्दा है। हर इंसान को सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार है और जब किसी को यह अधिकार नहीं मिल रहा, तो पूरी मानवता को आवाज उठानी चाहिए।

देशव्यापी आंदोलन की घोषणा

विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। श्री आलोक कुमार ने कहा कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे और जनता को जागरूक किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण होगा लेकिन दृढ़ होगा। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं को न्याय नहीं मिलता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती। हर भारतवासी को इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए क्योंकि यह मानवता की लड़ाई है।

संगठन की भूमिका

पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर और प्रचार प्रसार प्रमुख नरेंद्र मुजुमदार भी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि कोकण प्रांत और पूरे देश में संगठन के कार्यकर्ता इस मुद्दे पर जनजागरण करेंगे।

उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद हमेशा से हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए काम करती आई है। बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार हमारे लिए बर्दाश्त से बाहर हैं और हम हर संभव प्रयास करेंगे कि वहां के हिंदुओं को न्याय मिले।

बांग्लादेश में दीपु चंद्रदास की हत्या केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं है, बल्कि यह मानवता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की हत्या है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि अभी भी दुनिया में कई जगहों पर लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के कारण सताया जा रहा है।

विश्व हिंदू परिषद की मांगें उचित हैं और पूरे देश को इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अपनी चुप्पी तोड़नी होगी और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाना होगा। तभी हम एक न्यायपूर्ण और मानवीय विश्व की कल्पना कर सकते हैं।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।