यवतमाल नगर परिषद चुनाव में नामांकन प्रक्रिया ने पकड़ी रफ्तार
यवतमाल नगर परिषद चुनाव के लिए राजनीतिक हलचल इन दिनों चरम पर है। शहर के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल कर चुनावी मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है। चुनावी अधिसूचना जारी होते ही जनप्रतिनिधियों, दलों और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जिसका प्रभाव शहर के राजनीतिक वातावरण में साफ दिखाई दे रहा है।
आदिवासी मंत्री उईके की बेटी का नामांकन चर्चा में
चुनावी प्रक्रिया के बीच सबसे अधिक चर्चा में रहा भाजपा का प्रमुख नाम, आदिवासी मंत्री श्री उईके की बेटी का नामांकन। उन्होंने नगर परिषद के लिए अपना पर्चा दाखिल किया, जिसे लेकर दल के भीतर उत्साह का माहौल देखा गया।
मंत्री उईके की बेटी, सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने के कारण स्थानीय स्तर पर पहले से ही पहचान रखती हैं। उनका दावा है कि वह नगर क्षेत्र के लिए बेहतर कार्ययोजना लेकर आगे बढ़ रही हैं और यदि जनता मौका देती है, तो शहर के स्वच्छता, पेयजल और सड़क विकास जैसे मुद्दों को प्राथमिकता देंगी।
पूर्व मुख्य अधिकारी माधुरी मडावी भी चुनावी मैदान में
नगर परिषद की पूर्व मुख्य अधिकारी (सीओ) रह चुकीं माधुरी मडावी ने भी कांग्रेस से नामांकन भरकर चुनावी मुकाबले को और अधिक दिलचस्प बना दिया है। मडावी अपनी प्रशासनिक पृष्ठभूमि और नगर परिषद के कार्यप्रणाली के गहरे अनुभव के कारण मतदाताओं में भरोसे का एक बड़ा आधार रखती हैं।
कांग्रेस की ओर से उन्हें महत्वपूर्ण प्रत्याशी के रूप में पेश किया गया है, और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें विजयी बनाने के लिए जुट गए हैं। उनका कहना है कि शहर के समग्र विकास, पारदर्शिता और जनता की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना उनका प्रमुख उद्देश्य रहेगा।
दोनों दलों में रणनीतिक बैठकें और प्रचार की तैयारी
नामांकन दाखिल होने के बाद भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दल सक्रिय रणनीति बनाने में जुट गए हैं। भाजपा जहां युवाओं, महिलाओं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को साधने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस अपने पारंपरिक वोटरों पर विशेष ध्यान दे रही है।
शहर के प्रमुख इलाकों में जल्द ही दोनों दलों की सभाएं और जनसंपर्क अभियान शुरू होने की संभावना है। प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसंपर्क का कार्यक्रम बना रहे हैं ताकि अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंच सकें।
स्थानीय मुद्दे होंगे चुनाव का निर्णायक केंद्र
यवतमाल नगर परिषद का यह चुनाव विकास कार्यों और आधारभूत सुविधाओं के मुद्दों पर केंद्रित रहने की संभावना है।
शहर में लंबे समय से सड़कों की स्थिति, जलापूर्ति व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और रोजगार सृजन प्रमुख चुनावी मुद्दों के रूप में उभर रहे हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों दलों के लिए चुनौती सिर्फ जीत हासिल करना नहीं है, बल्कि मतदाताओं का विश्वास हासिल करना अधिक महत्वपूर्ण होगा।
मतदाताओं में भी उत्साह, युवा कर रहे सक्रिय भागीदारी
इस बार चुनाव में युवाओं की सक्रिय भागीदारी दिखाई दे रही है। नामांकन प्रक्रिया को लेकर मतदाताओं में विशेष उत्साह देखा गया, और कई युवा प्रत्याशियों के समर्थन में सड़कों पर उतरते भी दिखे।
चुनाव आयोग की ओर से भी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।