सोहरा में पर्यटन विकास का नया अध्याय
मेघालय के सोहरा (पूर्व में चेरापूंजी के नाम से प्रसिद्ध) में केंद्र सरकार ने शनिवार को 300 करोड़ रुपये की एकीकृत पर्यटन सर्किट परियोजना का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा शामिल हुए।
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम-DevINE योजना के अंतर्गत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य देश के हर कोने में समावेशी और सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
“यह सिर्फ ढांचा निर्माण नहीं, बल्कि भविष्य गढ़ने की पहल है” – सिंधिया
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा कि यह परियोजना सिर्फ पर्यटन स्थलों के विकास की योजना नहीं, बल्कि “जीवन और आजीविका के अवसर पैदा करने का माध्यम” है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि यह सुनिश्चित करने की है कि भारत का कोई भी क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से पीछे न रहे। सोहरा में आज जो नींव रखी गई है, वह न केवल इमारतों की, बल्कि नए भविष्य की नींव है।”
पूर्वोत्तर भारत के लिए केंद्र का बढ़ता निवेश
सिंधिया ने बताया कि 2014 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बजट 36,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सड़कों और ग्रामीण कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर खर्च की जा चुकी है।
इसके अलावा, 22,680 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला शिलॉन्ग-सिलचर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे सोहरा के समीप से गुजरेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार दोनों को नई गति मिलेगी।
जिम्मेदार और सतत पर्यटन का मॉडल बनेगा सोहरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कनेक्टिविटी और पर्यटन पूर्वोत्तर के विकास के दो इंजन हैं।”
उन्होंने बताया कि सोहरा पर्यटन सर्किट के तहत नोहकालीकाई फॉल्स, मावस्माई इको पार्क, अर्वाह गुफा, नोहसंगिथियांग फॉल्स, वाह काबा फॉल्स, शेला रिवरसाइड और वाह कलीर कैन्यन व्यूपॉइंट जैसे स्थलों का विकास किया जाएगा।
सिंधिया ने कहा, “ये परियोजनाएं सोहरा को सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि जिम्मेदार पर्यटन का राष्ट्रीय उदाहरण बनाएंगी।”
“प्रकृति, संस्कृति और समुदाय की एकता ही मेघालय की ताकत है”
सिंधिया ने मेघालय के सामुदायिक पर्यटन मॉडल की सराहना करते हुए कहा, “दुनिया में शायद ही कोई जगह होगी जहां प्रकृति, संस्कृति और समुदाय इतने सुंदर संतुलन में हों। यही मेघालय की असली शक्ति है और इसी से इसका विकास संभव है।”
मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा बोले – “यह ऐतिहासिक क्षण है”
मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इस अवसर पर कहा, “यह परियोजना केवल एक गंतव्य के विकास की नहीं, बल्कि भारत में विश्वस्तरीय और सतत पर्यटन स्थलों के निर्माण की दिशा में एक दृष्टि का हिस्सा है।”
उन्होंने इसे राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी क्षण बताया।
संगमा ने कहा कि “सोहरा सर्किट राज्य के लिए गेम चेंजर साबित होगा। यह न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका भी बढ़ाएगा और मेघालय की छवि को एक जिम्मेदार पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।”
“हमारा लक्ष्य है कि पर्यटक यहाँ रुकें, अनुभव लें और समुदाय से जुड़ें”
पर्यटन मंत्री टिमोथी डी. शिरा ने कहा कि यह पहल रोजगार सृजन, युवाओं के सशक्तिकरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि पर्यटक सोहरा में लंबे समय तक रहें, गहराई से अन्वेषण करें और स्थानीय समुदायों से जुड़ें।”
“हम केवल सड़कें नहीं बना रहे, विकास की धमनियाँ मजबूत कर रहे हैं”
सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा, “हम केवल सड़कें और भवन नहीं बना रहे हैं, बल्कि प्रगति की धमनियाँ मजबूत कर रहे हैं। जब सड़कें मजबूत होती हैं, जब हवाई अड्डे जोड़ते हैं, जब पर्यटन सुविधाएं विश्वस्तरीय होती हैं — तभी सच्चा विकास हर घर तक पहुंचता है।”
मेघालय के स्वच्छ पर्यटन की दिशा में कदम
कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव डॉ. शकील अहमद ने कहा कि मेघालय हर वर्ष 16 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत करता है, इसलिए अब जरूरत है कि राज्य नए गंतव्यों को बढ़ावा दे और स्वच्छ एवं जिम्मेदार पर्यटन की दिशा में अग्रसर हो।
उन्होंने कहा, “हमारे पास देश के सबसे स्वच्छ गांव और नदियाँ हैं, अब लक्ष्य है कि हम सबसे स्वच्छ पर्यटन गंतव्य बनें।”