Jaipur Chaumu Violence: राजस्थान की राजधानी जयपुर के चौमू कस्बे में अचानक भड़की हिंसा ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि छोटे-से प्रशासनिक या स्थानीय विवाद किस तरह देखते ही देखते कानून-व्यवस्था की बड़ी चुनौती बन जाते हैं। धार्मिक स्थल के पास सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने को लेकर शुरू हुआ विवाद कुछ ही घंटों में इतना बढ़ गया कि भीड़ ने पुलिस पर ही पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए और हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस तक का सहारा लेना पड़ा।
चौमू, जो आमतौर पर शांत कस्बा माना जाता है, वहां आधी रात के आसपास फैला तनाव न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी डर और असमंजस का कारण बन गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और फिलहाल प्रशासन का दावा है कि हालात नियंत्रण में हैं।
मामूली विवाद हिंसा में बदला
जानकारी के अनुसार, जयपुर के चौमू बस स्टैंड के पास स्थित एक मस्जिद के बाहर लंबे समय से सड़क किनारे पत्थर पड़े थे। बताया जा रहा है कि ये पत्थर करीब 45 वर्षों से वहीं मौजूद थे। हाल के दिनों में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और सड़क को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने इन्हें हटाने का निर्णय लिया।
प्रशासन का कहना है कि पत्थर हटाने से पहले संबंधित समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत की गई थी और आपसी सहमति के बाद ही यह काम शुरू हुआ। शुरुआती चरण में पत्थर हटा भी दिए गए और उस वक्त किसी तरह का विरोध सामने नहीं आया।
विवाद तब गहराया जब पत्थर हटाने के बाद उस स्थान पर रेलिंग लगाने का काम शुरू किया गया। इसी दौरान कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और विरोध शुरू हो गया। देखते ही देखते यह विरोध दो समुदायों के बीच तनाव में बदल गया और बात कहासुनी से आगे बढ़कर हिंसा तक पहुंच गई।
भीड़ के उग्र होने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया। इस अप्रत्याशित हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और आंसू गैस का इस्तेमाल
स्थिति बेकाबू होती देख जयपुर पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और हालात की निगरानी की। प्रशासन का प्राथमिक उद्देश्य इलाके में शांति बहाल करना और किसी भी तरह की बड़ी अनहोनी को रोकना था।
काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया और इलाके में शांति स्थापित की। इसके बाद संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
#WATCH | चौमूं, राजस्थान: पश्चिम जिले के DCP हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया, “यहां कलंदरी मस्जिद है जिस पर अतिक्रमण को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा था। एक पक्ष द्वारा स्वेच्छा से अतिक्रमण को हटाया गया लेकिन कुछ लोगों द्वारा वहां स्थायी रूप से कुछ लोहे के एंगल गाड़कर अतिक्रमण… pic.twitter.com/ZB2CGsWnko
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2025
इंटरनेट सेवा बंद करने का फैसला
हिंसा और अफवाहों के फैलने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने चौमू में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दीं। 26 दिसंबर सुबह 7 बजे से 27 दिसंबर सुबह 7 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
प्रशासन का मानना है कि सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भ्रामक सूचनाएं तेजी से फैलती हैं, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। इंटरनेट बंद करने का यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।
स्थानीय लोगों में डर और नाराजगी
इस घटना के बाद चौमू के स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। कई दुकानदारों ने एहतियातन अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और लोग गैर-जरूरी आवाजाही से बचते नजर आए। वहीं कुछ लोगों में प्रशासन के फैसले को लेकर नाराजगी भी देखी गई।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते संवाद और विश्वास का माहौल बनाया जाता, तो शायद यह स्थिति पैदा ही नहीं होती। उनका मानना है कि प्रशासनिक कामों में पारदर्शिता और संवेदनशीलता बेहद जरूरी है, खासकर जब मामला धार्मिक स्थलों के आसपास का हो।