Bahraich Madrasa Case: अवैध मदरसे से 40 नाबालिग बच्चियाँ बरामद, शौचालय में बंद मिलीं – सोशल मीडिया पर उठे सवाल

Bahraich Madrasa Case: अवैध मदरसे से 40 नाबालिग बच्चियाँ बरामद, सोशल मीडिया पर बवाल
Bahraich Madrasa Case: अवैध मदरसे से 40 नाबालिग बच्चियाँ बरामद, सोशल मीडिया पर बवाल (Photo: ScreenGrab / X)
सितम्बर 27, 2025

बहराइच मदरसा केस – 40 नाबालिग बच्चियाँ बरामद | Bahraich Madrasa Case

Bahraich Madrasa Case: उत्तर प्रदेश के Bahraich District से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, जिले के Payagpur थाना क्षेत्र में स्थित एक illegal madrasa से 40 minor girls (aged 9–14) बरामद की गईं। जब पुलिस वहाँ पहुँची, तो बच्चियाँ कथित तौर पर locked inside toilets पाई गईं।

Bahraich Madrasa Case: इस घटना ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। यूजर्स का कहना है कि अगर यही मामला किसी Hindu Temple, Gurukul या Christian Missionary School में होता तो liberal feminists, activists और mainstream media सड़कों पर उतर आते, लेकिन चूँकि यह घटना एक Madrasa से जुड़ी है, इसलिए ‘selective outrage’ देखने को मिल रहा है।


सोशल मीडिया पर आक्रोश

कई ट्विटर यूजर्स ने इस घटना पर सवाल उठाए हैं। कुछ का कहना है कि —

  • “If this had happened in a Hindu temple or ashram, candle marches और 24×7 debates हो रही होतीं।”

  • “Real feminism और real human rights activism तभी है जब आप हर मामले में एक ही तरह से आवाज़ उठाएँ।”

  • “Abuse doesn’t have a religion. Children don’t have a religion. Wrong is wrong.”

एक अन्य यूजर ने लिखा:
“Every other day madrasas are caught in illegal activities, then why are they still allowed to operate without strict monitoring?”


Feminism और Selective Outrage पर बहस

Bahraich Madrasa Case: इस घटना ने feminist groups और liberal activists की चुप्पी को लेकर भी सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी है। आरोप यह है कि “फेमिनिज्म केवल तब सक्रिय होता है जब मामला हिंदू समाज से जुड़ा हो। अन्य समुदायों के मामलों में वही आवाज़ गायब हो जाती है।”

ट्विटर ट्रेंड में यह भी कहा गया कि—
“If 40 girls were found in a temple toilet, media और Bollywood celebrities 24×7 इस पर बोल रहे होते। लेकिन Madrasa केस में खामोशी है।”

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Bahraich Madrasa Case (UP Police): पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

स्थानीय पुलिस के अनुसार, यह illegal madrasa पटिहाट चौराहे के पास स्थित है। इसकी संचालिका का नाम तक्सीम फातिमा बताया जा रहा है। प्रशासन ने बताया कि District Minority Officer को इसकी वैधता की जांच सौंप दी गई है। जांच जारी है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।


जवाबदेही और न्याय की मांग

सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा ज़ोर accountability, legal action और justice for the girls पर है। यूजर्स का कहना है कि —

  • सभी madrasas की strict surveillance होनी चाहिए।

  • हर संस्था में CCTV cameras और child safety protocols अनिवार्य होने चाहिए।

  • किसी भी religious या educational institution को बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है।


Bahraich Madrasa Case ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है—क्या बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा भी राजनीति और selective outrage का शिकार हो रहा है?

यह घटना बताती है कि child safety को लेकर सख्त नियम और समान मानदंड जरूरी हैं। चाहे मामला किसी Madrasa, Temple, Gurukul या Missionary School का हो—गलत को गलत कहा जाना चाहिए।

समाज को यह संदेश देना जरूरी है कि protecting children comes above all religions and institutions.

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Disclaimer: यह खबर ट्विटर पर वायरल ट्रेंड से संकलित है। RB संपादकीय टीम को कई बार रिपोर्ट किए जाने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इस समाचार की स्वतंत्र Fact Check नहीं की गई है।

Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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