मुख्यमंत्री योगी के प्रत्यक्ष सहभाग से मतदाता जागरूकता को नया आयाम
लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व का अनुकरणीय उदाहरण
गोरखपुर में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को पूरा कर नागरिक उत्तरदायित्व का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसने प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में चर्चा पैदा कर दी है। गोरखनाथ मंदिर स्थित बैठक कक्ष में हुए इस सत्यापन प्रक्रिया में मुख्यमंत्री ने स्वयं पहुंचकर दस्तावेजों की जांच, फ़ॉर्म भरने और उसे वापस सौंपने की प्रक्रिया पूर्ण की।
मुख्यमंत्री का नाम गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के झूलेलाल मंदिर के निकट स्थित गर्ल्स प्राइमरी स्कूल मतदान केंद्र के बूथ संख्या 223 पर दर्ज है। निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत बूथ स्तर अधिकारी (BLO) मौके पर पहुंचे और सत्यापन का कार्य सम्पन्न किया। मुख्यमंत्री ने आवश्यक प्रपत्र भरकर उसे वापस BLO को सौंपा और यह संदेश दिया कि मतदाता सूची अद्यतन करना किसी सरकारी औपचारिकता भर नहीं, बल्कि हर नागरिक का लोकतांत्रिक दायित्व है।
देशभर में चल रही SIR प्रक्रिया और उसका महत्व
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 28 अक्टूबर से शुरू की गई SIR प्रक्रिया देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही है। यह अभियान 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस प्रक्रिया का मूल उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और अद्यतन बनाना है, ताकि मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ सके।
निर्वाचन आयोग का मानना है कि सही और अद्यतन मतदाता सूची ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की आधारशिला है। संविधान के अनुच्छेद 326 में निहित वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को सुदृढ़ बनाने के लिए यह सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य रूप से की जाती है।
मुख्यमंत्री की भागीदारी ने बढ़ाई जनजागरूकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्यापन प्रक्रिया में स्वयं भाग लेकर यह संदेश दिया कि मतदाता सूची में सुधार एवं अद्यतन केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। उनके इस कदम ने जनमानस में व्यापक रूप से जागरूकता पैदा की है और लोगों को प्रेरित किया है कि वे भी अपने नाम, पते और अन्य सूचनाओं को सही कराने में सहयोग दें।
अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की भागीदारी से मतदाता जागरूकता अभियान को मजबूती मिली है और इसका व्यापक प्रभाव भी देखने को मिलेगा। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में BLO और राजनीतिक दलों के बूथ स्तर एजेंट द्वारा घर-घर जाकर विवरण सत्यापित किए जा रहे हैं।
त्रुटिरहित सूची से मजबूत होगा चुनावी ढांचा
सटीक और अद्यतन मतदाता सूची चुनावी प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यदि सूची में त्रुटियां रहती हैं तो कई पात्र मतदाता वोट देने से वंचित हो जाते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए SIR प्रक्रिया के दूसरे चरण में 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 50.11 करोड़ से अधिक (98.32 प्रतिशत) मतदाताओं को निर्दिष्ट प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान देशभर में तेज़ और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में SIR प्रक्रिया की संवेदनशीलता
मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया कई बार राजनीतिक विवादों में भी घिरती रही है। बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों ने मतदाता सूची की पारदर्शिता को लेकर आरोप लगाए थे, जिसके चलते इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया था। कांग्रेस ने तो इस संदर्भ में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ भी निकाली थी।
ऐसे परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी का व्यक्तिगत तौर पर सत्यापन कराना अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कदम न केवल मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कोई भी नागरिक इस प्रक्रिया से ऊपर नहीं है।
लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम
मतदाता सूची का अद्यतन सिर्फ कागज़ी कार्यवाही नहीं, बल्कि यह वह प्रक्रिया है जो लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है। एक सटीक, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदाता सूची ही यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव निष्पक्ष, विश्वसनीय और भ्रष्टाचार-मुक्त हो। मुख्यमंत्री के इस कदम से न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को बल मिला है, बल्कि जनता के बीच यह संदेश भी गया है कि इस प्रक्रिया में भाग लेना अत्यंत आवश्यक है।
मतदाताओं की सहभागिता से ही पूर्ण होगी यह प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग ने जनता से अपील की है कि यदि उनके पते, आयु, नाम अथवा किसी अन्य विवरण में परिवर्तन हुआ है, तो वे निर्धारित प्रपत्र भरकर या BLO से संपर्क कर उसे अद्यतन कराएं। यह केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने का दायित्व भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वयं सत्यापन प्रक्रिया में भाग लेने से यह उम्मीद की जा रही है कि जनता भी अधिक संख्या में इस अभियान से जुड़ेगी और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने में सहयोग देगी।
यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।