कानपुर में छठ महापर्व: श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा
कानपुर में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धा और आस्था का दृश्य देखते ही बन रहा है। शहर के गंगा घाटों पर साढ़े छह लाख से अधिक श्रद्धालु सूर्य उपासना में शामिल होंगे। प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात की विशेष व्यवस्था की है।
चार दिनों का व्रत और पूजा विधि
छठ पूजा का पर्व 25 अक्टूबर शनिवार को नहाय-खाय से शुरू होकर 28 अक्टूबर मंगलवार को सुबह के सूर्य अर्घ्य और व्रत परायण के साथ संपन्न होगा।
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25 अक्टूबर (नहाय-खाय): श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करेंगे और कच्चे चावल, चने व लौकी की सब्जी खाएंगे।
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26 अक्टूबर (खरना): निर्जला व्रत के बाद शाम को पूजा के बाद खीर, रोटी और फल का सेवन। मिट्टी के चूल्हे पर साढ़ी के चावल और गुड़, दूध की खीर बनेगी।
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27 अक्टूबर (शाम का अर्घ्य): सूर्यास्त के समय नदी या तालाब किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य।
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28 अक्टूबर (सुबह का अर्घ्य): उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का परायण और प्रसाद वितरण।

घाटों पर तैयारियां और सुरक्षा
पनकी, अर्मापुर, सीटीआइ, साकेत नगर, गंगा तट गोला घाट और सरसैया घाट पर साफ-सफाई और वेदियों की स्थापना की जा रही है। भोजपुरी महासभा केंद्रीय छठ पूजा समिति ने हेल्पलाइन नंबर 9450137878 जारी किया है। घाटों पर किसी भी समस्या के लिए तुरंत सहायता उपलब्ध होगी।
बाजार और पूजना सामग्री
घरों से लेकर बाजार तक छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दुकानों पर सूप, डाला और अन्य पूजना सामग्री उपलब्ध हैं।
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बड़े डाला के दाम 50 रुपये तक बढ़ गए हैं।
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पीतल के सूप 550 से 850 रुपये में बिक रहे हैं।
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फलों की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 10-20 रुपये प्रति किलो बढ़ी हैं।
श्रद्धालुओं का उत्साह
छठ महापर्व में न केवल कानपुर शहर बल्कि बिहार, झारखंड और पूर्वांचल के लोग भी अपने परिवार के साथ घाटों पर पूजा करेंगे। स्थानीय प्रशासन और समितियां घाटों पर सुरक्षा, साफ-सफाई और व्यवस्था को अंतिम रूप देने में जुटी हैं।
कुल मिलाकर कानपुर में छठ महापर्व इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था, भक्ति और उत्सव का अद्भुत मिश्रण लेकर आने वाला है।