कुशीनगर (Kushinagar, Uttar Pradesh): शिक्षा के नाम पर हुए सबसे बड़े घोटालों में से एक ने यूपी को हिला कर रख दिया है। Kushinagar Scholarship Scam: कुशीनगर जिले में ₹1.8 Crore Scholarship Scam सामने आया है, जिसमें 14 स्कूल और मदरसे फर्जीवाड़े के आरोप में जांच के घेरे में आ चुके हैं। इस घोटाले ने उन मासूम बच्चों के हक पर डाका डाला है जिन्हें भारत सरकार की ओर से छात्रवृत्ति का पैसा मिलना था।
वेब स्टोरी:
Kushinagar Scholarship Scam: कैसे हुआ Scholarship Scam?
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से की गई जांच में खुलासा हुआ कि कई स्कूल और मदरसे सिर्फ कागजों पर ही चल रहे थे। इन संस्थानों ने बच्चों की संख्या फर्जी दिखाकर छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली।
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कुछ मदरसों में न तो शिक्षक थे, न ही कक्षाएँ संचालित हो रही थीं।
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बच्चों के नाम और उपस्थिति सिर्फ रजिस्टर पर दिखाई गई।
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भारत सरकार से आए करोड़ों रुपये की रकम छात्रों तक पहुंची ही नहीं।
14 स्कूल और मदरसे जांच के घेरे में
Kushinagar Scholarship Scam: जांच रिपोर्ट के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भरत लाल गोंड़ ने इन संस्थानों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। अधिकारियों का कहना है कि 2021-22 और 2022-23 की छात्रवृत्ति राशि सीधे “शिक्षा माफिया” की जेब में चली गई।
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बंद स्कूल ने डकारे लाखों रुपये
सबसे चौंकाने वाला मामला मातेश्वरी लघु माध्यमिक विद्यालय (पलिया, रविन्द्रनगर) का है। यह स्कूल कई सालों से बंद था, लेकिन रिकॉर्ड्स में सक्रिय दिखाकर ₹16 Lakh से अधिक की स्कॉलरशिप हड़प ली गई।
Green Land International School पर आरोप
तमकुहीराज क्षेत्र का Green Land International School भी घोटाले के केंद्र में है।
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इस संस्थान पर ₹33 Lakh Scholarship Scam का आरोप है।
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स्कूल का ढांचा पूरी तरह modern convent जैसा है, लेकिन मदरसा दिखाकर छात्रवृत्ति ली गई।
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नामांकन के रिकॉर्ड में 1 से 8 तक पढ़ाई दिखाकर फर्जीवाड़ा हुआ, जबकि हकीकत में यह स्कूल चोरी-छुपे 12वीं तक संचालित हो रहा था।
क्यों खास है यह घोटाला?
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Scholarship का पैसा सबसे गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए होता है।
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इस रकम से उनके पढ़ाई-लिखाई और किताब-कॉपी का खर्च निकलता है।
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लेकिन यहाँ संस्थानों ने मासूमों के हक को ही लूट लिया।
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शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल और मदरसे ही गुनाहगार बन गए।
जांच में और भी खुलासों की आशंका
Kushinagar Scholarship Scam: अधिकारियों का मानना है कि शुरुआती जांच में सामने आए 14 संस्थानों के अलावा और भी स्कूल-मदरसे इस गड़बड़ी में शामिल हो सकते हैं।
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कई संस्थान अब यह कहकर बचाव की कोशिश कर रहे हैं कि वे UP Board से मान्यता प्राप्त हैं।
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जबकि ground reality यह है कि इनका अस्तित्व ही संदिग्ध है।
क्या बोले अधिकारी?
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कहा कि “छात्रवृत्ति की राशि बच्चों के खातों में सीधे जानी चाहिए थी, लेकिन फर्जी नाम और दस्तावेज़ लगाकर यह पैसा संस्थानों ने हड़प लिया।”
जनता में आक्रोश
Kushinagar Scholarship Scam: स्थानीय अभिभावकों और सामाजिक संगठनों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि “गरीब बच्चों के नाम पर सरकार से आई रकम अगर इस तरह लूटी जाएगी तो असली beneficiaries कभी पढ़-लिख नहीं पाएंगे।”
आगे का रास्ता
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घोटाले में शामिल सभी संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
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जांच एजेंसियाँ financial transactions की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
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राज्य सरकार ने भी साफ किया है कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।