उत्तर प्रदेश में किसानों को मिली नई आर्थिक शक्ति
प्रधानमंत्री द्वारा कोयम्बटूर से 21वीं किस्त का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कोयम्बटूर से देशभर के किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की। यह योजना किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, जिससे खेती के आधुनिकीकरण, बीज-उर्वरक खरीद और कृषि निवेश में वृद्धि हो सके। प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई इस किस्त से देश के नौ करोड़ से अधिक किसानों को 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई।
इस वितरण के तहत केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार किसानों तक ऐसे लाभ पहुंचाने की निरंतर कोशिश कर रही है जो किसी मध्यस्थ के बिना सीधे खाते में पहुंचे। यह व्यवस्था न केवल पारदर्शिता का प्रतीक बन चुकी है, बल्कि कृषि क्षेत्र में विश्वास और संतुलन स्थापित कर रही है।
उत्तर प्रदेश के किसानों को 4314.26 करोड़ रुपये
केंद्रीय तंत्र के इस वित्तीय हस्तांतरण में उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। प्रदेश के 2.15 करोड़ किसानों को 4314.26 करोड़ रुपये की धनराशि उनके बैंक खातों में भेजी गई। इससे प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि विकास को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। प्रदेश सरकार का दावा है कि यह राशि केवल आर्थिक उन्नति ही नहीं, बल्कि किसान आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण निवेश है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े कृषि राज्य के लिए यह राशि न केवल राहत है, बल्कि कृषि उत्पादन और बाजार आधारित प्रतिस्पर्धा को मजबूती देने का साधन भी है। इस धनराशि से किसानों के पास बुवाई, सिंचाई उपकरण, कृषि औजार खरीद और खेतों के रखरखाव के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री योगी का आभार और डबल इंजन सरकार का संदेश
प्रधानमंत्री द्वारा की गई इस घोषणा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार अन्नदाता किसानों के सम्मान, सुरक्षा और कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में उल्लेख किया कि किसानों को सम्मानित करना, उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि किसानों के मनोबल को बढ़ाने की पहल है, जो देश की अर्थव्यवस्था के मूल आधार को मजबूत करती है।
किसानों के लिए पारदर्शी व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर रोक
कार्यक्रम के दौरान उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि पहले किसानों तक सरकारी योजनाओं की राशि पूरी तरह नहीं पहुंचती थी। राजीव गांधी के बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पहले भेजे गए 100 रुपये में से केवल 20 रुपये ही किसानों तक पहुंचते थे, जबकि अब पूरा लाभ सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर होता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्तमान सरकार में किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है।
यह व्यवस्था न केवल किसानों का विश्वास बढ़ाती है, बल्कि सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि है। आज किसान बिना किसी भेदभाव और बिना किसी दलाली के लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक विकास की वास्तविक तस्वीर है।
सीधे संवाद और विभागीय भागीदारी
कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रदेश के विभिन्न जिलों से लेकर राज्य के कृषि निदेशालय तक किया गया। किसान भाई-बहनों से संवाद स्थापित किया गया। कृषि निदेशालय लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक कृषि डॉक्टर पंकज त्रिपाठी और उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मौजूद रहे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी बहराइच से कार्यक्रम में जुड़े। मत्स्य विभाग ने भी पूरे राज्य में इस प्रसारण को आयोजित किया।
मत्स्य निदेशालय में महानिदेशक धनलक्ष्मी के. ने किसानों और मत्स्य पालन से जुड़े लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं की ओर जागरुक किया। इस प्रकार कार्यक्रम न केवल कृषि क्षेत्र बल्कि ग्रामीण उत्पादन के अन्य क्षेत्रों को भी समाहित करता हुआ दृष्टिगत हुआ।