UP Voter List: मतदाता सूची में नई पहल, 2003 की सूची तक अब ऑनलाइन पहुंच आसान
उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के लिए अब एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम खोजने की प्रक्रिया को अब और भी सरल बना दिया गया है। अब मतदाता को केवल अपने मोहल्ले या क्षेत्र का नाम वेबसाइट पर दर्ज करना होगा, जिसके बाद संबंधित पोलिंग बूथ की मतदाता सूची सीधे उसके मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी।
मतदाता सूची खोज में अब नहीं करनी पड़ेगी माथापच्ची
पहले, जो मतदाता अपने मतदान केंद्र या पोलिंग बूथ का नाम भूल जाते थे, उन्हें पूरी मतदाता सूची डाउनलोड करनी पड़ती थी। सैकड़ों पन्नों में अपना नाम ढूंढना उनके लिए कठिन कार्य था। लेकिन अब चुनाव आयोग की इस नई डिजिटल व्यवस्था से यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और यूज़र-फ्रेंडली हो जाएगी।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर नई सुविधा
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पहले से ही वर्ष 2003 की मतदाता सूची उपलब्ध थी, लेकिन उसमें नाम खोजने की कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। अब इस नई प्रणाली के तहत मतदाता केवल अपने क्षेत्र का नाम भरेंगे और उसी क्षेत्र से जुड़े सभी पोलिंग बूथों की सूचियाँ एक साथ स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएंगी। इसके बाद मतदाता आसानी से अपने नाम की पुष्टि कर सकेंगे।
डिजिटलीकरण से बढ़ेगी पारदर्शिता
यह कदम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता को और मजबूत करेगा। अब कोई भी नागरिक अपने घर बैठे मतदाता सूची की जानकारी प्राप्त कर सकेगा। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो वर्षों से एक ही क्षेत्र में रह रहे हैं और अपने पुराने मतदान रिकॉर्ड को देखना चाहते हैं।
जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण
विवेक खंड स्थित बूथ संख्या 405 से 410 तक जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया और मतदाता सूची से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बूथ लेवल अधिकारियों से गणना प्रपत्रों के वितरण, मतदाताओं से संपर्क की प्रगति और मोबाइल एप के माध्यम से की जा रही मार्किंग की जानकारी ली।
बीएलओ को दिए सख्त निर्देश
UP Voter List: जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर मतदाता तक गणना प्रपत्र समय पर पहुँचे और सभी प्रपत्र 4 दिसंबर से पूर्व संकलित किए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि निर्वाचन संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मतदाता जागरूकता की दिशा में बड़ा कदम
यह नई ऑनलाइन प्रणाली न केवल मतदाताओं की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि इससे मतदाता जागरूकता अभियान को भी बल मिलेगा। जिन लोगों के नाम सूची से छूट गए हैं, वे आसानी से इसकी पुष्टि कर पुनः पंजीकरण करा सकेंगे। यह पहल डिजिटल भारत मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है और लोकतांत्रिक प्रणाली को और सशक्त करेगी।
तकनीकी सशक्तिकरण की ओर कदम
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग का यह प्रयास दर्शाता है कि सरकारी व्यवस्थाओं में तकनीकी सशक्तिकरण अब प्राथमिकता पर है। मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से मतदाता सूची देख पाना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।
चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को ऑनलाइन खोजने की नई सुविधा न केवल पारदर्शिता लाएगी, बल्कि आम नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया से और अधिक जोड़ने में मदद करेगी। यह कदम प्रशासनिक दक्षता और नागरिक सुविधा दोनों के संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है।