डिजिटल डेस्क, मेरठ।
मेरठ के नौचंदी क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी से जुड़े सुरक्षा मामले ने चिंता बढ़ा दी है। 16 वर्ष की किशोरी ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया। मामले की गंभीरता के कारण पीड़िता की शिकायत सीधे एसएसपी कार्यालय तक पहुंची। पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की जांच जारी है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
नौचंदी के कैलाशपुरी क्षेत्र में एक स्थानीय युवक ने किशोरी के साथ अनुचित व्यवहार किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब किशोरी ने अपनी सुरक्षा और परिवार की सुरक्षा को लेकर शिकायत दर्ज कराई। घटना की शिकायत एसएसपी तक पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच करते हुए मामले में कार्रवाई की।
पीड़िता ने बताया कि आरोपी और उसके साथी किशोरी के साथ अनुचित व्यवहार करते रहे। इसके चलते किशोरी मानसिक रूप से प्रभावित हुई और उसने बच्ची को जन्म दिया। पीड़िता के अनुसार, इसके दौरान उसे कई बार दबाव और डर का सामना करना पड़ा।
SSP तक पहुंची शिकायत
एसएसपी डा. विपिन ताडा ने कहा कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्राथमिक कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को हिरासत में लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ कैंट नवीना शुक्ला के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है। टीम में महिला थाना प्रभारी और नौचंदी थाने की महिला दरोगा शामिल हैं।
पीड़िता की परिस्थिति
पीड़िता भावनपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली है। उसने बताया कि वह परिवार के लिए घरों में काम करती थी और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थी। इस दौरान उसे सुरक्षित माहौल में काम करने का अवसर मिला, लेकिन अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण वह असुरक्षित महसूस करने लगी।
पीड़िता के अनुसार, शिकायत करने के बाद उसे और उसके परिवार को धमकी भरे फोन कॉल आए, जिससे उसकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच के दौरान पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा।
पुलिस कार्रवाई और जांच
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान और कार्रवाई जारी है। जांच दल मामले की गहनता से पड़ताल कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर निष्पक्ष जांच की जाए।
पुलिस जांच में यह भी देखा जा रहा है कि किशोरी ने पहले किस अवधि तक आरोपी के घर में काम किया और किन परिस्थितियों में उसे असुरक्षा महसूस हुई। इसके अलावा, जांच दल यह सुनिश्चित कर रहा है कि परिवार और अन्य लोग सुरक्षित रहें।
समाज और सुरक्षा पर प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिगों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में समाज और प्रशासन की जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई और पारिवारिक सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
समाज में जागरूकता बढ़ाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से ऐसे मामलों में भविष्य में रोकथाम की जा सकती है।
मेरठ में यह मामला बच्चों की सुरक्षा, परिवार की चिंता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है। एसएसपी और जांच दल की सक्रियता से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़िता और परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ न्यायिक कार्रवाई भी समय पर पूरी हो।