उत्तर प्रदेश में अवकाश तिथि में परिवर्तन: अब 24 नहीं, 25 नवंबर को बंद रहेंगे विद्यालय और सरकारी कार्यालय

UP Holiday Change
UP Holiday Change: यूपी सरकार ने अवकाश तिथि बदलकर 25 नवंबर निर्धारित की (FILE PHOTO)
योगी सरकार ने गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस पर होने वाली सार्वजनिक छुट्टी की तिथि बदल दी है। अब 24 नवंबर के बजाय 25 नवंबर को पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। तिथि परिवर्तन से छात्रों और कर्मचारियों की लगातार छुट्टी की उम्मीदें प्रभावित हुई हैं।
नवम्बर 20, 2025

अवकाश तिथि में संशोधन की बड़ी घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस पर होने वाली सार्वजनिक छुट्टी की तिथि में बदलाव करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पहले यह अवकाश 24 नवंबर को निर्धारित किया गया था, किंतु अब सरकार ने इसे परिवर्तित करते हुए 25 नवंबर को घोषित किया है। इस संशोधन के बाद मंगलवार, 25 नवंबर को पूरे प्रदेश में स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, सरकारी विभाग और अधिकांश निजी संस्थान बंद रहेंगे।

यह निर्णय प्रमुख सचिव मनीष चौहान द्वारा जारी आदेश के माध्यम से सार्वजनिक किया गया। आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख है कि वर्ष 2025 में गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस सोमवार, 24 नवंबर को पड़ रहा है, लेकिन इस वर्ष सार्वजनिक अवकाश 24 की बजाय 25 नवंबर को लागू किया जाएगा। इस नई अधिसूचना ने लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अभिभावकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

आदेश की पृष्ठभूमि और प्रशासनिक प्रक्रिया

सरकारी अवकाशों को निर्धारित करने की प्रक्रिया अलग-अलग विभागों के समन्वय से संचालित होती है। इस बार भी अवकाश की तिथि बदलने का निर्णय प्रशासनिक समीक्षा के बाद लिया गया है। आदेश के अनुसार 25 नवंबर को सभी शिक्षण संस्थान, सरकारी दफ्तर, निगम, विकास प्राधिकरण, न्यायिक और प्रशासनिक इकाइयाँ पूर्णतः बंद रहेंगी। आवश्यक सेवाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

अधिकारियों के अनुसार, यह बदलाव प्रशासनिक आवश्यकताओं और व्यवस्थागत कारणों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। हालांकि आदेश में इस परिवर्तन के विशेष कारणों का विस्तृत उल्लेख नहीं है, फिर भी यह निर्णय प्रदेश में सभी संस्थानों पर समान रूप से लागू किया जाएगा।

छात्रों और कर्मचारियों की उम्मीदों पर असर

अवकाश तिथि में हुए इस परिवर्तन ने विद्यार्थियों और सरकारी कर्मचारियों के बीच हलचल पैदा कर दी है। लोग इस बात को लेकर आशान्वित थे कि 23 नवंबर रविवार के कारण यदि 24 नवंबर सोमवार को अवकाश रहता, तो दो दिनों की लगातार छुट्टी प्राप्त हो सकती थी। इससे कर्मचारियों और छात्रों को एक छोटा अवकाश अवसर मिल जाता, जिसे वे विश्राम, निजी कार्य या यात्रा के लिए उपयोग कर सकते थे।

लेकिन योगी सरकार द्वारा तिथि को 25 नवंबर में परिवर्तित करने से इन उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सोमवार को कर्मचारियों और छात्रों को अपने-अपने संस्थानों में उपस्थित रहना होगा, जबकि अवकाश मंगलवार को प्रदान किया गया है। इस निर्णय ने विशेष रूप से विद्यार्थियों और युवा कर्मचारियों के बीच हल्की निराशा पैदा की है, जो लंबा सप्ताहांत मिलने की संभावना के प्रति उत्साहित थे।

संत समाज और सिख समुदाय के सम्मान में निर्णय

गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस शौर्य, त्याग और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए किए गए बलिदान का स्मरण कराता है। इस अवसर पर प्रदेश भर में विशेष कार्यक्रम, श्रद्धांजलि सभाएँ और धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। सिख समुदाय तथा विभिन्न धर्मावलंबियों के लिए यह दिन अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायी माना जाता है।

अवकाश तिथि में बदलाव के बावजूद सरकार ने स्पष्ट किया है कि बलिदान दिवस के प्रति सम्मान और श्रद्धा में कोई कमी नहीं होगी। सभी जिलों में प्रशासनिक इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि आयोजन सुचारु रूप से संपन्न हो सकें, इसके लिए आवश्यक सहयोग और सुरक्षा प्रदान की जाए।

शिक्षा संस्थानों और कार्यालयों में प्रभाव

अवकाश की तिथि बदलने से शिक्षा संस्थानों के कैलेंडर, कक्षाओं, परीक्षाओं और अन्य गतिविधियों में मामूली समायोजन किया जाएगा। कई विश्वविद्यालय और कॉलेज सोमवार को होने वाली कक्षाओं के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में बदलाव कर सकते हैं। वहीं, सरकारी विभागों में भी कार्ययोजना को पुनर्गठित करने की तैयारी शुरू हो गई है।

कार्यालयों में मंगलवार को अवकाश रहने का अर्थ है कि सप्ताह के योजनागत कार्यों और बैठकों को नए समय के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा। विभागीय प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि इस परिवर्तन से कार्यप्रवाह प्रभावित न हो।

आम जनता की प्रतिक्रिया और व्यापक असर

अवकाश तिथि में छोटे से बदलाव ने भी सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले को प्रशासनिक निर्णय बताया है, जबकि कई लोगों ने इसे अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग कोणों से देखा है। कई अभिभावक इस बात से संतुष्ट हैं कि उन्हें स्कूल बंद रहने से बच्चों के साथ अतिरिक्त समय मिलेगा, जबकि कर्मचारी समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।

फिर भी, कुल मिलाकर यह निर्णय प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था और सार्वजनिक सेवाओं की सुगमता को ध्यान में रखकर लिया गया प्रतीत होता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव केवल वर्तमान वर्ष के कैलेंडर के संदर्भ में किया गया है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.