मुख्यमंत्री का प्रहार और दीपोत्सव विवाद
डिजिटल डेस्क, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर तनावपूर्ण माहौल बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखी टिप्पणी की है। गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव को श्रीराम, देवी-देवताओं, सनातन धर्म और इसके त्योहारों से नफरत है।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से दीपावली और अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर सपा प्रमुख के फिजूलखर्ची बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों और मोमबत्तियों पर किए जाने वाले खर्च को फिजूलखर्ची बताना किसानों, शिल्पकारों और प्रजापति समाज का अपमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “अखिलेश को गद्दी तो विरासत में मिली, बुद्धि नहीं।”
अयोध्या में दीपोत्सव का सामाजिक और आर्थिक महत्व
अयोध्या में दीप जलाने के औचित्य पर सवाल उठाने वाले अखिलेश यादव को यह नहीं पता कि दीपोत्सव के लिए बनाए जाने वाले दीप से प्रजापति समाज के लिए स्वावलंबन का मार्ग खुलता है और अन्नदाता किसानों की तिलहन की फसल का उपयोग होता है। इसके साथ ही प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने का प्रयास भी दीपोत्सव के माध्यम से सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष अयोध्या में 26 लाख 17 हजार दीयों का नया विश्व रिकार्ड बना है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष के लिए तो दीया जलाना भी समस्या है।
ईद मिलन और त्योहारों में पूर्व सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले मुख्यमंत्री आवास में ईद मिलन होता था, लेकिन दीपावली और होली मिलन जैसे कार्यक्रम नहीं आयोजित किए जाते थे। उन्होंने कहा कि उनका मानना था कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में ऐसे आयोजन नहीं होने चाहिए, और इसे सरकारी स्तर पर रोका गया।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समाज की सहभागिता से त्योहारों में उत्साह और सांस्कृतिक समृद्धि बढ़ी है।
सपा का अयोध्या विरोध और दुर्योधन प्रतिमा का मुद्दा
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि जब तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य को आगे बढ़ा रही थी, तब अखिलेश यादव सैफई में दुर्योधन की प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह जनता के रामभक्तों के प्रति सपा सरकार की नकारात्मक सोच का उदाहरण है।
कांग्रेस और धार्मिक असहिष्णुता पर टिप्पणी
योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले अदालत में भगवान राम और कृष्ण को मिथक बताने का एफिडेविट प्रस्तुत किया था। इसके विपरीत, आज अयोध्या और महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन देश और दुनिया के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले साल अयोध्या में छह करोड़ से अधिक लोग प्रभु श्रीराम के दर्शन करने आए, जबकि प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
उत्तर प्रदेश की सियासत में यह विवाद आगामी चुनावों के मद्देनजर और गर्म होता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणियां केवल दीपोत्सव पर नहीं, बल्कि सपा और कांग्रेस के धार्मिक दृष्टिकोण पर भी केंद्रित हैं। प्रदेश में इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।