वाराणसी में देव दीपावली की तैयारियों का योगी आदित्यनाथ ने लिया जायजा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वाराणसी में देव दीपावली की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा की। यह पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा और इसके लिए पूरे शहर में भव्य व्यवस्था की जा रही है।
काशी का संदेश विश्व तक पहुंचे
मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली केवल दीपों का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, धर्म और कर्तव्य भावना का प्रतीक है। उन्होंने निर्देश दिया कि काशी की देव दीपावली विश्व के सामने भारत की आत्मा और अध्यात्मिक चेतना का संदेश दे।
योगी ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि सभी तैयारियां समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता की हों। उन्होंने कहा, “काशी का स्वरूप ‘स्वच्छ काशी, हरित काशी, दिव्य काशी’ के रूप में दिखना चाहिए।”
गंगा घाटों से लेकर सड़कों तक रोशनी और सफाई
सीएम ने कहा कि घाटों से लेकर मुख्य मार्गों तक स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को सजावट, प्रकाश, सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं की तैयारियां शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पेयजल, शौचालय, सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए घाटों के पास नाव एंबुलेंस और रेस्क्यू बोट की व्यवस्था की जा रही है।
नाविकों के लिए सुरक्षा प्रबंध
योगी ने नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सभी नाविकों को लाइफ जैकेट, पंजीकरण टैग और मार्ग की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए और घाटों पर पर्याप्त पुलिस बल तथा एनडीआरएफ की टीम तैनात की जाएगी।
नमो घाट, दशाश्वमेध घाट और चेतसिंह घाट पर विशेष कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट और चेतसिंह घाट पर तैयारियों की समीक्षा की।
अधिकारियों ने बताया कि चेतसिंह घाट पर प्रतिदिन तीन बार 25 मिनट का ‘प्रोजेक्शन मैपिंग’ और लेज़र शो होगा। इसके अलावा काशी विश्वनाथ घाट और चेतसिंह घाट के बीच रेत पर ‘सैंड आर्ट’ इंस्टॉलेशन लगाए जाएंगे।
काशी विश्वनाथ धाम घाट के सामने 10 मिनट का ‘ग्रीन फायरवर्क शो’ और संगीतमय प्रस्तुति होगी।
गंगा महोत्सव से देव दीपावली तक का उत्सव
गंगा महोत्सव का आयोजन 1 नवंबर से 4 नवंबर तक किया जाएगा। इसके बाद 5 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। सीएम ने कहा कि दोनों आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि “प्रत्येक आगंतुक को काशी की गरिमा और अध्यात्म का अनुभव होना चाहिए।”
पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान का संगम
देव दीपावली वाराणसी की सांस्कृतिक पहचान का केंद्र है। यह पर्व हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। योगी सरकार का लक्ष्य इस आयोजन को ‘ग्लोबल कल्चरल फेस्टिवल’ के रूप में स्थापित करना है।
सरकार की योजना है कि घाटों की सुंदरता और काशी की धार्मिक परंपराओं को विश्वस्तर पर प्रचारित किया जाए। इस वर्ष 21 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है।
देव दीपावली के आयोजन के लिए योगी सरकार ने सुरक्षा, स्वच्छता और सजावट पर विशेष ध्यान दिया है। घाटों की रोशनी, स्वच्छ गंगा तट और अध्यात्मिक माहौल से काशी एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बनेगी।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।