पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बंगाली फिल्म जगत की जानी-मानी अभिनेत्री पार्नो मित्रा ने भाजपा को अलविदा कहते हुए तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। तृणमूल भवन में राज्य सरकार की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार की मौजूदगी में पार्नो ने पार्टी की सदस्यता ली। यह कदम बंगाल की राजनीति में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि पार्नो 2021 के विधानसभा चुनाव में बरानगर सीट से भाजपा की उम्मीदवार रह चुकी हैं।
राजनीतिक सफर का नया मोड़
पार्नो मित्रा का राजनीति में आना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव में बरानगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि उस समय उन्हें जीत नहीं मिल सकी थी, लेकिन उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उस दौरान भाजपा ने बंगाल में कई फिल्मी हस्तियों को अपने साथ जोड़ा था, जिसमें पार्नो भी शामिल थीं। लेकिन अब तीन साल बाद उनका यह कदम साफ करता है कि राजनीति में स्थायित्व और विचारधारा से ज्यादा जमीनी हकीकत मायने रखती है।
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होते हुए पार्नो ने कहा कि वह बंगाल की जनता के लिए काम करना चाहती हैं और उन्हें लगता है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में यह संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बंगाल के विकास और बंगाली अस्मिता की सच्ची रक्षक है।
तृणमूल भवन में हुआ भव्य स्वागत
तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय तृणमूल भवन में पार्नो मित्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने पार्नो को पार्टी का झंडा थमाया और उन्हें पार्टी परिवार में शामिल होने पर बधाई दी। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और पार्नो के स्वागत में जोश दिखाया।
चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि पार्नो जैसी युवा और प्रतिभाशाली महिला का तृणमूल में आना पार्टी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस हमेशा से महिला सशक्तिकरण पर जोर देती रही है और पार्नो इसकी मजबूती बनेंगी। वहीं जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि पार्नो की लोकप्रियता और उनकी जनता से जुड़ाव पार्टी को नई ऊर्जा देगा।
बीजेपी को बड़ा झटका
पार्नो मित्रा का तृणमूल में शामिल होना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। 2021 में जब बंगाल में चुनाव हुए थे, तब भाजपा ने कई फिल्मी सितारों और सेलिब्रिटी को अपने साथ जोड़ा था। इसमें पार्नो मित्रा, पायल सरकार, और कई अन्य नाम शामिल थे। लेकिन चुनावी नतीजों के बाद कई सेलिब्रिटी भाजपा से दूर हो गए और अब पार्नो का कदम इसी कड़ी में एक और जोड़ है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पाई है और इसी कारण उनके कई नेता और कार्यकर्ता या तो राजनीति से दूर हो गए हैं या फिर तृणमूल में शामिल हो रहे हैं। पार्नो का यह कदम भी इसी दिशा में एक संकेत है।
फिल्मी दुनिया से राजनीति तक का सफर
पार्नो मित्रा बंगाली सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री हैं। उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया है और दर्शकों के बीच उनकी अच्छी पहचान है। उनकी लोकप्रियता का ही नतीजा था कि 2021 में भाजपा ने उन्हें बरानगर से चुनाव लड़ाया था। हालांकि उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अच्छी संख्या में वोट हासिल किए थे।
अब तृणमूल में शामिल होकर पार्नो एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापसी कर रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में पार्टी उन्हें अहम जिम्मेदारी दे सकती है। खासकर युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी पहुंच को देखते हुए तृणमूल उन्हें अपने प्रचार अभियान में अहम भूमिका दे सकती है।
तृणमूल की रणनीति
तृणमूल कांग्रेस लगातार अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। पार्टी ने हाल के वर्षों में कई नए चेहरों को अपने साथ जोड़ा है, खासकर ऐसे लोग जो जनता के बीच लोकप्रिय हैं। पार्नो मित्रा का जुड़ना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी चाहती है कि युवाओं और शहरी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करे और इसके लिए फिल्मी हस्तियां और युवा चेहरे उसके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
ममता बनर्जी की पार्टी ने पिछले कुछ सालों में कई भाजपा नेताओं को अपने साथ जोड़ा है। इससे साफ है कि तृणमूल अपने संगठन को व्यापक बनाने और विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्नो का आना इस रणनीति को और मजबूती देता है।
आगे क्या होगा
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्नो मित्रा को तृणमूल में किस तरह की जिम्मेदारी दी जाती है। क्या उन्हें किसी चुनावी सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा या फिर पार्टी उन्हें संगठनात्मक जिम्मेदारी देगी, यह समय ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है कि बंगाल की राजनीति में उनकी वापसी चर्चा का विषय बनी रहेगी।
पार्नो का यह कदम बंगाल में भाजपा की घटती लोकप्रियता और तृणमूल की बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है। आने वाले समय में और भी कई चेहरे तृणमूल में शामिल हो सकते हैं, खासकर जब अगले विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे।