केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के आदेश के अनुसार पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों से जुड़ी जानकारी को डिजिटल माध्यम से दर्ज करने का काम शुरू किया गया है। लेकिन राज्य में मौजूद कुल 82 हजार वक्फ संपत्तियों में से अभी तक केवल 24 हजार संपत्तियों की जानकारी ही उम्मीद पोर्टल पर अपलोड की जा सकी है। पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और सेवानिवृत्त न्यायाधीश शहीदुल्लाह मुंशी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह जानकारी देते हुए बताया कि बाकी बची संपत्तियों की जानकारी को ट्रिब्यूनल के माध्यम से दर्ज करने का निर्देश केंद्र के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने दिया है।
डिजिटल प्रक्रिया अपनाना अब जरूरी
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि अब पुरानी पद्धति से वक्फ संपत्तियों को दर्ज नहीं किया जा सकेगा। अब से मैनुअल तरीके की जगह डिजिटल माध्यम से ही नई वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करनी होगी। शहीदुल्लाह मुंशी ने उन सभी लोगों से अपील की जो अभी तक अपनी वक्फ संपत्तियों की जानकारी दर्ज नहीं करा पाए हैं, कि जैसे ही नया पोर्टल चालू होगा, वे तुरंत अपनी संपत्तियों का विवरण अपलोड कर दें।
मुतावल्लियों से विशेष अपील
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने विशेष रूप से उन मुतावल्लियों से अनुरोध किया है जिन्होंने अभी तक अपनी संपत्तियों की जानकारी अपलोड नहीं की है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द वे अपनी संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज करा दें। उन्होंने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड को ट्रिब्यूनल की शक्तियां दी गई हैं। इस स्थिति में बोर्ड स्वतः प्रेरित होकर वक्फ संपत्तियों की जानकारी को अपलोड कर सकता है।
पार्क सर्कस में शुरू होगा अपलोडिंग का काम
शहीदुल्लाह मुंशी ने जानकारी दी कि कल से पार्क सर्कस स्थित हज हाउस में दस्तावेजों को अपलोड करने का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक नया पोर्टल खुला नहीं है। जिस दिन से पोर्टल खुलेगा, उसी दिन से अपलोडिंग का काम शुरू हो जाएगा। यह कदम संपत्तियों के दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए उठाया जा रहा है।
समयसीमा में मिला छह महीने का विस्तार
पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि 5 दिसंबर को उम्मीद पोर्टल पर संपत्तियों की जानकारी अपलोड करने की मेयाद समाप्त हो गई थी। इसके बाद वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में समयसीमा बढ़ाने के लिए आवेदन दिया था। ट्रिब्यूनल ने इस आवेदन को स्वीकार करते हुए वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय दिया है। अब अगले साल 24 जून तक संपत्तियों की जानकारी दर्ज करने की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
केंद्र सरकार के निर्देश का पालन जरूरी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने देश भर में वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के लिए यह पहल की है। इस निर्देश के तहत सभी राज्यों में वक्फ संपत्तियों का पूरा ब्यौरा डिजिटल रूप में दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। इससे संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ेगी और उनका उचित प्रबंधन हो सकेगा। पश्चिम बंगाल में भी इसी निर्देश के तहत यह प्रक्रिया चलाई जा रही है।
नई और पुरानी संपत्तियों का पंजीकरण
वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि जो लोग नई वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करना चाहते हैं, वे भी अपनी संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं। साथ ही, पहले से पंजीकृत वक्फ संपत्तियों के मुतावल्लियों से भी अनुरोध है कि वे अगले छह महीने के भीतर अपनी संपत्तियों की जानकारी उम्मीद पोर्टल पर जरूर दर्ज करा दें। यह प्रक्रिया संपत्तियों के रिकॉर्ड को व्यवस्थित और अद्यतन बनाने के लिए आवश्यक है।
58 हजार संपत्तियों का विवरण बाकी
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कुल 82 हजार वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें से केवल 24 हजार संपत्तियों की जानकारी ही अभी तक दर्ज की जा सकी है। यानी लगभग 58 हजार संपत्तियों का विवरण अभी भी बाकी है। वक्फ बोर्ड ने इन बाकी संपत्तियों को दर्ज कराने के लिए संबंधित मुतावल्लियों से संपर्क करने की योजना बनाई है। बोर्ड का उद्देश्य है कि 24 जून की नई समयसीमा तक सभी संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज हो जाए।
पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन का लक्ष्य
डिजिटल पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों की जानकारी दर्ज करने का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता लाना और इन संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है। इससे वक्फ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे या गलत उपयोग पर रोक लगाई जा सकेगी। साथ ही, इन संपत्तियों से होने वाली आय का सही उपयोग सामुदायिक विकास के लिए किया जा सकेगा।
शहीदुल्लाह मुंशी ने अपनी अपील में कहा कि जो भी मुतावल्ली अभी तक अपनी संपत्तियों का विवरण दर्ज नहीं करा पाए हैं, उन्हें इस छह महीने के विस्तारित समय का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस समयसीमा के भीतर भी संपत्तियों की जानकारी नहीं दी गई, तो बोर्ड को अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए स्वतः प्रेरित होकर इन संपत्तियों को पंजीकृत करना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि मुतावल्ली खुद ही अपनी संपत्तियों का विवरण समय रहते पोर्टल पर अपलोड कर दें।