पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बंगाल पर लगाए गए आरोपों का करारा जवाब दिया। 22 अलग-अलग मुद्दों को उठाते हुए कुणाल घोष ने भाजपा की नीतियों और बयानों पर सवाल खड़े किए।
2026 विधानसभा चुनाव और अमित शाह का दावा
कुणाल घोष ने अमित शाह के 2026 विधानसभा चुनाव से जुड़े दावों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा बार-बार बंगाल में सरकार बनाने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। तृणमूल का जनाधार बंगाल में मजबूत है और लोग ममता बनर्जी की सरकार पर भरोसा करते हैं।
घुसपैठ और फेंसिंग का मुद्दा
अमित शाह ने बंगाल में घुसपैठ और सीमा पर फेंसिंग को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि बंगाल के लोग भयभीत और आतंकित हैं। कुणाल घोष ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। अगर घुसपैठ हो रही है तो यह केंद्र की विफलता है, न कि राज्य की। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने भी घुसपैठ के मुद्दे पर बंगाल को निशाना बनाया, जिस पर तृणमूल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
मंदिर-मस्जिद की राजनीति पर प्रहार
कुणाल घोष ने भाजपा पर मंदिर-मस्जिद की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है और असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव है और यहां के लोग धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते।
तृणमूल के भ्रष्टाचार पर भाजपा का आरोप
अमित शाह ने तृणमूल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। कुणाल घोष ने इसका जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार ने गरीबों और आम लोगों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं।
उद्योग पलायन और वसूली का आरोप
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि वसूली के कारण बंगाल से उद्योग पलायन कर रहे हैं। कुणाल घोष ने इसे खारिज करते हुए कहा कि बंगाल में निवेश आ रहा है और राज्य सरकार उद्योगों को सभी सुविधाएं दे रही है।
मतुआ समुदाय और महिला सुरक्षा
अमित शाह ने मतुआ समुदाय और बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। कुणाल घोष ने कहा कि तृणमूल सरकार सभी समुदायों के हितों का ध्यान रखती है और महिला सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
एसआईआर मौत और राजनीतिक कटाक्ष
कुणाल घोष ने एसआईआर (सामाजिक-आर्थिक समीक्षा) के दौरान हुई मौतों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि लोगों को अनावश्यक परेशानी हो रही है। उन्होंने रुद्रनील घोष द्वारा राज चक्रवर्ती पर किए गए कटाक्ष पर “नो कमेंट” कहा। अधीर चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात और प्रवासी श्रमिकों के बारे में तृणमूल पर की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया गया।
हुमायूं की ब्रिगेड रैली और दावे
कुणाल घोष ने हुमायूं कबीर की ब्रिगेड रैली और उनके 10 लाख लोगों के जुटान के दावे पर भी बात की। हुमायूं का दावा है कि उनकी पार्टी चुनाव में निर्णायक होगी और तृणमूल तीसरे स्थान पर आएगी, जिसे कुणाल घोष ने खारिज किया।
अन्य मुद्दे
प्रेस कॉन्फ्रेंस में असित मजूमदार के बीएलए-2 दावे, मेट्रो परियोजना, जय गोस्वामी को सुनवाई में बुलाए जाने, और बांग्लादेश से भागकर आए सनातनी हिंदू संगठन की प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र हुआ। राकेश सिंह और मणीषी प्रसंग में नए नाम रवींद्रनाथ सान्याल का भी उल्लेख किया गया।