जरूर पढ़ें

स्कूल में छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के आरोप पर भड़की हिंसा, पुलिश और भीड़ में झड़प में 8 गिरफ्तार

West Bengal school protest: छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के आरोप पर भड़की हिंसा, पुलिस-जनता संघर्ष में 8 गिरफ्तार
West Bengal school protest: छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के आरोप पर भड़की हिंसा, पुलिस-जनता संघर्ष में 8 गिरफ्तार (File Photo)
Updated:

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बनगाँव में एक स्कूल में छात्रा के साथ कथित दुर्व्यवहार के आरोप को लेकर गुरुवार को भारी उथल-पुथल मच गई। गाड़ापोता उच्च बालिका विद्यालय की कक्षा आठ की एक छात्रा के साथ स्कूल के एक अस्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा शारीरिक छेड़छाड़ करने का आरोप लगा। इस घटना की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए।

विद्यालय परिसर और आसपास के इलाकों में करीब आठ घंटे तक जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। छात्राओं, अभिभावकों और स्थानीय लोगों की भीड़ ने बनगाँव-बागदा राज्य मार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया। गुस्साए लोगों ने विद्यालय के अंदर तोड़फोड़ भी की। शाम होते-होते स्थिति और भी बिगड़ गई और पुलिस तथा उत्तेजित भीड़ के बीच कई बार झड़पें हुईं।

पुलिस-जनता संघर्ष का दौर

जैसे-जैसे शाम ढली, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता गया। भीड़ ने पुलिस बल पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी भीड़ शांत नहीं हुई और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर फेंकने जारी रखे। इस हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें भी आईं।

पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया। देर रात तक इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती बनी रही। पुलिस ने धीरे-धीरे भीड़ को तितर-बितर करने में सफलता पाई। हालांकि, पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना रहा।

एक महिला सहित आठ लोग गिरफ्तार

हिंसक प्रदर्शन और पुलिस पर हमले के बाद पुलिश ने कार्रवाई तेज कर दी। पुलिस ने एक भाजपा नेता और एक महिला सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया। बाद में रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि गिरफ्तार लोगों की संख्या आठ है। गिरफ्तार लोगों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार लोगों के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने, राज्य मार्ग को अवरुद्ध करने और पुलिस के कामकाज में बाधा डालने सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार लोगों को शुक्रवार को बनगाँव थाने से बनगाँव उपखंड न्यायालय में पेश किया गया।

पुलिस की हिरासत की मांग

बनगाँव थाना पुलिस ने अदालत में गिरफ्तार आरोपियों की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की है। पुलिस का कहना है कि घटना की गहन जांच के लिए और सभी संलिप्त लोगों की पहचान के लिए आरोपियों से विस्तृत पूछताछ करनी जरूरी है। अदालत में पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काई और सार्वजनिक शांति भंग की।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे घटना के वीडियो फुटेज की जांच कर रहे हैं और अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

मूल आरोप क्या है

पूरे मामले की शुरुआत गाड़ापोता उच्च बालिका विद्यालय से हुई, जहां कक्षा आठ की एक छात्रा ने स्कूल के एक अस्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर शारीरिक छेड़छाड़ का आरोप लगाया। यह आरोप लगते ही छात्राओं और अभिभावकों में रोष फैल गया। लोगों ने तुरंत कार्रवाई की मांग की और स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल प्रशासन ने शुरुआत में इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। हालांकि, बाद में पुलिस ने आरोपित कर्मचारी को हिरासत में ले लिया और जांच शुरू की।

राजनीतिक आयाम

इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। एक भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

दूसरी ओर, सत्ताधारी दल के नेताओं ने कहा कि विपक्ष जनभावनाओं को भड़काकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति से पहले उनकी पृष्ठभूमि की गहन जांच होनी चाहिए। साथ ही स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुरक्षा उपाय अनिवार्य किए जाने चाहिए।

अभिभावकों ने भी स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्कूल में ऐसी घटना होना बेहद शर्मनाक है और इसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की भी है।

आगे की जांच जारी

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी कर्मचारी से पूछताछ की जा रही है और छात्रा का बयान दर्ज किया गया है। पुलिस ने स्कूल के अन्य स्टाफ सदस्यों से भी पूछताछ की है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि घटना कब और कैसे हुई और क्या स्कूल प्रशासन ने शुरुआत में इसे दबाने की कोशिश की।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर बाल सुरक्षा और स्कूलों में अनुशासन के मुद्दे को सामने ला दिया है। लोग सख्त कानून और त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

एक लेखक, चिंतक और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, जो खेल, राजनीति और वित्त की जटिलता को समझते हुए उनके बीच के रिश्तों पर निरंतर शोध और विश्लेषण करते हैं। जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को सरल, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।