बांग्लादेश में राजनीतिक तूफान: अवामी लीग ने ‘अवैध निर्णय’ के विरोध में राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान

Bangladesh Shutdown: बांग्लादेश में अवामी लीग का राष्ट्रव्यापी बंद और विरोध प्रदर्शन का आह्वान
Bangladesh Shutdown: बांग्लादेश में अवामी लीग का राष्ट्रव्यापी बंद और विरोध प्रदर्शन का आह्वान (Photo: IANS)
बांग्लादेश में अवामी लीग ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मृत्युदंड सुनाने वाले आईसीटी के फैसले को अवैध बताते हुए राष्ट्रव्यापी बंद और विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की है। पार्टी ने इस निर्णय को राजनीतिक साज़िश बताया, जबकि हसीना ने अंतरिम सरकार को अवैध और पक्षपाती करार देते हुए फैसले का कड़ा विरोध किया।
नवम्बर 17, 2025

बांग्लादेश में अवामी लीग का देशव्यापी बंद: राजनीतिक संघर्ष अपने चरम पर


अवैध फैसले के आरोपों के बीच तीखा राजनीतिक टकराव

बांग्लादेश की राजनीति इन दिनों गहरे उथल–पुथल के दौर से गुजर रही है। देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी अवामी लीग ने आगामी मंगलवार को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान करते हुए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा सुनाए गए उस फैसले को पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोप में दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड सुनाया गया है। अवामी लीग ने इस निर्णय को न केवल अवैध बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया है।

यह फैसला सोमवार को उस समय सुनाया गया, जब देश पहले से ही राजनीतिक अनिश्चितता और अंतरिम सरकार के कार्यशैली को लेकर व्यापक आलोचनाओं का सामना कर रहा था। अवामी लीग की ओर से जारी आधिकारिक बयान में आईसीटी के गठन से लेकर उसके निर्णय तक की पूरी प्रक्रिया को “फर्जी मुकदमेबाजी” और “कानूनी व्यवस्था को रौंदने का प्रयास” बताया गया है।


पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों को कठोर दंड

आईसीटी द्वारा सुनाए गए इस फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के साथ उनके दो प्रमुख सहयोगियों को भी दोषी करार दिया गया है। इनमें पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल को भी मृत्युदंड सुनाया गया, जबकि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्लाह अल–मामुन, जिन्होंने सरकारी गवाह बनने का निर्णय लिया था, को पांच वर्ष के कारावास की सजा दी गई है।

यह पूरा मामला जुलाई 2024 में हुई उन घटनाओं से जुड़ा बताया जाता है, जिन पर अदालत ने मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप स्थापित करने का दावा किया है। किंतु विपक्ष और अवामी लीग का आरोप है कि ये मुकदमे राजनीतिक रूप से प्रेरित थे, जिनका उद्देश्य केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निष्क्रिय करना था।


अवैध फैसले के विरुद्ध अवामी लीग की कड़ी प्रतिक्रिया

अवामी लीग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह फैसला एक सुव्यवस्थित साज़िश का हिस्सा है, जिसे “गैर–कानूनी और फासीवादी” अंतरिम सरकार और उसके नेतृत्वकर्ता डॉ. मोहम्मद यूनुस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया गया। बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि यह निर्णय उन युद्ध अपराधियों के मामलों का प्रतिशोध लेने के लिए रचा गया है, जिन्हें अवामी लीग नेतृत्व ने अपने शासनकाल में न्याय के दायरे में लाया था।

बयान में कहा गया: “यह फैसला बांग्लादेश के कानूनों और न्यायिक व्यवस्था को रौंदते हुए सुनाया गया है। यह एक पूर्वनियत राजनीतिक साज़िश है, जिसे उन ताकतों ने मिलकर रचा है जो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता की मूल भावना के विरुद्ध हैं। देश की जनता इस अवैध फैसले को स्वीकार नहीं करेगी।”


शेख हसीना की कड़ी प्रतिक्रिया: ‘यह फैसला एक धांधलीपूर्ण न्यायाधिकरण का परिणाम’

फैसले के तुरंत बाद शेख हसीना ने अपने बयान में कहा कि यह निर्णय एक “धांधलीपूर्ण और अवैध” न्यायाधिकरण का परिणाम है, जिसे उस अंतरिम सरकार ने स्थापित किया है जिसके पास लोकतांत्रिक वैधता नहीं है। उन्होंने फैसले को राजनीतिक रूप से पक्षपाती और सुनियोजित तरीक़े से तैयार किया गया बताया।

हसीना का कहना था कि अंतरिम सरकार देश को अव्यवस्था, हिंसा और सामाजिक पतन की ओर धकेल रही है और यह पूरी कार्रवाई उन्हें राजनीतिक रूप से समाप्त करने की एक साज़िश का हिस्सा है। उनके अनुसार, “यह प्रयास न केवल अवामी लीग को राजनीतिक रूप से कमजोर करने का है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को जड़ से हिलाने की कोशिश भी है।”


अंतरिम सरकार पर जनता का अविश्वास और बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता

डॉ. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पहले दिन से ही जनता के अविश्वास और आलोचनाओं का सामना कर रही है। अवामी लीग का आरोप है कि यह सरकार न तो जनता द्वारा चुनी गई है और न ही उसके कार्यों में लोकतांत्रिक पारदर्शिता झलकती है।

देश में बेरोज़गारी, महंगाई, हिंसा और सामाजिक अराजकता जैसे मुद्दों पर भी सरकार आलोचनाओं के घेरे में रही है। हसीना ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा प्रशासन उन वास्तविक समस्याओं से जनता को ध्यान हटाने के लिए ऐसे फैसलों का सहारा ले रहा है, ताकि वह अपने शासनकाल की विफलताओं पर पर्दा डाल सके।


आगामी दिनों में व्यापक विरोध की आशंका

अवामी लीग ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी बंद के साथ 19 से 21 नवंबर तक देशभर में विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला की घोषणा की है। यह तय माना जा रहा है कि इन प्रदर्शनों से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और भी अस्थिर हो सकती है।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि यदि सरकार और अवामी लीग दोनों अपने–अपने रुख पर अडिग रहे, तो देश एक व्यापक राजनीतिक टकराव की ओर बढ़ सकता है। इससे न केवल प्रशासनिक चुनौतियाँ गहरी होंगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी जनता को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।


देश की जनता राजनीतिक ध्रुवीकरण की चपेट में

बांग्लादेश में वर्षों से जारी राजनीतिक ध्रुवीकरण अब एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहा है, जहां जनता दो ध्रुवीय शक्तियों के बीच पिसती नज़र आ रही है। एक ओर अंतरिम सरकार है, जिसकी वैधता पर प्रश्नचिह्न लगे हुए हैं; दूसरी ओर अवामी लीग है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनता के अधिकारों की रक्षा के नाम पर संघर्षरत है।

इस टकराव के बीच आम जनता अपने दैनिक जीवन में अनिश्चितता, भय और अस्थिरता महसूस कर रही है। यह स्थिति देश के सामाजिक ताने–बाने और विकास प्रक्रिया पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

ये न्यूज IANS एजेंसी के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.