इस्राइल-गाज़ा संघर्षविराम में शवों का आदान-प्रदान, 30 फिलिस्तीनी शव लौटाए गए
गाज़ा पट्टी में जारी मानवीय संकट और इस्राइल-हमास संघर्षविराम के बीच शुक्रवार को एक संवेदनशील घटनाक्रम सामने आया। अस्पताल अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने पुष्टि की है कि इस्राइल ने 30 फिलिस्तीनी नागरिकों के शव गाज़ा को सौंपे हैं। यह सौंपे गए शव अब तक पहचाने नहीं जा सके हैं, और गाज़ा के नासेर अस्पताल में रखे गए हैं।
नासेर अस्पताल में शवों की पहचान की चुनौती
दक्षिणी गाज़ा के खान युनिस शहर स्थित नासेर अस्पताल के बाल रोग विभाग प्रमुख अहमद अल-फ़र्रा ने बताया कि इस्राइल द्वारा सौंपे गए शवों के साथ कोई पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं दिए गए हैं। अस्पताल प्रशासन डीएनए परीक्षण के बिना इन शवों की पहचान करने में असमर्थ है। अस्पताल परिसर में दर्जनों सफेद कफ़न में लिपटे शव कतारों में रखे गए दिखाई दिए।
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अब तक कुल 225 फिलिस्तीनी शव इस्राइल से वापस लाए जा चुके हैं। मंत्रालय यह स्पष्ट नहीं कर सका कि ये शव उन फिलिस्तीनियों के हैं जो 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान इस्राइल में मारे गए थे, या वे कैद के दौरान मौत के शिकार हुए, या फिर युद्ध में गाज़ा क्षेत्र से बरामद किए गए।
इस्राइल को मिले दो बंधकों के शव
इसके पहले, गुरुवार को हमास ने दो इस्राइली बंधकों के शव लौटाए थे — 25 वर्षीय सहार बरूख और 84 वर्षीय अमीराम कूपर। दोनों को 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के दौरान इस्राइल से अपहरण कर लिया गया था।
बरूख, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने वाले थे, किबुत्ज़ बे’एरी से अगवा किए गए थे। उनके भाई इदान उसी हमले में मारे गए थे। तीन महीने बाद इस्राइली सेना ने पुष्टि की कि वह एक असफल बचाव अभियान के दौरान मारे गए।
कूपर एक अर्थशास्त्री और किबुत्ज़ निर ओज़ के संस्थापक सदस्य थे। उनकी पत्नी नूरित को 17 दिनों के भीतर रिहा कर दिया गया था।
अब तक हमास ने कुल 17 बंधकों के शव लौटाए हैं, जबकि 11 अन्य शव संघर्षविराम समझौते के तहत बाद में लौटाए जाने हैं।
संघर्षविराम की शर्तें और चेतावनी
अमेरिकी अधिकारियों और वार्ताकारों ने बताया कि मध्यस्थों के जरिए हमास को चेतावनी दी गई कि “पीली सीमा” वाले क्षेत्र में मौजूद उसके लड़ाकों को 24 घंटे के भीतर हटना होगा, वरना इस्राइली सेना कार्रवाई करेगी। यह समयसीमा गुरुवार को समाप्त हो गई।
संघर्षविराम 10 अक्टूबर से लागू है, जिसका उद्देश्य दो वर्ष पुराने इस्राइल-हमास युद्ध को समाप्त करना है — जो अब तक का सबसे भीषण और विनाशकारी संघर्ष साबित हुआ है।
भयावह आंकड़े: 68,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए
हमास-नियंत्रित गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस दो साल लंबे संघर्ष में 68,600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। मंत्रालय के आंकड़ों में नागरिक और लड़ाके दोनों शामिल हैं, परंतु इसे स्वतंत्र विशेषज्ञ आम तौर पर विश्वसनीय मानते हैं।
दूसरी ओर, इस्राइल ने इन आंकड़ों को “अतिरंजित” बताया है लेकिन कोई वैकल्पिक आंकड़ा पेश नहीं किया।
पश्चिम तट पर भी हिंसा जारी
इसी बीच, वेस्ट बैंक के सिलवाद शहर में एक और दुखद घटना घटी। 15 वर्षीय यामेन हमद की मौत एक इस्राइली सैनिक की गोली से हुई। इस्राइली सेना का कहना है कि वह “विस्फोटक” लिए हुए था, जबकि स्थानीय निवासियों का कहना है कि वह निहत्था था।
हमद की मौत के साथ ही पश्चिम तट में बच्चों की हत्याओं की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो युद्ध के शुरू होने के बाद से असाधारण स्तर पर पहुंच गई है।
मानवता की पुकार: शवों का आदान-प्रदान बना उम्मीद की किरण
लगातार बमबारी, कैद और मौत के बीच, इस्राइल और हमास के बीच शवों का आदान-प्रदान इस जमी हुई हिंसा में एक मानवीय पहल के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रक्रिया स्थायी रूप से जारी रही, तो यह वृहद युद्धविराम और शांति वार्ता की दिशा में पहला कदम बन सकती है।
गाज़ा में लौटाए गए इन 30 शवों ने एक बार फिर युद्ध के मानवीय पहलू को उजागर किया है — जहां आंकड़ों के पीछे छिपे चेहरों की पहचान अभी बाकी है। संघर्षविराम के बीच शवों का यह आदान-प्रदान भले ही राजनीतिक या सैन्य स्तर पर छोटा कदम लगे, लेकिन मानवता के लिहाज़ से यह एक बड़ी आशा की किरण बनकर उभरा है।
ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।
 
            

 
                 Aryan Ambastha
Aryan Ambastha 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    