मदीना बस हादसा: भारतीय जायरीनों का सामूहिक अंतिम संस्कार गुरुवार को, तेलंगाना सरकार राहत कार्यों में सक्रिय

Madina Bus Accident
Madina Bus Accident: मदीना बस हादसे में मारे गए भारतीय जायरीनों का सऊदी अरब में सामूहिक अंतिम संस्कार (File Photo)
नवम्बर 18, 2025

मदीना बस दुर्घटना में मारे गए भारतीय तीर्थयात्रियों का सामूहिक अंतिम संस्कार गुरुवार को संभव

सऊदी अरब के मदीना में हुए हालिया बस हादसे ने पूरे भारत, विशेषकर तेलंगाना राज्य, को गहरे शोक में डाल दिया है। उमरा के लिए गए भारतीय जायरीनों की बस में हुए इस भीषण हादसे में 40 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें अधिकतर भारतीय तीर्थयात्री थे। अब इन मृतकों के शवों को मदीना के प्रसिद्ध कब्रिस्तान जन्नतुल बाकी में सामूहिक रूप से दफनाने की तैयारी की जा रही है।

हादसे की भयावहता और प्रारंभिक घटनाक्रम

यह दुर्घटना रविवार देर रात मदीना से लगभग 40 किलोमीटर दूर उस समय हुई, जब मक्का से मदीना जा रही तीर्थयात्रियों की बस सड़क किनारे खड़ी थी। तभी एक तेज रफ्तार तेल टैंकर बस से जा टकराया। टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ ही क्षणों में बस में आग भड़क उठी और यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे में मौके पर ही कई लोगों की जलकर मौत हो गई, जबकि शेष गंभीर रूप से घायल हुए। सऊदी प्रशासन और राहत दलों ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन आग की तीव्रता ने जान बचाने की संभावनाओं को बहुत कम कर दिया।

हैदराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने मृतकों की संख्या 45 बताई है, जबकि प्रारंभिक रिपोर्टों में 44 लोगों के मारे जाने का उल्लेख था। यह हादसा स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गया, क्योंकि अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके थे और उनकी पहचान कठिन हो गई थी।

डीएनए परीक्षण से होगी पहचान की पुष्टि

तेलंगाना सरकार और सऊदी प्रशासन ने सभी शवों को सुरक्षित रखकर पहचान की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। गंभीर रूप से झुलसे शवों के कारण परिजनों की पहचान संभव नहीं होने से अब डीएनए परीक्षण एकमात्र सुरक्षित तरीका माना जा रहा है।
सऊदी स्वास्थ्य विभाग भारतीय अधिकारियों के सहयोग से मृतकों के डीएनए नमूने परिजनों से मिलाएगा।
अंतिम संस्कार की औपचारिकता और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया भी डीएनए मिलान के बाद ही पूरी होगी।

परिजनों का रवाना होना और सरकारी टीम की सक्रियता

तेलंगाना सरकार ने मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। मृतकों के लगभग 50 परिजन तेलंगाना से सऊदी अरब के लिए रवाना होंगे ताकि अंतिम संस्कार के धार्मिक अवसर पर उपस्थित रह सकें।
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम सऊदी अरब पहुंच चुकी है। यह टीम राहत कार्यों की निगरानी कर रही है और भारतीय दूतावास के साथ संपर्क में है।

जन्नतुल बाकी में दफनाने की तैयारी

मदीना स्थित जन्नतुल बाकी मुसलमानों के प्रमुख धार्मिक कब्रिस्तानों में से एक है, जहां कई ऐतिहासिक हस्तियों की कब्रें हैं।
सऊदी प्रशासन ने भारतीय मिशन के साथ बातचीत के बाद मृतकों को इसी कब्रिस्तान में दफनाने का निर्णय लिया है। धार्मिक परंपराओं और स्थानीय नियमों के अनुसार यह प्रक्रिया गुरुवार तक पूरी की जा सकती है।

तेलंगाना सरकार का मुआवजा और राहत घोषणा

तेलंगाना सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। यह राशि परिजनों की तात्कालिक सहायता और आगे की प्रक्रिया में मदद के लिए प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, सऊदी सरकार भी मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर सकती है। इस संबंध में बातचीत जारी है।

भारतीय मिशन की भूमिका और सहायता केंद्र

जेद्दा स्थित भारतीय दूतावास ने मदीना में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, ताकि पीड़ित परिवारों को सहायता, दिशा-निर्देश और आवश्यक जानकारी प्रदान की जा सके।
कांसुलेट जनरल फहद अहमद खान सूरी ने अस्पताल में भर्ती दुर्घटना के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति अब्दुल शोएब मोहम्मद से मुलाकात की है। उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है, और इलाज जारी है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संवेदना

ईरान सरकार ने भारतीय तीर्थयात्रियों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उसने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना और घायल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है। यह दिखाता है कि दुर्घटना ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया है।

मानवीय त्रासदी और प्रशासनिक चुनौतियाँ

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई परिवारों की भावनात्मक दुनिया को झकझोर देने वाली मानवीय त्रासदी है।
सऊदी अरब के कठोर रेगिस्तानी इलाकों में इस प्रकार की सड़क दुर्घटनाएँ पहले भी होती रही हैं, लेकिन इस बार इसकी मारक संख्या और भारतीय नागरिकों की बड़ी हिस्सेदारी ने इसे और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

आगे की राह

सरकारी स्तर पर जांच की मांग भी उठ सकती है कि क्या तीर्थयात्री बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है या नहीं। भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने हेतु नए नियम और सख्त निगरानी की आवश्यकता होगी।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.