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POK में हिंसक प्रदर्शन थमे: पाकिस्तान सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच हुआ 25 सूत्रीय समझौता, 10 की मौत के बाद बनी सहमति

Pakistan PoK protests agreement – पाकिस्तान सरकार और प्रदर्शनकारियों में 25 सूत्रीय समझौता, 10 लोगों की मौत के बाद थमे विरोध
Pakistan PoK protests agreement – पाकिस्तान सरकार और प्रदर्शनकारियों में 25 सूत्रीय समझौता, 10 लोगों की मौत के बाद थमे विरोध (Photo: Wiki)
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पीओके में हिंसा के बाद बनी सहमति: पाकिस्तान सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच 25 सूत्रीय समझौता

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पिछले कई दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बाद अब हालात कुछ सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं। शनिवार को पाकिस्तान की संघीय सरकार और जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के प्रतिनिधियों के बीच 25 सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिससे क्षेत्र में शांति बहाल होने की उम्मीद है।

इन प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की पुष्टि की गई है, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।


हिंसक टकरावों से समझौते तक का सफर

यह आंदोलन 29 सितंबर को तब शुरू हुआ जब सरकार और JKJAAC के नेताओं के बीच वार्ता विफल हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने पहले ही 38 सूत्रीय मांग-पत्र जारी कर दिया था, जिसमें सरकार से स्पष्ट कहा गया था कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सड़कों पर उतरेंगे।
बातचीत टूटते ही स्थिति बिगड़ गई, और पुलिस के साथ टकराव में कई लोगों की जान चली गई।

जैसे-जैसे स्थिति नियंत्रण से बाहर होती गई, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़ की अगुवाई में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मज़फ्फराबाद भेजा ताकि शांति वार्ता फिर से शुरू की जा सके।


समझौते के प्रमुख बिंदु

दो दिनों की गहन वार्ता के बाद शुक्रवार देर रात दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया।
पार्लियामेंट्री मामलों के मंत्री तारिक फ़ज़ल चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा —

“सरकारी वार्ता समिति और एक्शन कमेटी के बीच अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। प्रदर्शनकारी अब अपने घरों को लौट रहे हैं और सभी सड़कें फिर से खोल दी गई हैं। यह शांति की जीत है।”

समझौते की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं —

  1. हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।

  2. जिन घटनाओं में पुलिसकर्मियों या नागरिकों की मौत हुई, उन पर आतंकवाद से जुड़े मामले दर्ज किए जाएंगे।

  3. संघीय सरकार मज़फ्फराबाद और पूंछ डिवीज़न के लिए दो नए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित करेगी।

  4. स्वास्थ्य कार्ड योजना को 15 दिनों के भीतर लागू करने के लिए धन जारी किया जाएगा, जिससे नागरिकों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।

  5. हर ज़िले में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें चरणबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी।

  6. केंद्र सरकार ₹10 अरब पाकिस्तानी रुपये (PKR) की राशि पीओके के बिजली तंत्र सुधार के लिए प्रदान करेगी।

  7. कैबिनेट का आकार 20 मंत्रियों और सलाहकारों से अधिक नहीं होगा।

  8. प्रशासनिक विभागों के एकीकरण और पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

  9. नीलम घाटी रोड पर दो सुरंगों (कहोरी/कमसर – 3.7 किमी और चपलानी – 0.6 किमी) के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा।

  10. मीरपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की दिशा में प्रारंभिक कार्य शुरू किया जाएगा।

  11. संपत्ति हस्तांतरण पर कर दरें पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के समान की जाएंगी।

  12. एक मॉनिटरिंग और इंप्लीमेंटेशन कमेटी गठित की जाएगी जो समझौते के सभी बिंदुओं की निगरानी करेगी।


शांति बहाली की ओर कदम

शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन शटडाउन जारी रहा था। सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह ठप हो गया था और केवल कुछ निजी वाहन या मोटरसाइकिलें सड़कों पर दिख रही थीं।
रविवार को लागू किया गया संचार प्रतिबंध (communication blackout) अभी भी जारी था, जिससे लोगों में गहरी नाराज़गी फैल रही थी।

अब, समझौते के बाद प्रशासन ने सड़कें और बाजार दोबारा खोलने का आदेश दिया है। स्थानीय स्तर पर शांति समितियां गठित की जा रही हैं ताकि दोबारा हिंसा की स्थिति न बने।


राजनीतिक संकेत और आगे की राह

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह समझौता पाकिस्तान सरकार के लिए राहत की सांस है, क्योंकि पीओके में बढ़ता असंतोष न केवल प्रशासनिक बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी छवि को नुकसान पहुंचा रहा था।
हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि सरकार अपने वादों को कितनी तेजी से लागू करती है और क्या इससे क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता आ सकेगी।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों के बाद हुआ यह 25 सूत्रीय समझौता सरकार और जनता के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लेकिन यह तभी प्रभावी साबित होगा जब सरकार अपने वादों को ईमानदारी से पूरा करे और नागरिकों की वास्तविक समस्याओं का समाधान निकाले।
फिलहाल, कई दिनों की अशांति के बाद पीओके में शांति की पहली किरणें दिखाई दे रही हैं।

(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को राष्ट्र भारत के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं किया गया है और यह एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित की गई है।)


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com