पाकिस्तानी ड्रोन से हेरोइन तस्करी का बड़ा प्रयास नाकाम
जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने इसे नाकाम कर दिया। सोमवार सुबह बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और पुलिस के संयुक्त अभियान में 5 किलो से अधिक हेरोइन से भरे दो बैग बरामद किए गए।
अधिकारियों के अनुसार, यह हेरोइन अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 25 करोड़ रुपये की कीमत की है। यह कार्रवाई आरएस पुरा सेक्टर के बॉर्डर आउटपोस्ट ‘जतींदर’ के पास की गई।
सुबह 6 बजे देखा गया पाकिस्तानी ड्रोन
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह लगभग 6 बजे भारतीय क्षेत्र में एक पाकिस्तानी ड्रोन को मंडराते हुए देखा गया।
इसके तुरंत बाद बीएसएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया।
सर्च ऑपरेशन के दौरान खेतों में दो पीले रंग के बैग मिले, जिनमें कुल दस छोटे पैकेट लिपटे हुए थे।
बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया—
“सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हमारे जवानों ने पाकिस्तान की ओर से की गई एक और नशीली तस्करी की कोशिश को विफल कर दिया है।”
खेतों से बरामद हुई हेरोइन, जांच जारी
प्रवक्ता के अनुसार,
“27 अक्टूबर की सुबह गांव बिदीपुर के पास तलाशी अभियान के दौरान दो पीले रंग के पैकेट बरामद किए गए, जिनका कुल वजन लगभग 5.300 किलोग्राम है।
बरामद वस्तु संदिग्ध हेरोइन प्रतीत हो रही है और यह संभवतः पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से गिराई गई है।
इलाके की पूरी तरह से तलाशी ली जा रही है।”
पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया है और उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पाकिस्तान से लगातार जारी ड्रोन घुसपैठ
बीते कुछ महीनों में जम्मू और पंजाब सीमाओं पर पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधियों में तेज़ी देखी जा रही है।
ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से अक्सर नशीले पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद भारतीय सीमा में गिराए जाते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ड्रोन तस्करी पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्क और नशीली तस्करी के गिरोहों की साझा रणनीति का हिस्सा है।
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि सीमा चौकियों पर नाइट विज़न उपकरणों और एंटी-ड्रोन तकनीक की तैनाती बढ़ाई जा रही है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
सुरक्षा बलों की सतर्कता से बची बड़ी तस्करी
बीएसएफ और पुलिस की टीमों की समय पर प्रतिक्रिया और सतर्कता ने एक बड़ा नशीला पदार्थ तस्करी नेटवर्क ध्वस्त कर दिया।
अधिकारियों का कहना है कि अगर यह हेरोइन भारतीय सीमा में सफलतापूर्वक पहुंच जाती, तो इससे आतंकी नेटवर्क को भारी आर्थिक सहायता मिल सकती थी।
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि “मामले में एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय एजेंसियों को भी सूचित किया गया है।”
सीमा पार से जारी है हेरोइन का व्यापार
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान से भारतीय सीमाओं पर ड्रोन के ज़रिए हेरोइन और हथियार गिराने का चलन पिछले दो वर्षों में कई गुना बढ़ा है।
ज्यादातर ड्रोन पंजाब और जम्मू सेक्टर में सक्रिय पाए जाते हैं।
बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि तस्कर अब नई तकनीक वाले छोटे ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं जो रात के अंधेरे में रडार की पकड़ में नहीं आते।
स्थानीय ग्रामीणों की मदद से मिली सफलता
सूत्रों के अनुसार, रविवार देर रात ग्रामीणों ने सीमा के पास एक अजीब आवाज़ और चमकती रोशनी देखी थी, जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ को इसकी सूचना दी।
सुबह तलाशी के दौरान ही खेतों में दो बैग बरामद हुए, जिनसे यह खुलासा हुआ।
यह घटना फिर साबित करती है कि सीमा सुरक्षा बल और स्थानीय नागरिकों के बीच सहयोग ही नशे के व्यापार को रोकने की सबसे बड़ी ताकत है।
केंद्र सरकार का सख्त रुख
केंद्र सरकार पहले ही पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन खतरों को लेकर सतर्क है। गृह मंत्रालय ने हाल ही में बीएसएफ और एनआईए को ड्रोन-आधारित तस्करी के मामलों की संयुक्त निगरानी का आदेश दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अब ड्रोन निगरानी तकनीक को और उन्नत करने की आवश्यकता है ताकि सीमा पार से होने वाले इन प्रयासों को पूरी तरह नाकाम किया जा सके।
ये न्यूज पीटीआई (PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित हो गई है।