प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे। यह पहली बार है जब अफ्रीकी महाद्वीप पर जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जोहानिसबर्ग एक्सपो सेंटर में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण विश्व नेताओं से मुलाकात की और भारत की ओर से महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे।
विश्व नेताओं से महत्वपूर्ण मुलाकातें
जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय बातचीत की। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से उनकी मुलाकात विशेष रूप से सौहार्दपूर्ण रही। दोनों नेता मुस्कुराते और हाथ मिलाते हुए नजर आए, जो भारत-इटली के बीच मजबूत होते रिश्तों का प्रतीक है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने ब्राजीली राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डि सिल्वा को गले लगाया, जो दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाता है। ब्राजील और भारत दोनों ही ब्रिक्स समूह के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करने में साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
#WATCH | Johannesburg, South Africa | Prime Minister Narendra Modi interacts with Italian Prime Minister Giorgia Meloni during the G-20 Summit
(Source: DD News) pic.twitter.com/a4DvBgOLmD
— ANI (@ANI) November 22, 2025
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ भी पीएम मोदी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर इन मुलाकातों की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह एक समावेशी, न्यायपूर्ण और सतत विश्व के लिए एकजुट होकर प्रयास का प्रतीक है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मुलाकात
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर से मिलकर बहुत अच्छा लगा। इस साल भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नई ऊर्जा आई है और हम इसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ाते रहेंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत चल रही है।
नशा-आतंकवाद गठजोड़ के खिलाफ भारत का प्रस्ताव
जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत ने मादक पदार्थों और आतंकवाद के गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी20 में विशेष पहल किए जाने का प्रस्ताव रखा है।
यह प्रस्ताव अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में आतंकवादी संगठन नशीली दवाओं की तस्करी से धन जुटाते हैं और इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में करते हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है।
भारत लंबे समय से इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करता रहा है। पीएम मोदी का यह प्रस्ताव वैश्विक सुरक्षा और शांति के लिए एक समन्वित प्रयास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल का प्रस्ताव
पीएम मोदी ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा जो स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जी20 वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रतिक्रिया दल बनाने से संबंधित है। कोविड-19 महामारी ने दुनिया को यह सिखाया है कि स्वास्थ्य संकट किसी भी समय आ सकता है और उससे निपटने के लिए वैश्विक सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत ने जी20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम बनाने का प्रस्ताव रखा है। स्वास्थ्य आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं के समय जब हम मिलकर काम करते हैं तो हम और मजबूत होते हैं। हमारी कोशिश साथी जी20 देशों से प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम बनाने की होनी चाहिए जो किसी भी आपातकाल में तुरंत तैनात होने के लिए तैयार रहें।
यह प्रस्ताव विशेष रूप से उन देशों के लिए फायदेमंद होगा जहां स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा कमजोर है। किसी भी स्वास्थ्य संकट या प्राकृतिक आपदा के समय यह टीम तुरंत वहां पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में सहायता कर सकेगी।
समावेशी और सतत विकास पर जोर
जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने समावेशी और सतत विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी20 समिट के पहले सेशन में बात की, जिसमें सबको साथ लेकर चलने और सस्टेनेबल विकास पर फोकस किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीका पहली बार जी20 समिट की मेजबानी कर रहा है, इसलिए अब हमारे लिए अपने विकास मापदंडों पर फिर से सोचने और सबको साथ लेकर चलने वाली और टिकाऊ विकास पर फोकस करने का सही समय है।
भारतीय सभ्यतागत मूल्यों का उल्लेख
पीएम मोदी ने भारत के सभ्यतागत मूल्यों, खासकर समग्र मानववाद यानी इंटीग्रल ह्यूमैनिज़्म के सिद्धांत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता है। भारत की प्राचीन परंपरा में वसुधैव कुटुंबकम यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, इस विचार को हमेशा महत्व दिया गया है।
यह दृष्टिकोण आज की वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में मददगार हो सकता है। जलवायु परिवर्तन, गरीबी, भुखमरी, आतंकवाद और महामारी जैसी समस्याएं किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी मानवता की हैं। इनका समाधान भी सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
अफ्रीका में पहला जी20 शिखर सम्मेलन
यह जी20 शिखर सम्मेलन अफ्रीकी महाद्वीप के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहली बार है जब कोई अफ्रीकी देश इस महत्वपूर्ण मंच की मेजबानी कर रहा है। दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में यह सम्मेलन अफ्रीकी देशों की समस्याओं और विकास की जरूरतों को वैश्विक मंच पर उठाने का अवसर प्रदान करता है।
भारत ने हमेशा अफ्रीकी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखे हैं। भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन और अन्य द्विपक्षीय साझेदारियों के माध्यम से भारत अफ्रीका के विकास में योगदान दे रहा है। इस जी20 शिखर सम्मेलन में भी भारत अफ्रीकी देशों की चिंताओं को आवाज देने में सहयोग कर रहा है।
भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नई ऊर्जा
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ अपनी मुलाकात के बाद कहा कि इस साल भारत-ब्रिटेन साझेदारी में नई ऊर्जा आई है। दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है जो रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है।
हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय दौरे और बातचीत बढ़ी है। मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता आगे बढ़ रही है और दोनों पक्ष जल्द से जल्द इसे अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की उपस्थिति और उनके द्वारा रखे गए प्रस्ताव भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और जिम्मेदारी को दर्शाते हैं। नशा-आतंकवाद के गठजोड़ के खिलाफ और वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल के गठन जैसे प्रस्ताव वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत के नेतृत्व को उजागर करते हैं।