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तेज हवाओं के बीच ब्राजील में गिरी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, सोशल मीडिया पर Video Viral

Statue of Liberty Replica
Statue of Liberty Replica (Pic Credit- Screen Grab X @DeccanChronicle)
ब्राजील के गुआइबा शहर में तेज तूफान के कारण स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की एक रेप्लिका गिर गई। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने सुरक्षा मानकों, शहरी नियोजन और बदलते मौसम के बीच सार्वजनिक संरचनाओं की मजबूती पर नई बहस छेड़ दी।
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Statue of Liberty: दुनिया भर में ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ आज़ादी, लोकतंत्र और खुले समाज का प्रतीक मानी जाती है। अमेरिका के न्यूयॉर्क हार्बर में खड़ी मूल प्रतिमा सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है। रविवार को ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल के गुआइबा शहर में मौसम ने अचानक करवट ली। करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं ने शहर के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया। इसी दौरान हावन रिटेल कंपनी के मेगास्टोर के बाहर स्थापित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की विशाल रेप्लिका तेज हवा के दबाव को झेल नहीं सकी और धीरे-धीरे झुकते हुए ज़मीन पर गिर गई।

वीडियो में साफ दिखाई देता है कि प्रतिमा कुछ सेकंड तक हवा से संघर्ष करती रही और फिर खाली पार्किंग एरिया में गिर पड़ी। सौभाग्य से जिस समय यह घटना हुई, वहां कोई वाहन या व्यक्ति मौजूद नहीं था। 11 मीटर ऊंचा बेस अपनी जगह मजबूती से टिका रहा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि गिरने का कारण मुख्य संरचना पर पड़ा हवा का दबाव था।

जनहानि नहीं, लेकिन चिंता गहरी

इस घटना में किसी के हताहत न होने को प्रशासन और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस के रूप में देखा। आसपास मौजूद लोगों ने समय रहते अपने वाहन हटा लिए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। लेकिन सवाल यह भी उठा कि अगर यह घटना व्यस्त समय में होती, तो परिणाम कितने भयावह हो सकते थे।
गुआइबा के मेयर मार्सेलो मारानाटा ने सोशल मीडिया पर घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरी, लेकिन किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। उन्होंने हावन कंपनी के कर्मचारियों की तत्परता की सराहना की, जिन्होंने तुरंत इलाके को सुरक्षित किया।

कंपनी का पक्ष और सुरक्षा मानकों की चर्चा

हावन रिटेल कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि प्रतिमा सभी तकनीकी और इंजीनियरिंग मानकों के अनुरूप बनाई गई थी। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत पूरे क्षेत्र को सील किया गया और मलबा हटाने का काम शुरू किया गया।
हालांकि कंपनी के इस बयान के बावजूद विशेषज्ञों और आम नागरिकों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इतने बड़े प्रतीकों को खुले सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित करते समय अत्यधिक मौसम परिस्थितियों को पर्याप्त रूप से ध्यान में रखा जाता है।

पहले से जारी थी चेतावनी

इस तूफान को लेकर नागरिक सुरक्षा विभाग पहले ही अलर्ट जारी कर चुका था। मोबाइल फोन पर साइलेंट मोड में भी चेतावनियां भेजी गई थीं, जिनमें लोगों को खुले इलाकों से दूर रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी। मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव की प्रणाली के कारण इलाके में तेज हवाएं और अचानक मौसम परिवर्तन देखने को मिला।
यह सवाल भी उठ रहा है कि जब चेतावनी पहले से थी, तो क्या संवेदनशील संरचनाओं के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जा सकते थे।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह पहला मौका नहीं है जब हावन स्टोर के बाहर लगी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका गिरी हो। साल 2021 में कैपाओ दा कानोआ शहर में भी 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं के दौरान ऐसी ही एक प्रतिमा गिर चुकी थी। उस समय संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

सोशल मीडिया पर प्रतीक और संदेश

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कुछ लोगों ने इसे महज एक हादसा बताया, तो कुछ ने इसे प्रतीकात्मक रूप देते हुए आधुनिक समय की विडंबना करार दिया। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या आज़ादी और लोकतंत्र जैसे बड़े प्रतीकों का व्यावसायिक उपयोग उनके मूल अर्थ को कमजोर करता है।
वहीं, कुछ लोगों ने सुरक्षा और जिम्मेदारी के मुद्दे को प्राथमिक मानते हुए प्रशासन और कंपनी से जवाबदेही की मांग की।

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Dipali Kumari

दीपाली कुमारी पिछले तीन वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में कार्यरत हैं। उन्होंने रांची के गोस्सनर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक सरोकारों, जन-जागरूकता और जमीनी मुद्दों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। आम लोगों की आवाज़ को मुख्यधारा तक पहुँचाना और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को धारदार लेखन के माध्यम से सामने लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है।