नई दिल्ली। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने दुबई एयर शो में भारतीय लड़ाकू विमान तेजस के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए साफ किया है कि तेजस विमान में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी नहीं है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
दुबई में क्या हुआ था
दुबई एयर शो के आखिरी दिन भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह पहली बार था जब तेजस विमान किसी विदेशी धरती पर क्रैश हुआ। इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा क्योंकि यह एयर शो एक अंतरराष्ट्रीय मंच था जहां भारत अपनी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहा था। हालांकि इस हादसे में पायलट सुरक्षित बच गए थे। यह घटना भारतीय विमानन इतिहास में एक दुर्भाग्यपूर्ण क्षण था।
एचएएल प्रमुख का स्पष्ट संदेश
एएनआई के राष्ट्रीय सुरक्षा शिखर सम्मेलन में रक्षा निर्यात पर बात करते हुए डीके सुनील ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि तेजस विमान में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि यह एक शानदार लड़ाकू विमान है जो पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरी दुनिया में इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है।
तेजस कार्यक्रम पर कोई असर नहीं
एचएएल चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि दुबई में हुई इस दुर्घटना का तेजस कार्यक्रम के भविष्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब कोई देश आगे बढ़ता है और अपनी खुद की तकनीक का इस्तेमाल करता है तो उसे कई चरणों से गुजरना पड़ता है। भारत ने आज नई क्षमता के साथ 4.5 पीढ़ी के इस विमान को बनाया है जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
तेजस का सुरक्षा इतिहास
गौर करने वाली बात यह है कि तेजस विमान के निर्माण के बाद से अब तक केवल दो बार ही दुर्घटना हुई है। यह आंकड़ा विमान की सुरक्षा और विश्वसनीयता को दर्शाता है। किसी भी नए विमान के विकास में शुरुआती चरणों में कुछ चुनौतियां आना सामान्य है लेकिन तेजस का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है।
देश को है गर्व
डीके सुनील ने कहा कि हम सभी को इस उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने कहा कि भले ही लोग कुछ भी कहें और बातें बनाएं लेकिन हमें पीछे नहीं हटना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 180 तेजस विमानों के ऑर्डर हैं और यह संख्या आगे बढ़ने वाली है। उन्होंने विश्वास जताया कि तेजस के लिए एक बड़ा निर्यात बाजार भी तैयार होगा।
तेजस की खासियतें
तेजस भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है। यह 4.5 पीढ़ी का आधुनिक लड़ाकू विमान है जो अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें आधुनिक रडार सिस्टम, हथियार प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं शामिल हैं। विमान की गति, चपलता और युद्धक क्षमता इसे दुनिया के अन्य लड़ाकू विमानों के बराबर खड़ा करती है।
एचएएल के भविष्य के प्रोजेक्ट
मानवरहित लड़ाकू विमान
एचएएल चेयरमैन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन यानी यू-सीएवी को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। कैट्स वॉरियर नाम का यह प्रोजेक्ट 2026 तक तैयार हो जाएगा और 2027 तक उड़ान भरना शुरू कर देगा। यह भारत की रक्षा क्षमता में एक नया आयाम जोड़ेगा।
समुद्री हेलीकॉप्टर परियोजना
इसके अलावा एचएएल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर मैरीटाइम यानी यूएचएम पर भी काम कर रहा है। यह परियोजना भी 2027 में उड़ान भरना शुरू कर देगी। यह हेलीकॉप्टर समुद्री सुरक्षा और बचाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रक्षा निर्यात की संभावनाएं
भारत तेजी से रक्षा उपकरणों के निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। तेजस विमान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कई देशों ने इस विमान में रुचि दिखाई है। मलेशिया, मिस्र और कुछ अन्य देश तेजस की खरीद पर विचार कर रहे हैं। यह भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
आत्मनिर्भर भारत का सपना
तेजस विमान आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह विमान भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत और प्रतिभा का प्रतीक है। इसके सफल विकास ने साबित कर दिया है कि भारत विश्व स्तरीय रक्षा उपकरण बना सकता है। यह न केवल आयात पर निर्भरता कम करता है बल्कि देश की सुरक्षा को भी मजबूत करता है।
चुनौतियों से सीखना
किसी भी नई तकनीक के विकास में चुनौतियां आना स्वाभाविक है। दुबई में हुई घटना से सीख लेते हुए भारत अपनी तकनीक को और मजबूत बना सकता है। विशेषज्ञों की जांच से जो भी निष्कर्ष निकलेंगे उनसे भविष्य में बेहतर सुधार संभव होंगे। यह प्रक्रिया विमान को और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगी।
एचएएल चेयरमैन का यह बयान भारत की रक्षा क्षमताओं में विश्वास को दर्शाता है। तेजस विमान का भविष्य उज्ज्वल है और यह भारत के आकाश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। दुबई में हुई घटना एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा थी लेकिन यह तेजस कार्यक्रम की सफलता की कहानी को रोक नहीं सकती।