दुबई में तेजस लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की पूरी घटनाक्रम कथा
घटना के प्रत्यक्ष विवरण
दुबई एयर शो में भारत का स्वदेशी निर्मित हल्का लड़ाकू विमान तेजस शुक्रवार को एक प्रदर्शन उड़ान के दौरान अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर यह हादसा सामने आया, जिसने न केवल कार्यक्रम स्थल को स्तब्ध कर दिया बल्कि भारत के रक्षा क्षेत्र में भी चिंता की लहर दौड़ा दी। वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि विमान अचानक ऊंचाई खोता है और कुछ ही सेकंड में जमीन से टकराकर आग की भीषण लपटों में घिर जाता है।
घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर यह वीडियो तेजी से फैल गया, जिसमें यह भी देखा गया कि विमान के नीचे आते ही पायलट को सुरक्षित बाहर निकलते हुए नहीं देखा जा सका। इस कारण पायलट की स्थिति को लेकर अनिश्चितता और आशंकाओं का दौर तेज हो गया है।
विमान के नियंत्रित न रह पाने के संभावित कारण
प्रारंभिक विश्लेषण में विमान के अचानक नीचे झुकने को निर्णायक तकनीकी विफलता का परिणाम माना जा रहा है। तेजस जैसे अत्यधिक उन्नत फाइटर जेट में इस तरह की विफलता कम ही देखने को मिलती है, परंतु उड़ान प्रदर्शन के दौरान अत्यधिक तनावपूर्ण चालों के कारण तकनीकी त्रुटि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे कार्यक्रमों में विमानों को उनकी क्षमताओं की चरम सीमा पर उड़ाया जाता है। इससे छोटी-सी त्रुटि भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इस कारण विमान के नियंत्रण तंत्र, इंजन शक्ति या एयरोडायनमिक स्थिरता से संबंधित जांच को रफ्तार दी गई है।
#Tejas aircraft crashes in Dubai Air show and today was the last day of the event.
Pilot not seen ejecting on video!
Read lotsa smear campaign from day1 against our platform
This is sad and need detailed investigation for sabotage
Sad Sad day!
— Soum_Speaks (@soum_speaks) November 21, 2025
भारत के रक्षा परिदृश्य पर असर
तेजस विमान भारत की स्वदेशी विमानन क्षमता का प्रमुख प्रतीक माना जाता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना में शामिल है, बल्कि भारत इसे कई अन्य देशों को निर्यात करने की रणनीति भी बना रहा है। ऐसे में दुबई एयर शो में यह हादसा भारत की निर्यात योजनाओं पर असर डाल सकता है।
भारत की “आत्मनिर्भर रक्षा” नीति तेजस जैसे प्लेटफॉर्मों पर केंद्रित रही है। ऐसे में यह दुर्घटना विदेशी खरीदारों को चिंतित कर सकती है, विशेषकर तब जब यह लगातार दूसरे वर्ष तेजस दुर्घटना का मामला है। इससे पहले 2024 में जैसलमेर में भी तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है, जिसने विमान की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़े किए थे।
दुबई एयर शो का महत्व
दुबई एयर शो विश्व के सबसे बड़े रक्षा और एयरोस्पेस आयोजनों में से एक है। भारत ने यहां अपने कई उन्नत विमानों, हथियार प्रणालियों और तकनीकों का प्रदर्शन किया। तेजस का प्रदर्शन इसमें प्रमुख आकर्षण था, क्योंकि भारत इसे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
दुर्भाग्यपूर्ण हादसे ने भारतीय मंडप पर छाई सकारात्मक चर्चा को अचानक गंभीर मोड़ दे दिया। दुर्घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए।
पायलट की सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
घटना के वीडियो में पायलट को कैटापल्ट सीट के माध्यम से बाहर निकलते हुए न दिखने के कारण उनके जीवित होने की संभावना पर सवाल खड़े हुए हैं। भारतीय वायुसेना तथा संबंधित अधिकारियों ने फिलहाल अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की है। घायल होने या मृत्यु की स्पष्ट पुष्टि अभी लंबित है।
दुर्घटना स्थल पर मौजूद कई गवाहों ने बताया कि विमान बहुत कम ऊंचाई पर आया था, जिससे पायलट को सुरक्षित बाहर निकलने का समय बेहद सीमित रह गया। जांच एजेंसियां इस पहलू को भी विस्तृत रूप से परखेंगी।
दुर्घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
दुबई एयर शो में मौजूद विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों ने घटना पर चिंता व्यक्त की है। कई विदेशी रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि विमानन सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा आवश्यक है। वहीं, कुछ देशों ने भारत से स्पष्टीकरण की मांग भी की है, विशेषकर वे देश जो तेजस में रुचि रखते थे।
तकनीकी जांच के लिए नियुक्त दल
दुर्घटना के तुरंत बाद भारत और दुबई दोनों के अधिकारी संयुक्त जांच दल बनाकर दुर्घटना के कारणों का विश्लेषण कर रहे हैं। HAL और भारतीय वायुसेना की टीमें भी विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन में शामिल हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट कुछ दिनों में आने की उम्मीद है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट में अधिक समय लगेगा।
आगे की राह और सुधार के संकेत
यह दुर्घटना भारत की एरोस्पेस महत्वाकांक्षाओं के लिए अवश्य चुनौती लेकर आई है, परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार के अवसर भी प्रदान करती है। विमान के डिजाइन, परीक्षण प्रक्रियाओं, सुरक्षा उपायों और आपातकालीन प्रणालियों में सुधार की जरूरत पर अब और अधिक गंभीरता से विचार होगा।
भारत ने कई बार यह कहा है कि स्वदेशी तकनीकें समय के साथ मजबूत होती हैं और दुर्घटनाओं से मिले अनुभव इन्हें और अधिक सुरक्षित बनाने में सहायक होते हैं। तेजस परियोजना भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।