दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटना से वैश्विक दिलचस्पी पर उठे प्रश्न

Tejas Fighter Jet: दुबई एयर शो दुर्घटना के बाद वैश्विक खरीद रुचि पर क्या पड़ेगा प्रभाव
Tejas Fighter Jet: दुबई एयर शो दुर्घटना के बाद वैश्विक खरीद रुचि पर क्या पड़ेगा प्रभाव
दुबई एयर शो में तेजस फाइटर जेट की दुर्घटना ने उसकी वैश्विक खरीद संभावनाओं पर नए प्रश्न खड़े कर दिए हैं। कई देशों ने तेजस में पहले रुचि दिखाई थी, परंतु दुर्घटना के वास्तविक कारणों की जांच महत्वपूर्ण होगी। तेजस अब भी एक सुरक्षित, हल्का और किफायती लड़ाकू विमान माना जाता है।
नवम्बर 21, 2025

दुबई एयर शो में तेजस विमान दुर्घटना ने खड़े किए अनेक प्रश्न

दुबई में आयोजित प्रतिष्ठित एयर शो के दौरान भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस का क्रैश होना न केवल भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के लिए एक झटका है, बल्कि उन देशों में भी चर्चा का विषय बन गया है, जो पिछले कुछ वर्षों से इस विमान में रुचि दिखा रहे थे। भारतीय वायुसेना की प्रारंभिक आधिकारिक जानकारी के अनुसार, विमान में सवार पायलट की दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जो घटना को और अधिक गंभीर बना देता है। आसमान में करतब दिखाते हुए अचानक नीचे की ओर झुकता हुआ तेजस और फिर तेज धमाके के साथ पूर्णतः नष्ट हो जाना, इस दुर्घटना की भयावहता को स्पष्ट करता है।

यह घटना इसलिए भी अधिक चर्चा में है, क्योंकि तेजस भारत की आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन श्रृंखला का सबसे प्रमुख प्रतिनिधि है। 4.5 पीढ़ी का यह हल्का लड़ाकू विमान पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल रहा है।


तेजस का विकास और इसकी विशेषताएँ

भारतीय तकनीकी क्षमता का प्रतीक

तेजस विमान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित है। इसमें उपयोग होने वाला इंजन विदेशी अवश्य है, परंतु शेष ढाँचा, एवियोनिक्स, नियंत्रण प्रणालियाँ और संपूर्ण डिज़ाइन भारत में विकसित किए गए हैं। यह विमान अपने हल्के वजन, तेज गति, फुर्तीले संचालन और बहु-भूमिकीय क्षमता की वजह से दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
तेजस की यह छवि भी इसके अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावित खरीदारों के लिए इसे विकल्प बनाती है।

भारतीय वायुसेना में इसकी भूमिका

भारतीय वायुसेना ने भविष्य में तेजस के बड़े बेड़े को शामिल करने की योजना बनाई है। इसकी नवीनतम एमके-1ए संस्करण में आधुनिक रडार, उन्नत हथियार प्रणाली तथा बेहतर रेंज शामिल है।


किन देशों ने तेजस में दिखाई है रुचि

मलेशिया—सबसे सक्रिय संभावित खरीदार

मलेशिया ने सबसे पहले और सबसे स्पष्ट रूप से तेजस को संभावित खरीद सूची में शामिल किया। HAL द्वारा वहाँ दो सीटों वाले प्रशिक्षण-उन्मुख मॉडल का प्रस्ताव भी रखा गया था। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि तेजस को उनकी आधिकारिक शॉर्टलिस्ट में जगह मिली थी।

ऑस्ट्रेलिया की दिलचस्पी

ऑस्ट्रेलिया भी तेजस के मूल्यांकन में रुचि ले चुका है। यद्यपि कोई बड़ा समझौता अब तक नहीं हुआ, परंतु यह रुचि तेजस की गुणवत्ता और वैश्विक स्तर पर उसकी स्वीकार्यता को दर्शाती है।

मिस्र, फिलीपींस और इंडोनेशिया

HAL अधिकारियों के अनुसार, इन देशों ने भी तेजस के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है और शुरुआती स्तर पर बातचीत जारी है।
इन देशों की आवश्यकताओं में हल्का बहु-भूमिकीय विमान शामिल है, जिसके लिए तेजस एक उपयुक्त विकल्प माना जाता है।

अमेरिका, श्रीलंका और नाइजीरिया

कुछ रिपोर्टों में इन देशों द्वारा भी तेजस में रुचि की बात कही गई थी, परंतु कोई ठोस औपचारिक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।


क्या दुर्घटना से अंतरराष्ट्रीय रुचि पर पड़ेगा प्रभाव

दुर्घटना की जांच—पहला निर्णायक चरण

दुबई एयर शो में हुए इस हादसे की जांच भारतीय वायुसेना और तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।
जांच यह स्पष्ट करेगी कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी, यांत्रिक त्रुटि, इंजन समस्या या संचालन संबंधी कोई चूक थी।

तेजस की सुरक्षा पृष्ठभूमि

तेजस अपने 24 वर्षों के इतिहास में केवल दूसरी बार दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। पिछला हादसा 2023 में राजस्थान के जैसलमेर में हुआ था, जहाँ पायलट सुरक्षित निकल आया था।
यह आँकड़ा बताता है कि अन्य लड़ाकू विमानों की तुलना में तेजस का सुरक्षा रिकॉर्ड काफी बेहतर माना जाता है।

क्या देशों की रुचि घट सकती है?

रक्षा खरीद निर्णय केवल एक दुर्घटना पर आधारित नहीं होते।
अधिकांश देश—

  1. तकनीकी रिपोर्ट

  2. दीर्घकालिक सुरक्षा रिकॉर्ड

  3. लागत-प्रभावशीलता

  4. रखरखाव की सरलता

  5. उपलब्धता और समयसीमा

इन कारकों को देखते हुए निर्णय लेते हैं।
तेजस की वैश्विक छवि स्थिर है, और एक हल्का, किफायती तथा आधुनिक विमान होने के कारण इसकी मांग पर तात्कालिक प्रभाव पड़ने की संभावना कम है।

भारत के लिए चुनौती और अवसर

भारत के लिए यह दुर्घटना दोहरी चुनौती लेकर आती है—
पहली, तेजस के सुरक्षा एवं डिजाइन मानकों को लेकर उठे प्रश्नों का समाधान।
दूसरी, अंतरराष्ट्रीय संभावित खरीदारों के समक्ष तेजस की विश्वसनीयता को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करना।
यदि जांच में स्पष्ट हो जाता है कि दुर्घटना किसी तकनीकी त्रुटि से नहीं हुई, तो भारत तेजस की बिक्री प्रक्रिया को समान गति से आगे बढ़ा सकता है।

तेजस भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। दुबई की दुर्घटना निश्चित रूप से एक चिंताजनक घटना है, परंतु इसका वैश्विक संदर्भों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आगामी जांच और उसके निष्कर्षों पर निर्भर करेगा। भारत के लिए यह समय है कि वह पारदर्शी जाँच, मजबूत तकनीकी सुधार और अंतरराष्ट्रीय संचार रणनीति के माध्यम से तेजस की विश्वसनीयता को और अधिक मजबूती प्रदान करे।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.