29 सितंबर 2025 को, US President Donald Trump और Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu ने एक ऐतिहासिक पहल के रूप में Gaza के लिए 20-पॉइंट Peace Plan का ऐलान किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य Hamas से तत्काल Ceasefire, हथियारों का परित्याग, और सभी Israeli Hostages की रिहाई सुनिश्चित करना है। इसके बदले में Palestinian Prisoners की रिहाई और Hamas की सैन्य संरचना (Military Infrastructure) के विनाश की व्यवस्था प्रस्तावित है।
Listen up Christians.. Satan himself is telling you how to read the bible. https://t.co/OwCRsrA52E
— GeneralPatton’sGhost (@GeneralpattonS) September 29, 2025
इस 20-पॉइंट प्लान के तहत एक नई Board of Peace का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता Donald Trump करेंगे। योजना में Tony Blair सहित एक तकनीकी समिति (Technocratic Committee) बनाई गई है, जो Gaza के Deradicalization, Reconstruction और Governance की निगरानी करेगी। इस प्रयास में अंतरराष्ट्रीय सहायता और सुरक्षा बलों की भूमिका होगी, जिसमें Saudi Arabia, Jordan और Egypt जैसे साझेदार देश शामिल होंगे।
इस पहल को कई देशों ने समर्थन दिया है। अमेरिकी और इजरायली नेताओं का मानना है कि यह योजना लंबे समय तक स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री Narendra Modi ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि यह योजना Palestinian और Israeli दोनों समुदायों के लिए सतत शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से इस पहल का समर्थन करने और संघर्ष समाप्त करने की अपील की।
हालांकि, इस योजना की आलोचना भी हुई। पूर्व ब्रिटिश नेता Jeremy Corbyn और ग्रीक अर्थशास्त्री Yanis Varoufakis ने कहा कि इस Peace Plan में Palestinian समुदाय की आवाज़ को नजरअंदाज किया गया है। इसके अलावा, Netanyahu ने स्पष्ट किया कि Israel Gaza के अधिकांश हिस्सों से सैनिकों की वापसी नहीं करेगा। Hamas ने अभी तक इस योजना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ:
-
Hamas से तत्काल Ceasefire और Disarmament की मांग
-
सभी Israeli Hostages की रिहाई
-
Palestinian Prisoners की रिहाई के बदले में Military Infrastructure का विनाश
-
Board of Peace के तहत Technocratic Committee का गठन
-
Reconstruction और Governance पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी, सुरक्षा बलों के सहयोग से
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना का महत्व सिर्फ संघर्षविराम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह Gaza में स्थायी प्रशासन और आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए आधार भी तैयार करती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भागीदारी से योजना की सफलता की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं, हालांकि स्थानीय और क्षेत्रीय विरोध का भी खतरा है।
इस पहल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चर्चा पैदा कर दी है। विश्लेषक मानते हैं कि अगर सभी पक्ष मिलकर काम करें, तो यह योजना Gaza में दीर्घकालीन शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
अंततः यह कदम दिखाता है कि वैश्विक नेता सांस्कृतिक और राजनीतिक संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए, संघर्ष समाधान के लिए नई रणनीतियों को लागू कर रहे हैं। समय बताएगा कि क्या Hamas और अन्य स्थानीय हितधारक इस 20-पॉइंट योजना को स्वीकार करेंगे और शांति प्रक्रिया को सफल बनाने में योगदान देंगे।