200 प्रतिशत टैरिफ के डर से रुका युद्ध’: ट्रंप ने फिर लिया भारत-पाक संघर्ष रोकने का श्रेय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुआ युद्धविराम उनकी “टैरिफ नीति” का नतीजा था।
#WATCH | “…I settled a few of the wars just based on tariffs. For example, between India and Pakistan, I said, if you guys want to fight a war and you have nuclear weapons. I am going to put big tariffs on you both, like 100 per cent, 150 per cent, and 200 per cent…I said I… https://t.co/UejAFkcB0H pic.twitter.com/B5Zb7AjYTU
— ANI (@ANI) October 13, 2025
मिडिल ईस्ट दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सिर्फ “टैरिफ के दम पर आठ युद्ध सुलझाए” और भारत-पाक संघर्ष उनमें से एक था।
वेब स्टोरी:
“टैरिफ ही असली शांतिदूत है” – ट्रंप
ट्रंप ने कहा —
“अगर कोई देश परमाणु हथियार लेकर युद्ध लड़ना चाहता है, तो मैं उस पर भारी टैरिफ लगाता हूँ — 50%, 100% या फिर 200% तक। यही असली डिप्लोमेसी है। टैरिफ ने कई युद्ध रोके हैं।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी नीति के डर से कई देश पीछे हटे।
“भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बहुत गंभीर थी, लेकिन मेरी टैरिफ पॉलिसी ने हालात संभाल लिए। मैं कह सकता हूँ कि सिर्फ 24 घंटे में वो युद्ध खत्म हो गया।”
परमाणु हथियारों पर आर्थिक दबाव की रणनीति
ट्रंप ने यह भी कहा कि परमाणु देशों पर आर्थिक प्रतिबंध और टैरिफ लगाना अब “सबसे असरदार हथियार” बन चुका है। उन्होंने इज़राइल-हमास संघर्ष और पाक-अफगान सीमा विवाद का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह “युद्धों को सुलझाने” में माहिर हैं और जल्द इन मसलों पर भी समाधान निकालेंगे।
भारत का जवाब: “सीधी बातचीत से हुआ युद्धविराम”
हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि मई 2025 में “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद घोषित युद्धविराम दोनों देशों की सीधी सैन्य वार्ता का नतीजा था।
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“भारत ने हमेशा यह साफ कहा है कि कोई भी समाधान बातचीत से निकलेगा, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।”
ट्रंप की पुरानी शैली, नए बयान
ट्रंप अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं — कभी अमेरिका की आर्थिक नीतियों की तारीफ करते हैं, तो कभी अपने डिप्लोमैटिक प्रभाव को लेकर।
इस बार भी उन्होंने कहा —
“टैरिफ सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं सुधारता, यह युद्ध भी रोकता है।”
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान 2026 के अमेरिकी चुनावों के मद्देनज़र उनकी “ग्लोबल पीसमेकर” छवि को मजबूत करने की कोशिश है।
ट्रंप की बयानबाज़ी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में ट्रंप के इस बयान को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। कुछ विश्लेषकों ने इसे “कूटनीतिक अतिशयोक्ति” बताया है, जबकि उनके समर्थक इसे “मजबूत अमेरिकी नीति” का प्रतीक मानते हैं।
एक यूरोपीय विश्लेषक ने टिप्पणी की —
“ट्रंप हमेशा ध्यान आकर्षित करने वाले बयान देते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने एक गंभीर परमाणु संकट को भी अपनी उपलब्धि बता दिया।”
ट्रंप का यह नया बयान न केवल भारत-पाक संबंधों में फिर से चर्चा का विषय बना है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है —
क्या आर्थिक टैरिफ सच में युद्ध रोक सकते हैं, या यह सिर्फ ट्रंप की एक और चुनावी रणनीति है?
भारत ने भले ही इसे “दो देशों की आंतरिक वार्ता का परिणाम” बताया हो, लेकिन ट्रंप का यह दावा एक बार फिर वैश्विक राजनीति को सुर्खियों में ले आया है।