बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लगातार चार बार विधायक रह चुके ज्ञानू ने संकेत दिया है कि इस बार वे चुनावी मैदान से दूरी भी बना सकते हैं।
Bihar Elections:
Bihar BJP MLA Gyanendra Singh Gyanu has expressed uncertainty over contesting the upcoming election from Baadh Assembly, saying the party’s decision will be final.Bite: pic.twitter.com/9SmmoHbYSF
— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 5, 2025
“सब कुछ पार्टी के हाथ में है” — ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू
एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि,
“सब कुछ पार्टी के निर्णय पर निर्भर करता है। आजकल तो दो दिन फील्ड में घूमने वाले भी खुद को सबसे बड़ा उम्मीदवार बताने लगे हैं। ऐसे में पुराने कार्यकर्ताओं और विधायकों के लिए चुनाव लड़ना भी अब एक चुनौती बन गई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जानबूझकर स्वच्छ छवि वाले नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर राजनीतिक माहौल को दूषित किया जा रहा है, जिससे चुनाव लड़ने का मन नहीं करता।
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Bihar BJP MLA Gyanendra Singh Gyanu has expressed uncertainty over contesting the upcoming election from Baadh Assembly, saying the party’s decision will be final.Bite: pic.twitter.com/9SmmoHbYSF
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समर्थकों से करेंगे मंथन, फिर लेंगे अंतिम फैसला
ज्ञानू ने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय समर्थकों से चर्चा के बाद लिया जाएगा।
उन्होंने कहा,
“मैं जल्द ही अपने कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुला रहा हूं। उसी बैठक में यह तय किया जाएगा कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं।”
इस संदर्भ में बताया गया है कि रविवार को बाढ़ के डाक बंगला परिसर में विधायक अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने वाले हैं। इसी बैठक में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

चुनावी अधिसूचना जारी होने से पहले का दबाव
विधायक ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 7 अक्टूबर से अधिसूचना जारी होने की संभावना है, जिसके बाद न तो किसी विकास कार्य का उद्घाटन किया जा सकेगा और न ही नई योजनाओं की शुरुआत की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि,
“मैंने बाढ़ क्षेत्र में जो कार्य करवाए हैं, उनका लोकार्पण अधिसूचना जारी होने के बाद संभव नहीं होगा। ऐसे में यह भी एक बड़ा कारण है जिससे मन द्वंद्व में है।”
“पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि”
ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टी के आदेश का पूर्ण पालन करेंगे।
“भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी है। आलाकमान जो निर्णय करेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा। पार्टी ने अब तक जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा से निभाया है। आगे भी पार्टी जो कहेगी, वही करूंगा।”

लगातार चार बार जीत चुके हैं विधायक
गौरतलब है कि ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बाढ़ विधानसभा से लगातार चार बार विधायक चुने जा चुके हैं। उनके नेतृत्व में इस क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए हैं, जिनमें सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी योजनाएँ प्रमुख हैं।
पार्टी के अंदर उनका कद हमेशा मजबूत रहा है, लेकिन इस बार टिकट को लेकर अंदरूनी खींचतान और नए चेहरों की सक्रियता से हालात बदलते दिखाई दे रहे हैं।
राजनीतिक हलचल तेज
ज्ञानू के बयान के बाद बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। समर्थक जहां उन्हें पुनः उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ नए चेहरे टिकट के लिए दावेदारी जता रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर ज्ञानू चुनाव नहीं लड़ते, तो पार्टी का चेहरा कौन होगा।

बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की आंतरिक स्थिति इस समय असमंजस में है।
ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू जैसे वरिष्ठ विधायक का चुनाव लड़ने को लेकर अस्थिर रुख न केवल क्षेत्रीय राजनीति बल्कि पार्टी के रणनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
अब सबकी निगाहें आने वाली बैठक और भाजपा आलाकमान के निर्णय पर टिकी हैं — जो यह तय करेगा कि ज्ञानू मैदान में उतरेंगे या नहीं।