धनरूआ थाने की पुलिस की मुस्तैदी ने बचाया संभावित खतरा
पटना ज़िले के मसौढ़ी अनुमंडल अंतर्गत धनरूआ थाना क्षेत्र में पुलिस इन दिनों विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार सतर्कता बरत रही है। इसी कड़ी में शनिवार को थाना क्षेत्र के विभिन्न मार्गों पर सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया। जांच के दौरान पुलिस की नज़र एक संदिग्ध मोटरसाइकिल पर पड़ी, जिससे बड़ी सफलता हाथ लगी।
पुलिस को देखकर भागने लगे युवक
वाहन जांच के दौरान पुलिस ने एक अपाचे मोटरसाइकिल को रोकने का संकेत दिया। मोटरसाइकिल पर तीन युवक सवार थे। जैसे ही पुलिस ने रुकने का इशारा किया, तीनों ने भागने का प्रयास किया। तत्पर पुलिस बल और सशस्त्र जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों को पीछा कर धर दबोचा।
तीनों की पहचान किशोरों के रूप में हुई
पुलिस ने जब तीनों से पूछताछ की तो उनकी पहचान स्थानीय क्षेत्र के किशोरों के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार, यह किशोर आस-पास के ही गांवों के रहने वाले हैं। हालांकि उनकी मंशा को लेकर पुलिस अभी जांच में जुटी है कि वे इन कारतूसों के साथ कहां और क्यों जा रहे थे।
10 जिंदा कारतूस बरामद
जब पुलिस ने तीनों की तलाशी ली, तो चौंकाने वाली बात सामने आई।
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पहले किशोर की जेब से 06 जिंदा कारतूस,
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दूसरे किशोर की जेब से 02 जिंदा कारतूस,
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और तीसरे किशोर की जेब से 02 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
इस प्रकार पुलिस ने कुल 10 जिंदा कारतूस ज़ब्त किए हैं। पुलिस ने इन सभी कारतूसों को विधिवत जब्त करते हुए साक्ष्य के रूप में सुरक्षित किया है।
चुनावी माहौल में पुलिस की सख़्ती
विधानसभा चुनाव नज़दीक आने के कारण पुलिस प्रशासन पूरे ज़िले में अलर्ट मोड पर है। धनरूआ थाना पुलिस का यह अभियान इसी सुरक्षा नीति का हिस्सा है। प्रशासन नहीं चाहता कि किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधि चुनावी माहौल को प्रभावित करे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारा लक्ष्य चुनाव से पहले पूरे क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।”
विधि-विरुद्ध बालकों को निरुद्ध किया गया
तीनों आरोपितों की उम्र कम होने के कारण उन्हें विधि-विरुद्ध बालक (Juvenile in Conflict with Law) के रूप में दर्ज किया गया है। पुलिस ने उन्हें बाल न्याय अधिनियम के तहत निरुद्ध किया है। साथ ही उनके परिजनों और बाल सुधार गृह से संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी गई है।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच
धनरूआ थाना प्रभारी ने बताया कि अब यह जांच की जा रही है कि इन किशोरों के पास कारतूस कहां से आए। क्या इनके पीछे कोई बड़ी साजिश या अपराधी गिरोह का हाथ है? इस दिशा में पुलिस तकनीकी जांच भी कर रही है। मोबाइल लोकेशन, संपर्क नंबरों और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी समीक्षा की जा रही है।
स्थानीय लोगों में चर्चा और चिंता
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि किशोरों के हाथों में जिंदा कारतूस कैसे पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की है और कहा कि यदि समय रहते पुलिस कार्रवाई नहीं करती, तो कोई अप्रिय घटना घट सकती थी।
सुरक्षा के प्रति जागरूकता जरूरी
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि नाबालिगों को असामाजिक तत्व अपने जाल में न फँसाएँ। पुलिस ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें और संदिग्ध संपर्कों से दूर रखें।
निष्कर्ष
धनरूआ थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने संभावित अपराध को रोककर एक बड़ा उदाहरण पेश किया है। विधानसभा चुनाव के पूर्व यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह भी स्पष्ट है कि पुलिस की निगरानी में कोई भी संदिग्ध गतिविधि अब बच नहीं सकेगी।