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केसीसी ऋण न चुकाने वाले किसानों की भूमि होगी नीलाम, मथुरा में बैंक ने मांगी बकाएदारों की सूची

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KCC Loan Default मथुरा के किसानों की भूमि नीलामी की तैयारी, बैंक ने बकाएदारों की सूची मांगी
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केसीसी ऋण विवाद और किसानों की भूमिका

मथुरा। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के अंतर्गत दिए गए ऋण को न चुकाने वाले किसानों की भूमि नीलामी की तैयारी अब तेज हो गई है। जिले में 2.55 लाख किसानों को कुल 4844 करोड़ रुपये का ऋण विभिन्न सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं निजी बैंकों द्वारा दिया गया। इनमें से डेढ़ लाख किसानों ने अपने ऋण की अदायगी नहीं की है। कृषि विभाग ने सभी बैंकों से बकाएदार किसानों की सूची मांगी है, ताकि आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके।

किसानों को केसीसी के अंतर्गत कृषि कार्य और उपकरण खरीद के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। पिछले पांच वर्षों में इस योजना के तहत किसानों को भारी मात्रा में वित्तीय सहायता मिली। लेकिन किसानों की ओर से ऋण अदायगी का प्रतिशत केवल 40 फीसदी तक ही पहुँच पाया है।

बैंक और ऋण अदायगी की स्थिति

कृषि विभाग ने सभी बैंकों से बकाएदार किसानों की सूची प्राप्त की है। इसके बाद किसानों को नोटिस देकर भूमि नीलामी की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। उप निदेशक कृषि वसंत कुमार दुबे ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बकाया धनराशि की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।

किसानों के लिए यह एक चेतावनी भी है कि समय पर ऋण अदायगी न करने पर उनकी भूमि नीलामी में चली जाएगी। यह योजना किसानों के वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के उद्देश्य से लागू की जा रही है।

बकाएदारों की सूची में विलंब

कृषि विभाग ने करीब 15 दिन पूर्व केसीसी ऋण के बकाएदारों की सूची बैंकों से मांगी थी। हालांकि, कई बैंकों ने समय पर यह जानकारी प्रदान नहीं की। केवल तीन-चार बैंकों ने आवश्यक डेटा उपलब्ध कराया। सभी बैंकों की सूची मिलने के बाद ही विभाग ऋण वसूली की प्रक्रिया को सक्रिय करेगा।

मुख्य बैंक और ऋण वितरण का आंकलन

केनरा बैंक ने सबसे अधिक 1,418 करोड़ रुपये का ऋण 72,866 किसानों को दिया है। इसके बाद एसबीआई 981 करोड़ रुपये के ऋण के साथ 38,304 किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान कर चुका है। अन्य प्रमुख बैंक जैसे पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक, सहकारिता बैंक और एचडीएफसी ने भी क्रमशः 410 करोड़, 267 करोड़, 252 करोड़, 233 करोड़, 243 करोड़ और 197 करोड़ रुपये का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया।

बैंक किसान ऋण करोड़ में
केनरा बैंक 72,866 1,418
एसबीआइ 38,304 981
पंजाब नेशनल बैंक 15,649 410
बैंक ऑफ बड़ौदा 10,157 267
यूनियन बैंक 10,228 252
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक 11,779 233
सहकारिता बैंक 37,325 243
एचडीएफसी 18,574 197
कुल योग 2,14,882 4,001

भविष्य की कार्रवाई और किसानों के लिए चेतावनी

ऋण अदायगी में गंभीर रूप से पीछे रह गए किसानों को नोटिस जारी किए जाने के बाद उनकी भूमि की नीलामी की जाएगी। विभाग का उद्देश्य किसानों को समय पर ऋण चुकाने के लिए प्रेरित करना और बैंकिंग प्रणाली में वित्तीय अनुशासन स्थापित करना है।

उप निदेशक कृषि वसंत कुमार दुबे ने स्पष्ट किया कि बकाया राशि की सूचना मिलने के बाद विभाग उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्रवाई करेगा। किसानों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने ऋण का भुगतान समय पर करें, अन्यथा उनकी भूमि नीलामी की प्रक्रिया अवश्य होगी।

 

 


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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.