टाटा कैपिटल का शेयर बाजार में कमजोर आगाज, निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा प्रदर्शन
मुंबई। भारत के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह टाटा समूह की वित्तीय शाखा टाटा कैपिटल लिमिटेड का सोमवार को शेयर बाजार में म्यूटेड यानी कमजोर डेब्यू हुआ। कंपनी का ₹1.75 अरब डॉलर (₹155.1 अरब रुपये) का बहुचर्चित आईपीओ (Initial Public Offering) पिछले सप्ताह पूरी तरह सब्सक्राइब हुआ था, लेकिन लिस्टिंग के दिन शेयर ने सिर्फ 1.37 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों पर टाटा कैपिटल के शेयर ₹326 प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर सूचीबद्ध हुए, जो कि इसके मूल्य बैंड के ऊपरी स्तर पर था।
मजबूत मांग के बावजूद बाजार में ठंडी प्रतिक्रिया
टाटा कैपिटल के आईपीओ को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। संस्थागत निवेशकों ने अपने हिस्से के मुकाबले 3.4 गुना अधिक आवेदन किया था, जबकि हाई नेट वर्थ निवेशकों ने 2 गुना और रिटेल निवेशकों ने 1.1 गुना आवेदन किए।
इसके बावजूद, लिस्टिंग के दिन कंपनी के शेयर ने अपेक्षित उछाल नहीं दिखाया।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) में निवेशकों की रुचि हाल के महीनों में घटी है।
विश्लेषक बोले – “अर्थव्यवस्था में मंदी और रोजगार की कमी बनी बाधा”
सेबी पंजीकृत स्वतंत्र अनुसंधान विश्लेषक हेमिंद्रा हजारी ने कहा कि टाटा कैपिटल का प्रदर्शन भारत की मौजूदा आर्थिक परिस्थिति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा –
“भारत की अर्थव्यवस्था इस समय धीमी गति से बढ़ रही है। गुणवत्तापूर्ण रोजगार की कमी और अमेरिकी शुल्कों का असर भी निवेशकों के भरोसे पर पड़ा है। ऐसे में वित्तीय कंपनियों के विकास की संभावनाएं सीमित हैं।”
हजारी ने यह भी जोड़ा कि निवेशक अब सतर्कता से पूंजी लगा रहे हैं, क्योंकि एनबीएफसी सेक्टर पर उधार और ब्याज दरों का सीधा दबाव बना हुआ है।
वेब स्टोरी:
कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी और बीएनपी परिबा जैसे दिग्गज बैंक बने बुक रनर
टाटा कैपिटल के आईपीओ को देश-विदेश के कई बड़े निवेश बैंकों ने संभाला। इनमें कोटक महिंद्रा कैपिटल, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस कैपिटल और बीएनपी परिबा शामिल थे।
आईपीओ तीन दिन तक खुला रहा था और इसे सभी श्रेणियों के निवेशकों ने पूरा सब्सक्राइब किया।
भारत के आईपीओ बाजार में बनी तेजी, पर वित्तीय सेक्टर में सधी चाल
भले ही टाटा कैपिटल की लिस्टिंग कमजोर रही हो, लेकिन भारत का आईपीओ बाजार इस साल दुनियाभर में सबसे सक्रिय बाजारों में शामिल रहा है।
EY की ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 की तीसरी तिमाही में भारत में 146 आईपीओ हुए, जिनसे $7.2 अरब डॉलर जुटाए गए।
कुल नौ महीनों में यह संख्या 254 आईपीओ और $11.8 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो भारत के घरेलू पूंजी बाजार की मजबूती को दिखाता है।
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि वित्तीय सेवाओं वाली कंपनियों में निवेशकों की रुचि आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की तुलना में कमजोर बनी हुई है।
टाटा कैपिटल: देश की तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी
टाटा कैपिटल वर्तमान में राजस्व के आधार पर भारत की तीसरी सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है।
कंपनी खुदरा ऋण, छोटे और मझोले उद्यमों को वित्तपोषण, कॉरपोरेट समाधान और इंफ्रास्ट्रक्चर लोन जैसी सेवाएं प्रदान करती है।
कंपनी की मजबूत ब्रांड वैल्यू और टाटा समूह की प्रतिष्ठा के बावजूद, लिस्टिंग डे पर कमजोर शुरुआत निवेशकों के भरोसे में कमी की ओर इशारा करती है।
टाटा कैपिटल का बाजार में आगाज उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है।
हालांकि दीर्घकाल में कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है, लेकिन मौजूदा आर्थिक माहौल और निवेशकों की सतर्कता को देखते हुए शेयर के प्रदर्शन में निकट भविष्य में सीमित वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
अब सभी की नजरें एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया पर टिकी हैं, जो मंगलवार को बाजार में अपनी शुरुआत करने वाली है।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी और शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इसे किसी भी प्रकार की निवेश सलाह या सिफ़ारिश न समझें। शेयर बाज़ार में निवेश जोखिमपूर्ण है। कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें और केवल SEBI-रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार से परामर्श करें। इस लेख के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय या हानि की ज़िम्मेदारी लेखक/प्रकाशक की नहीं होगी।