लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने थामा बीजेपी का हाथ
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी मैदान में एक बड़ा चेहरा शामिल हो गया है। बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई हैं। मंगलवार को पटना स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या मौजूद रही। मैथिली ठाकुर के भाजपा में शामिल होने की खबर ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। संगीत और संस्कृति से आने वाली यह नई सियासी एंट्री अब अलीनगर विधानसभा सीट से चुनावी रणभूमि में उतरने जा रही है।
बीजेपी में शामिल होने के बाद क्या बोलीं मैथिली ठाकुर?
पार्टी जॉइन करने के बाद मैथिली ठाकुर ने कहा —
“मैंने हमेशा अपने गीतों के माध्यम से बिहार की संस्कृति, भाषा और परंपरा को देशभर में पहचान दिलाने का प्रयास किया है। अब समय है कि राजनीति के माध्यम से अपने समाज और प्रदेश की सेवा करूं। भाजपा ने जो विश्वास मुझ पर जताया है, उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि अलीनगर की जनता ने हमेशा उन्हें प्यार दिया है और अब वे जनता की सेवा में समर्पित होकर काम करेंगी।
दिलीप जायसवाल ने कही बड़ी बात
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि मैथिली ठाकुर जैसी युवा और संस्कृतिक धरोहर का पार्टी में स्वागत करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा —
“भाजपा केवल राजनीति नहीं करती, बल्कि यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की वाहक पार्टी है। मैथिली ठाकुर का आना हमारी सांस्कृतिक धारा को और मजबूत करेगा।”
#WATCH | #BiharElection2025 से पहले, लोक और भक्ति गायिका मैथिली ठाकुर पटना, बिहार में भाजपा में शामिल हुईं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 14, 2025
अलीनगर सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा
अलीनगर विधानसभा सीट, जो दरभंगा ज़िले में आती है, इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबले की गवाह बनने जा रही है। यह सीट पहले से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय मानी जाती है। पिछले चुनावों में यहां राजद और जदयू के बीच कड़ी टक्कर देखी गई थी।
अब जब भाजपा ने मैथिली ठाकुर जैसी लोकप्रिय हस्ती को मैदान में उतारा है, तो समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा का लक्ष्य इस बार दरभंगा और आसपास के मैथिलांचल क्षेत्र में अधिक से अधिक सीटें जीतने का है, और मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है।
राजनीति में कलाकारों की एंट्री का बढ़ता चलन
बिहार की राजनीति में यह पहला मौका नहीं है जब किसी कलाकार ने राजनीति में कदम रखा हो। इससे पहले भी कई फिल्मी और सांस्कृतिक जगत के नाम राजनीति में अपनी किस्मत आज़मा चुके हैं।
हालांकि मैथिली ठाकुर की पहचान सिर्फ एक गायिका के रूप में नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान के रूप में है। उनके गीत और लोकधुनें मिथिला संस्कृति की गहराई को दर्शाती हैं।
उनकी लोकप्रियता बिहार से लेकर देश-विदेश तक फैली है। सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोअर्स वाले मैथिली ठाकुर अब इस जनसमर्थन को राजनीतिक ताकत में बदलने की कोशिश करेंगी।
विरोधी दलों में हलचल तेज
मैथिली ठाकुर के भाजपा में शामिल होने के बाद विपक्षी दलों में भी हलचल तेज हो गई है। राजद और जदयू दोनों ने इस कदम को भाजपा की “चुनावी रणनीति” बताया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सिर्फ चेहरों के भरोसे चुनाव जीतने का सपना देख रही है, लेकिन जनता अब मुद्दों पर वोट देगी।
वहीं भाजपा नेताओं का मानना है कि मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता और स्वच्छ छवि विपक्ष के लिए चुनौती साबित होगी।
जनता में उमंग, सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़
जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, मैथिली ठाकुर के समर्थकों ने ट्विटर (X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। “#MaithiliThakur” और “#BiharElections2025” ट्रेंड करने लगे।
लोगों ने कहा कि यह मिथिला की बेटी के लिए गर्व का क्षण है, जो अब प्रदेश की सेवा के लिए आगे आई हैं।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का यह अध्याय अब और दिलचस्प होता जा रहा है। मैथिली ठाकुर जैसी लोकप्रिय लोक गायिका का भाजपा में शामिल होना और अलीनगर से चुनाव लड़ना न केवल सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भाजपा की रणनीतिक चाल भी मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि जनता “संगीत की सुरसाधना” से निकली इस नई राजनेता को कितना स्वीकार करती है।