Pakistan और Afghanistan के बीच संघर्षविराम की घोषणा
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा था। चमन जिले (पाकिस्तान) और स्पिन बोल्डक जिले (अफगानिस्तान) के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद, दोनों देशों ने अंततः 48 घंटे के लिए संघर्षविराम पर सहमति व्यक्त की है। इस कदम को क्षेत्र में शांति बहाल करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
हालिया झड़पों में दोनों देशों के सैनिकों को भारी नुकसान हुआ। अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने अफगान सैनिकों को मार गिराने का दावा किया।
अफगानिस्तान का पाकिस्तान पर आरोप
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान ने कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में बुधवार सुबह हमला किया। इस हमले में 12 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए। तालिबान के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
मुजाहिद ने यह भी दावा किया कि अफगान बलों ने पाकिस्तान के कई सैनिकों को मार गिराया और उनकी चौकियों तथा टैंकों को कब्जे में ले लिया। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें कथित रूप से मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के शव दिखाए गए।
पाकिस्तान का जवाब और दावे
पाकिस्तान सरकार ने झड़पों में हुए अपने नुकसान की पुष्टि करते हुए कहा कि उसके 23 सैनिक मारे गए। साथ ही पाकिस्तान का दावा है कि उसने 200 से अधिक अफगान सैनिकों को मार गिराया। पाकिस्तान ने इसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक जवाबी कार्रवाई बताया।
पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान की ओर से बार-बार की गई आक्रमणकारी गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण स्थानीय निवासियों की जिंदगी कठिन हो गई थी।
संघर्षविराम की भूमिका और शांति की संभावना
दोनों देशों ने 48 घंटे का संघर्षविराम घोषित कर शांति बहाल करने का प्रयास किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्षविराम केवल अस्थायी हो सकता है यदि सीमा पर नियमित निगरानी और कूटनीतिक प्रयास नहीं किए गए।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्षविराम का स्वागत किया है और दोनों देशों से अपील की है कि वे बातचीत के जरिए स्थायी समाधान खोजें। शांति स्थापित होने पर स्थानीय निवासियों के लिए राहत की स्थिति बनेगी और सीमा पार व्यापार व सामान्य जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नागरिक सुरक्षा और मानवाधिकार की चिंता
हाल की झड़पों में अधिकांश हताहत नागरिक रहे। अफगानिस्तान की ओर से दावा किया गया कि हमले में बच्चों और महिलाओं को भी निशाना बनाया गया। इस कारण मानवाधिकार संगठनों ने दोनों देशों से अपील की है कि वे संघर्षविराम का पालन करें और किसी भी प्रकार की आक्रामक गतिविधियों से बचें।
विशेषज्ञों का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में स्थायी सुरक्षा व्यवस्था के बिना संघर्षविराम केवल अस्थायी राहत ही दे सकता है। दोनों देशों को कूटनीतिक वार्ता के जरिए लंबे समय तक शांति सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।