🔔 नोटिस : इंटर्नशिप का सुनहरा अवसर. पत्रकार बनना चाहते हैं, तो राष्ट्रभारत से जुड़ें. — अपना रिज़्यूमे हमें digital@rashtrabharat.com पर भेजें।

अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 शक्तिशाली पासपोर्ट देशों की सूची से बाहर: वैश्विक प्रभाव में गिरावट का संकेत

US Passport Ranking 2025
US Passport Ranking 2025 – अमेरिका पहली बार दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची से बाहर (file photo)
अक्टूबर 16, 2025

अमेरिकी पासपोर्ट की घटती ताकत: पहली बार शीर्ष 10 से बाहर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय प्रभावशाली देश कहलाने वाला अमेरिका, अब वैश्विक पासपोर्ट शक्ति की सूची में पहली बार शीर्ष 10 देशों से बाहर हो गया है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, अमेरिकी पासपोर्ट अब 12वें स्थान पर पहुँच गया है, और यह रैंकिंग मलेशिया के साथ साझा कर रहा है।

यह सूची यह दर्शाती है कि कोई नागरिक अपने देश के पासपोर्ट के माध्यम से कितने देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल प्रवेश प्राप्त कर सकता है। अमेरिका का पासपोर्ट इस वर्ष 180 गंतव्यों तक ही वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान करता है।


एशियाई देशों का दबदबा: सिंगापुर, कोरिया और जापान शीर्ष पर

2025 की हेनले पासपोर्ट इंडेक्स रिपोर्ट में एशियाई देशों ने एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखा है।
सिंगापुर 193 देशों तक वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा के साथ प्रथम स्थान पर बना हुआ है।
इसके बाद दक्षिण कोरिया 190 और जापान 189 गंतव्यों तक पहुंच के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

इन तीनों देशों की बढ़त यह दर्शाती है कि एशियाई कूटनीतिक नीति और पारस्परिक संबंधों में लगातार मजबूती आई है, जबकि अमेरिका जैसी पारंपरिक शक्ति की प्रभावशीलता घट रही है।


गिरावट के कारण: पारस्परिकता की कमी और कड़े अमेरिकी नीतिगत रुख

हेनले एंड पार्टनर्स के अध्यक्ष क्रिश्चियन एच. कैलिन ने कहा कि अमेरिकी पासपोर्ट की घटती रैंकिंग केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह वैश्विक गतिशीलता और सॉफ्ट पावर में बुनियादी बदलाव का संकेत है।

उन्होंने कहा, “जो देश खुलेपन और सहयोग को अपनाते हैं, वे आगे बढ़ रहे हैं, जबकि जो देश अतीत के विशेषाधिकारों पर टिके हैं, वे पीछे छूट रहे हैं।”

अमेरिकी पासपोर्ट की गिरावट का एक बड़ा कारण यह है कि अमेरिका पारस्परिक वीजा नीति में बहुत सख्त है।
जहां अमेरिकी नागरिक 180 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश प्राप्त करते हैं, वहीं अमेरिका केवल 46 देशों के नागरिकों को ही बिना वीजा के प्रवेश देता है।


ब्राजील, चीन और अन्य देशों की नीतियों ने भी बदली स्थिति

हाल के महीनों में कई देशों ने अमेरिकी यात्रियों के लिए अपने वीजा नियम सख्त कर दिए हैं।
ब्राजील ने अप्रैल में अमेरिकी नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश समाप्त कर दिया, यह कहते हुए कि अमेरिका उनके नागरिकों को समान सुविधा नहीं देता।
वहीं, चीन ने यूरोपीय देशों के लिए वीजा में ढील दी है लेकिन अमेरिका के लिए नहीं।

इसी तरह, वियतनाम ने अपने नए वीजा-मुक्त कार्यक्रम से अमेरिका को बाहर रखा है, जबकि सोमालिया की नई ई-वीजा प्रणाली ने अमेरिकी यात्रियों के लिए प्रक्रिया और कठिन कर दी है।
इन सभी नीतिगत परिवर्तनों ने मिलकर अमेरिकी पासपोर्ट की रैंकिंग को और कमजोर बना दिया है।


ट्रंप युग की सख्त नीतियों का दीर्घकालिक प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान शुरू हुई नीतियों का परिणाम है।
ट्रंप शासनकाल में अमेरिकी यात्रा और इमिग्रेशन नीतियाँ अत्यंत सख्त कर दी गई थीं।
इन नीतियों ने अमेरिका के लिए पारस्परिक वीजा समझौतों को कमजोर किया और वैश्विक स्तर पर सहयोग घटाया।

वर्तमान प्रशासन ने कुछ नीतियाँ बदली हैं, लेकिन उनका प्रभाव अभी भी पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा।
यह स्पष्ट है कि सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में अमेरिका की पकड़ ढीली पड़ रही है, जो उसकी वैश्विक कूटनीतिक स्थिति के लिए चेतावनी है।


भारत की स्थिति: पाँच स्थान की गिरावट

इस रिपोर्ट में भारत का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है।
भारत का पासपोर्ट अब 85वें स्थान पर पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष के 80वें स्थान से पाँच स्थान नीचे है।
भारतीय पासपोर्ट धारक अब केवल 57 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 62 थी।

यह दर्शाता है कि भारत को भी अपनी द्विपक्षीय यात्रा नीतियों और कूटनीतिक समझौतों में और मजबूती लाने की आवश्यकता है।


2025 में दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली पासपोर्ट

  1. सिंगापुर – 193
  2. दक्षिण कोरिया – 190
  3. जापान – 189
  4. जर्मनी, इटली, लक्ज़मबर्ग, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड – 188
  5. ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ़िनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड – 187
  6. ग्रीस, हंगरी, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्वीडन – 186
  7. ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, माल्टा, पोलैंड – 185
  8. यूएई, यूके, क्रोएशिया, एस्टोनिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया – 184
  9. कनाडा – 183
  10. अमेरिका, मलेशिया – 180

भविष्य की दिशा

अमेरिका को अपनी वैश्विक स्थिति पुनः स्थापित करने के लिए खुलेपन, पारस्परिकता और कूटनीतिक सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
अगर वीजा नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय विश्वास पुनः स्थापित नहीं हुआ, तो आने वाले वर्षों में अमेरिकी पासपोर्ट की रैंकिंग और नीचे जा सकती है।


Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

Breaking