गुजरात में नई राजनीतिक तस्वीर
गुजरात में भाजपा सरकार ने शुक्रवार को बड़ा मंत्रिमंडलीय फेरबदल किया। इस फेरबदल के तहत 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया और नए 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में शपथ ली।
इस नई टीम में सूरत के माजूरा विधायक हर्ष सांघवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। यह बदलाव स्थानीय निकाय चुनावों से पहले और विधानसभा के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने के बाद किया गया है।
हर्ष सांघवी का राजनीतिक सफर
हर्ष सांघवी, जो तीसरी बार विधायक चुने गए हैं, इससे पहले राज्य सरकार में गृह राज्यमंत्री (MoS Home) के रूप में कार्यरत थे।
सूरत में युवाओं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने वाले सांघवी को भाजपा में संगठनात्मक और जनसंपर्क क्षमताओं के कारण तेज़ी से उभरते चेहरे के रूप में देखा जाता है। अब उपमुख्यमंत्री बनना उनके लिए राजनीतिक उन्नति का बड़ा चरण माना जा रहा है।
किन नेताओं को दोबारा मिला मौका
नई कैबिनेट में कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को फिर से जगह दी गई है। इनमें शामिल हैं —
- रुशिकेश पटेल (विसनगर) – स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून विभाग
- प्रफुल पांशेरिया (कामरेज) – संसदीय कार्य राज्य मंत्री
- कुंवरजी बावलिया (जसदन) – जल संसाधन मंत्री
- कनुभाई देसाई (पारडी) – वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स
- पार्शोत्तम सोलंकी (भावनगर ग्रामीण) – मत्स्य पालन राज्य मंत्री
नए चेहरे जिन्हें मौका मिला
नए मंत्रिमंडल में कई ताज़ा चेहरे भी शामिल किए गए हैं —
- नरेश पटेल (गांदेवी)
- दर्शन वाघेला (असरवा) – पूर्व उपमहापौर, अहमदाबाद
- प्रद्युम्न वाजा (कोडिनार) – पूर्व एससी मोर्चा अध्यक्ष
- कांतिलाल अमृतिया (मोरबी)
- मनीषा वकील (वडोदरा शहर)
- अर्जुन मोंढवाडिया (पोरबंदर) – कांग्रेस से भाजपा में आए नेता
इसके अलावा, जितु वघानी (भावनगर), कौशिक वेकारिया (अमरेली), रिवाबा जडेजा (जामनगर नॉर्थ) सहित कई अन्य विधायकों को भी स्थान दिया गया है।
कुल 26 सदस्यीय टीम
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में अब गुजरात का मंत्रिमंडल 26 सदस्यों का हो गया है।
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से अधिकतम 27 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जो इसकी कुल सदस्य संख्या का 15% होता है।
इससे पहले मंत्रिपरिषद में केवल 17 सदस्य थे — जिनमें आठ कैबिनेट मंत्री और आठ राज्य मंत्री थे।
2027 के चुनावों की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फेरबदल 2027 विधानसभा चुनावों की पूर्व तैयारी है। भाजपा ने इस reshuffle से यह संकेत दिया है कि पार्टी संगठन और प्रशासन दोनों में नई ऊर्जा और युवा नेतृत्व को प्राथमिकता दी जा रही है।
स्थानीय निकाय चुनावों के पहले यह बदलाव भाजपा के लिए संगठनात्मक संतुलन साधने और जनता के बीच नई छवि प्रस्तुत करने का प्रयास माना जा रहा है।
भाजपा की रणनीति पर नजर
भाजपा सूत्रों के अनुसार, नए मंत्रिमंडल का गठन जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर किया गया है।
गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गुजरात की राजनीति में यह मंत्रिमंडलीय फेरबदल भाजपा के लिए एक निर्णायक रणनीतिक कदम है।
एक ओर जहां युवा चेहरों को नेतृत्व में लाया जा रहा है, वहीं अनुभवी नेताओं को संगठनात्मक स्थिरता के लिए बनाए रखा गया है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि नया मंत्रिमंडल आने वाले महीनों में जनता के भरोसे पर कितना खरा उतरता है।