दिल्ली। धनतेरस और दिवाली से पहले सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी जारी है। घरेलू बाजार में सोना पहली बार 1 लाख 32 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार निकल गया है, जबकि चांदी ने 1 लाख 70 हजार रुपये का आंकड़ा पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है। बाजार में यह उम्मीद जताई जा रही है कि दिवाली तक सोना 1.5 लाख और चांदी 2 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
इस लगातार बढ़ती कीमत के बावजूद बाजार में मांग बनी हुई है। शादियों का सीजन नजदीक आने के कारण ज्वेलरी की खरीदारी भी चरम पर है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह समय निवेश के लिए सही है? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।
कीमतों में तेजी और निवेशकों की दिलचस्पी
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) के भारत प्रमुख सचिन जैन ने कहा कि “कीमतों में तेजी के बावजूद सोने की मांग में कोई कमी नहीं आई है। फाइनेंशियल मार्केट की दिशा फिलहाल सोने के पक्ष में है। साथ ही, शादी-विवाह के सीजन के कारण भी सोने की खरीदारी बढ़ रही है।”
उन्होंने आगे बताया कि ETF निवेश (Exchange Traded Funds) में बढ़ोतरी से भी सोने के दाम में उछाल आया है। सचिन जैन के अनुसार, “लॉन्ग टर्म नजरिए से सोने की कीमतों में और तेजी की संभावना बनी हुई है। हालांकि, लगातार तेजी से बाजार में FOMO यानी ‘Fear of Missing Out’ की स्थिति भी दिख रही है। कई निवेशक और संस्थान इस मौके को गंवाना नहीं चाहते।”
सोने के आयात में उछाल
जैन ने कहा कि सितंबर महीने में भारत में सोने का आयात काफी अच्छा रहा। “इस साल करीब 600 से 700 टन सोने के इंपोर्ट की उम्मीद है। कीमतों में गिरावट आने पर मांग और बढ़ सकती है।” उन्होंने जोड़ा कि भारतीय परिवारों की पारंपरिक सोच अब भी सोने को सुरक्षित निवेश मानती है, और यही वजह है कि कीमतें बढ़ने के बावजूद मांग कम नहीं होती।
ज्वेलरी बाजार में खरीदारी का माहौल
सेनको गोल्ड के कार्यकारी निदेशक सुवंकर सेन ने बताया कि “पिछले सात से दस दिनों में बिक्री में जबरदस्त तेजी आई है। कीमतों में वृद्धि के बावजूद लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं। लगभग 20 फीसदी ग्राहक 5 लाख रुपये से अधिक के गहने खरीद रहे हैं।”
सेन का कहना है कि उपभोक्ता वर्ग की मानसिकता यह है कि त्योहारों और शादियों के समय खरीदे गए गहनों को शुभ माना जाता है, चाहे कीमतें कितनी भी ऊंची क्यों न हों।
डायमंड इंडस्ट्री में भी हलचल
लक्ष्मी डायमंड के चेतन मेहता ने बताया कि सोने की कीमतों में तेजी का असर हीरों की बिक्री पर भी दिख रहा है। “सोने की कीमतें बढ़ने के कारण अब कई ग्राहक डायमंड ज्वेलरी की ओर झुक रहे हैं। इस साल 22 कैरेट और 18 कैरेट गहनों की मांग में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत में 22 कैरेट के गहनों की मांग सबसे अधिक है, जबकि उत्तर भारत में 18 कैरेट और डायमंड ज्वेलरी की लोकप्रियता बढ़ी है।
क्या निवेश का यह सही समय है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशक लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो सोने में निवेश अभी भी सुरक्षित विकल्प है। हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि मौजूदा स्तर पर बाजार में अस्थिरता की संभावना है।
वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि सोने में निवेश को पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि केवल रिटर्न के लिए।
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
त्योहारों के सीजन में नकली और कम गुणवत्ता वाले गहनों से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि BIS हॉलमार्क वाले गहनों की खरीद ही सुरक्षित है। साथ ही, डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ETF जैसे विकल्पों में निवेश करने से जोखिम कम और पारदर्शिता अधिक रहती है।
सोने और चांदी के इस रिकॉर्ड बुलरन ने निवेशकों, कारोबारियों और उपभोक्ताओं, तीनों को उत्साहित कर दिया है। अब सबकी नजरें दिवाली पर हैं — जब यह तय होगा कि चमक सिर्फ कीमतों में है या मांग में भी उतनी ही दमक है।
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