अयोध्या दीपोत्सव 2025: भव्यता के साथ सुरक्षा और तकनीक का अद्भुत संगम
अयोध्या नगरी इस वर्ष दीपोत्सव 2025 को नए आयाम देने जा रही है। जहां एक ओर सरयू तट पर लाखों दीपों की ज्योति से नगर उज्जवल होगा, वहीं दूसरी ओर पहली बार अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैमरों की तैनाती से यह आयोजन तकनीकी दृष्टि से भी इतिहास रचने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार दीपोत्सव को महाकुंभ की तर्ज पर तकनीकी रूप से सशक्त और पूरी तरह सुरक्षित बनाने की योजना तैयार की गई है।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा में एआई तकनीक का उपयोग
जिला प्रशासन ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 11 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे भीड़ का हेड काउंट, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान, और रियल टाइम मॉनिटरिंग जैसे कार्यों में उपयोग किए जाएंगे। ये कैमरे लता चौक, धर्म पथ, राम पथ, और राम की पैड़ी जैसे प्रमुख स्थलों पर लगाए जा रहे हैं, जहां लाखों श्रद्धालु एकत्रित होंगे।
जिला अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि यदि किसी क्षेत्र में भीड़ का दबाव अधिक हो जाता है, तो ये कैमरे तुरंत अलर्ट भेज देंगे। प्रशासनिक अधिकारी उसी समय मौके पर कार्रवाई कर भीड़ को नियंत्रित करेंगे। इस तरह, एआई तकनीक के माध्यम से भीड़ प्रबंधन अब वैज्ञानिक और सटीक हो गया है।
रियल टाइम मॉनिटरिंग से हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए, सभी कैमरे एक्टिव मोड में रहेंगे और उनकी रियल टाइम फीड प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष में पहुंचाई जाएगी।
इन कैमरों की सहायता से अधिकारियों को लगातार अपडेट मिलेगा कि किस क्षेत्र में भीड़ अधिक है, कहां से श्रद्धालुओं का प्रवाह बढ़ रहा है और किन इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की आवश्यकता है।
डीएम ने बताया कि एआई आधारित कैमरों की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है, और दीपोत्सव से पहले इन्हें फुल ऑपरेशनल मोड में लाया जाएगा। इससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव होगी।
तकनीक, अनुशासन और सुविधा – तीनों पर समान ध्यान
अयोध्या दीपोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक और अनुशासन का भी उदाहरण बनने जा रहा है। योगी सरकार ने इसे एक मॉडल आयोजन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। एआई कैमरों के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्रशासन न केवल सुरक्षा के लिए करेगा, बल्कि भविष्य के आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की योजना बनाने में भी करेगा।
डीएम फुंडे ने कहा, “एआई कैमरे केवल सुरक्षा का उपकरण नहीं हैं, बल्कि यह हमारी व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और प्रतिक्रियाशील बनाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी और आयोजन पूरी तरह अनुशासित रहेगा।”
आधुनिक तकनीक से परंपरा को मिलेगी नई दिशा
अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वर्ष-दर-वर्ष अधिक भव्य होता जा रहा है। इस बार, आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी देश का सबसे उन्नत धार्मिक उत्सव बन जाएगा।
एआई कैमरे प्रशासनिक निगरानी को मजबूत करेंगे, वहीं श्रद्धालुओं के अनुभव को भी सुगम और सुरक्षित बनाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि “अयोध्या दीपोत्सव अब केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि न्यू इंडिया की नई टेक्नोलॉजिकल आइकॉनिक इवेंट बन चुका है।”
सुरक्षा व्यवस्था बनेगी मिसाल
दीपोत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं, ऐसे में पारंपरिक निगरानी के साथ एआई तकनीक का संयोजन एक सुरक्षित और अनुशासित आयोजन सुनिश्चित करेगा। पुलिस विभाग, प्रशासन और तकनीकी विशेषज्ञों की संयुक्त टीम इस सिस्टम को संचालित करेगी।
एआई कैमरों की लाइव फीड से न केवल भीड़ नियंत्रण बल्कि संभावित खतरे या संदिग्ध गतिविधियों पर भी तुरंत कार्रवाई संभव होगी। इससे अयोध्या दीपोत्सव का आयोजन भविष्य के धार्मिक आयोजनों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल सिद्ध होगा।
अयोध्या दीपोत्सव 2025 परंपरा और आधुनिकता के संगम का साक्षात उदाहरण बनने जा रहा है। एआई आधारित निगरानी प्रणाली न केवल प्रशासनिक कार्य को सरल बनाएगी बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को अभूतपूर्व स्तर पर सुनिश्चित करेगी। योगी सरकार की यह पहल अयोध्या को तकनीकी और सांस्कृतिक दृष्टि से एक नए युग की ओर अग्रसर कर रही है।