जीएसटी 2.0 सुधारों से अर्थव्यवस्था को मिला नया संबल, त्योहारी बिक्री ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
नई दिल्ली में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि जीएसटी 2.0 सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान की है। उनके अनुसार, इन सुधारों के कारण उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों को समान लाभ मिला है। त्योहारी सीज़न में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई, जो देश की आर्थिक सुदृढ़ता का प्रतीक है।
वित्त मंत्री ने बताया, आम नागरिक तक पहुँच रहा है लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरों में की गई कमी का प्रत्यक्ष प्रभाव अब उपभोक्ताओं तक पहुँच रहा है। उन्होंने कहा कि “सरकार का उद्देश्य केवल कर संग्रह नहीं बल्कि जनता को राहत देना और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।”
निर्मला सीतारामन ने बताया कि पिछले एक वर्ष में जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि व्यापारिक गतिविधियाँ निरंतर बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि सुधारों के अंतर्गत किए गए पारदर्शी उपायों ने टैक्स चोरी पर रोक लगाई है और राजस्व में स्थायित्व लाया है।
त्योहारी सीज़न में रिकॉर्ड बिक्री
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस वर्ष नवरात्रि और दीपावली के अवसर पर देशभर में बिक्री के रिकॉर्ड टूट गए। इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री में 25% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि ऑटोमोबाइल क्षेत्र ने भी पिछले वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा कि “जीएसटी सुधारों के चलते वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। खाद्य उत्पादों के दामों में भी गिरावट आई है, जिससे उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा है।”
इसके अलावा, वैष्णव ने बताया कि ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी इस वर्ष खरीदारी में 30% की बढ़ोतरी देखी गई है, जो डिजिटल भारत की सफलता का प्रमाण है।
वाणिज्य मंत्री ने बताया, वैश्विक परिदृश्य में भारत की सशक्त स्थिति
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की विकास दर ऐसे समय में स्थिर बनी हुई है जब दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ मंदी के संकट से जूझ रही हैं।
उन्होंने कहा, “नवरात्रि और दीपावली के दौरान वाहनों की बिक्री में अप्रत्याशित उछाल आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ये संकेत बताते हैं कि भारतीय उपभोक्ता विश्वास मजबूत है और बाजार में सकारात्मकता बनी हुई है।”
गोयल ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.6% कर दिया है, जो भारत की स्थिर आर्थिक नीतियों और व्यापारिक सुधारों का परिणाम है।
जीएसटी 2.0 सुधार: पारदर्शिता और विकास का प्रतीक
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी 2.0 सुधारों ने न केवल कर प्रणाली को सरल बनाया है बल्कि व्यापारिक माहौल को भी अधिक पारदर्शी बनाया है।
इस सुधार के तहत ई-इनवॉइसिंग, ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली और डिजिटल भुगतान की सुविधाओं को मजबूत किया गया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को भी लाभ हुआ है।
इसके अतिरिक्त, राज्यों को जीएसटी राजस्व में हिस्सेदारी के रूप में नियमित भुगतान मिलने से संघीय वित्तीय संतुलन बना हुआ है।
उद्योग जगत में उत्साह और भविष्य की संभावनाएँ
उद्योग जगत के प्रमुख संघों ने कहा है कि इन सुधारों से व्यापार को गति मिली है। कई कंपनियाँ नए निवेश की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में मांग बढ़ने के कारण रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह नए शिखर तक पहुँच सकता है, जिससे सरकार को वित्तीय घाटे को कम करने में सहायता मिलेगी।
आकाशवाणी से इनपुट के साथ