भैंस पर चढ़कर नामांकन, लालू यादव की शैली में दिखा अनोखा अंदाज
बिहार की सियासत हमेशा से अपने अनोखे और प्रतीकात्मक तरीकों के लिए जानी जाती है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अरवल विधानसभा से जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार अरुण यादव ने शनिवार को एक अनोखे अंदाज में नामांकन दाखिल किया। उन्होंने भैंस पर चढ़कर और हाथों में लालू प्रसाद यादव की तस्वीर लेकर नामांकन किया।
उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग इसे “लालू स्टाइल में नामांकन” कहकर शेयर कर रहे हैं।
लालू यादव के प्रति श्रद्धा और प्रतीकात्मक संदेश
नामांकन के दौरान अरुण यादव ने कहा —
“लालू यादव हमारे पूजनीय नेता हैं। हम उन्हीं के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। उनके बड़े लाल तेज प्रताप यादव की पार्टी से उम्मीदवार बनना हमारे लिए गौरव की बात है।”
उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव ने हमेशा किसानों और गरीबों की आवाज उठाई है, और भैंस पर सवार होकर नामांकन करना उसी संघर्षशील किसान संस्कृति का प्रतीक है।
समर्थकों का उमड़ा जनसैलाब
नामांकन के समय अरुण यादव के साथ भारी संख्या में समर्थक मौजूद थे। अरवल जिला मुख्यालय में जैसे ही वे भैंस पर सवार होकर पहुंचे, लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। समर्थकों ने “लालू यादव अमर रहें” और “तेज प्रताप यादव जिंदाबाद” के नारे लगाए।
देखते ही देखते यह दृश्य एक चुनावी शो में तब्दील हो गया। स्थानीय लोगों का कहना था कि “एनडीए प्रत्याशी के नामांकन में इतनी भीड़ नहीं थी जितनी अरुण यादव के नामांकन में देखने को मिली।”
सोशल मीडिया पर छाया वीडियो
नामांकन का वीडियो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गया। फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर इसे हजारों लोगों ने साझा किया। कई लोगों ने इसे “बिहार चुनाव का सबसे मनोरंजक क्षण” बताया, तो कुछ ने कहा कि यह जनता से जुड़ने का एक देसी और सहज तरीका है।
तेज प्रताप यादव के समर्थन से मिला हौसला
अरुण यादव, तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल से उम्मीदवार हैं। तेज प्रताप ने हाल ही में उन्हें अरवल से टिकट देकर अपनी नई राजनीतिक दिशा को स्पष्ट किया है।
जानकारों का मानना है कि इस तरह का प्रतीकात्मक प्रदर्शन तेज प्रताप यादव के “लालू अंदाज” की याद दिलाता है, जहां राजनीति और जनसंवाद का मेल आमजन के हास्य और व्यंग्य के साथ होता था।
एनडीए के लिए चुनौती बनी यह चर्चा
अरवल सीट पर पहले से ही मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था, लेकिन अरुण यादव की इस अनोखी एंट्री ने सियासी चर्चा का केंद्र बदल दिया है। जहां विपक्ष अपने परंपरागत नारों पर टिके हैं, वहीं अरुण यादव ने “देसीपन और जन जुड़ाव” के माध्यम से आम लोगों में जिज्ञासा और उत्साह दोनों पैदा किया है।
जनता का कहना — “यह नेता अलग अंदाज वाला है”
स्थानीय मतदाताओं ने कहा कि “अरुण यादव का तरीका भले ही अजीब लगे, लेकिन इसमें एक संदेश है — जनता के बीच रहकर उनकी भाषा में संवाद करना।”
कई ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह की देसी झलक उन्हें पुराने दिनों की याद दिलाती है जब नेता जनता के बीच हंसी-मजाक करते हुए भी अपने संदेश देते थे।
बिहार चुनावों में इस बार एक बार फिर लालू स्टाइल की राजनीति देखने को मिल रही है। अरुण यादव का यह नामांकन सिर्फ एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक प्रदर्शन भी था — जहां भैंस, लालू की तस्वीर और जनता का उत्साह, तीनों ने मिलकर सियासत को एक रंगीन रूप दे दिया।
अब देखना यह होगा कि यह “भैंस वाला नामांकन” जनता के वोट में कितना असर डाल पाता है।