केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने वर्ष 2025-26 के लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र को आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत केन्द्रीय हिस्से की दूसरी किस्त के रूप में 1,950.80 करोड़ रुपये जारी करने की स्वीकृति दी है। इस राशि में कर्नाटक को 384.40 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र को 1,566.40 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। यह राशि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जारी की गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं के समय राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। वर्तमान सरकार की यह पहल यह दर्शाती है कि देश में आपदा प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है और प्रभावित जनों को शीघ्र एवं प्रभावी राहत प्रदान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।
आपदा राहत राशि का महत्व
SDRF की यह राशि सीधे प्रभावित राज्यों की राहत एवं बचाव गतिविधियों में उपयोग की जाएगी। वर्ष 2025-26 में केन्द्र सरकार पहले ही SDRF के तहत 27 राज्यों को कुल 13,603.20 करोड़ रुपये और NDRF के तहत 15 राज्यों को 2,189.28 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से भी अन्य राज्यों को पर्याप्त राशि प्रदान की गई है।
यह वित्तीय सहायता केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में जीवन रक्षा, आवास, स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार की तत्परता से राज्यों को आपदा के समय त्वरित निर्णय लेने और बचाव कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद मिलती है।
NDRF टीमों और आपदा प्रबंधन
इस वर्ष मानसून के दौरान केन्द्र सरकार ने बचाव और राहत कार्यों के लिए 30 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में NDRF की सर्वाधिक 199 टीमें तैनात की हैं। ये टीमें हर परिस्थिति में तत्पर हैं और प्रभावित जनों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने, घायल व्यक्तियों को अस्पतालों में भर्ती कराने और बुनियादी जीवन सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य करती हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रालय ने सेना और वायुसेना की भी तैनाती सुनिश्चित की है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत मदद प्रदान की जा सके। यह समन्वित प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी प्रभावित व्यक्ति अनाथ या असहाय न रहे।
भविष्य की योजनाएँ और राज्य सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की योजना है कि आने वाले वर्षों में SDRF और NDRF के तहत राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। इसमें राज्य सरकारों के अधिकारियों को प्रशिक्षित करना, आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग करना और स्थानीय स्वयंसेवक नेटवर्क को मजबूत करना शामिल है।
कर्नाटक और महाराष्ट्र को जारी की गई 1,950.80 करोड़ रुपये की राशि तत्काल राहत के अलावा बुनियादी ढांचे की मरम्मत और प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्यों के लिए भी उपयोग की जाएगी। इससे प्रभावित जनों को शीघ्र सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार की यह पहल स्पष्ट रूप से यह संदेश देती है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकार केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा रही है।
इस प्रकार, SDRF और NDRF के माध्यम से केन्द्र सरकार का यह प्रयास भारत में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सुनिश्चित करता है कि देश के नागरिक हर आपदा की स्थिति में सुरक्षित और संरक्षित रहें।