निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और आठ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और Representation of the People Act, 1951 की धारा 20B के तहत अपने पूर्ण अधिकारों का प्रयोग करते हुए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जो चुनाव प्रक्रिया में सहायता प्रदान करेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होने वाले हैं। पहले चरण में, आयोग ने 121 सामान्य पर्यवेक्षक और 18 पुलिस पर्यवेक्षक तैनात किए हैं। वहीं, दूसरे चरण के लिए 122 सामान्य पर्यवेक्षक और 20 पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आठ विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे उपचुनावों के लिए आठ सामान्य और आठ पुलिस पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं।
पर्यवेक्षकों की भूमिकाएँ और प्राथमिकताएँ
निर्वाचन आयोग ने सभी पर्यवेक्षकों को उनके निर्दिष्ट क्षेत्रों में पहले दौर के दौरे पूरी करने के बाद अब पुनः उनके आवंटित निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात किया है। पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण पर नजदीकी नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि सभी उम्मीदवार और राजनीतिक दल समान अवसर पाएं।
उम्मीदवार और मतदाता सहयोग
पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे पूर्णतः उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और मतदाताओं के लिए उपलब्ध रहें। किसी भी प्रकार की शिकायत या समस्या उत्पन्न होने पर उसका समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाए। इससे मतदाताओं और उम्मीदवारों में विश्वास पैदा होगा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हो रहे हैं।
मतदान केंद्रों का निरीक्षण
पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और आयोग द्वारा हाल ही में लागू की गई सुविधाओं की निगरानी करने के लिए कहा गया है। इसमें मतदाताओं की सुविधा के लिए की गई पहलें शामिल हैं, जैसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उचित संचालन, मतदान केंद्रों की सुरक्षा और संवेदनशील स्थिति वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध।
चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएँ। उनका उद्देश्य न केवल मतदाताओं और उम्मीदवारों को सुविधा प्रदान करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न हो।
इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति इस तथ्य का प्रमाण है कि निर्वाचन आयोग हर चुनाव को पूर्णतः पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय पर्यवेक्षक और पुलिस पर्यवेक्षक मिलकर सुनिश्चित करेंगे कि हर मतदाता की आवाज़ सुनी जाए और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले।
निर्वाचन आयोग का यह कदम राज्य में लोकतंत्र की मजबूती और जनता में चुनाव प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे मतदाता न केवल अपने मत का अधिकार प्रभावी रूप से उपयोग कर पाएँगे, बल्कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार भी निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का अनुभव करेंगे।
इस प्रकार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और उपचुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाने में केंद्रीय योगदान देगी।