दिवाली के बाद सोना-चांदी का बाजार हुआ मंद, पर उम्मीदें बरकरार
दिवाली के बाद भारतीय बाजारों में सोना और चांदी की कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली है। बीते कुछ महीनों में लगातार तेजी दर्ज करने के बाद यह गिरावट स्वाभाविक बताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक अस्थायी सुधार (Correction) है, जबकि दीर्घकालिक रूप से सोना और चांदी दोनों के भाव में मजबूती बनी रहेगी।
सोने में आई गिरावट को बताया ‘प्राकृतिक सुधार’
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बताया कि पिछले चार महीनों में सोने में एकतरफा तेजी देखी गई थी। उनके अनुसार, “चार महीने पहले सोना लगभग 3,300 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था, जो अब 4,400 डॉलर तक पहुंच गया था। ऐसे में यह सुधार स्वाभाविक था।”
उन्होंने कहा कि भारत में भी पिछले एक वर्ष में 24 कैरेट सोने के दाम ₹75,000 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹1.3 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंचे। ऐसे में अब आई हल्की गिरावट किसी बड़ी चिंता का विषय नहीं है।
केंद्रीय बैंकों की खरीद से बनी रहेगी मजबूती
रोकड़े ने यह भी बताया कि यह गिरावट अधिक समय तक टिकेगी नहीं क्योंकि वैश्विक स्तर पर सोने की मांग अभी भी मजबूत है। “सोना वर्तमान में लगभग 4,100 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर है। यह संभव है कि इसमें 50 से 100 डॉलर की और गिरावट हो, लेकिन इससे गहरी गिरावट की संभावना बहुत कम है क्योंकि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे बताया कि भूराजनैतिक तनाव, अमेरिका की व्यापार नीतियाँ, और डॉलर की घटती प्रभुता (De-dollarisation) जैसे कारण भी सोने के समर्थन में काम कर रहे हैं। “चीन जैसे देश डॉलर के विकल्प के रूप में सोने को अपना रहे हैं, जिससे इसकी वैश्विक मांग स्थायी बनी हुई है,” रोकड़े ने बताया।
त्योहारों के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली
उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद निवेशक और व्यापारी अल्पकालिक मुनाफावसूली करते हैं, जिससे बाजार में अस्थायी गिरावट आना आम बात है। “सोने ने पहले ही बहुत ऊँचाई छू ली है। वर्तमान में भी इसका स्तर ₹1.25 लाख से ₹1.26 लाख प्रति 10 ग्राम के बीच है, जो अब भी मजबूत है,” उन्होंने जोड़ा।
चांदी ने भी दिखाई तेज चाल, अब आया छोटा विराम
किडिया कमोडिटीज़ के निदेशक अजय किडिया ने बताया कि चांदी की कीमतों में भी पिछले एक साल में लगभग 85% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। “जनवरी से अब तक चांदी ने लगभग दोगुनी बढ़त दर्ज की है। ऐसे में 10-20% की गिरावट बाजार की स्वाभाविक चाल है,” उन्होंने कहा।
किडिया के अनुसार, भारत में चांदी की कीमतें पिछले शुक्रवार से अब तक लगभग 12% से अधिक गिरी हैं। उन्होंने कहा, “कुछ और दबाव संभव है, लेकिन इतनी बड़ी तेजी के बाद यह सामान्य है। ऐसे में निवेशकों को थोड़ा इंतजार करना चाहिए क्योंकि फिलहाल खरीदारी का स्पष्ट अवसर नहीं है।”
उन्होंने आगे बताया कि ₹1.40 लाख प्रति किलो के स्तर पर चांदी को मजबूत समर्थन मिल सकता है।
वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से तय होगी भविष्य की दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोना और चांदी की दिशा अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से तय होगी — जैसे अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक वार्ता, या रूस-अमेरिका संबंधों की स्थिति। किडिया ने कहा, “अभी निवेश के लिहाज से बाजार में अत्यधिक अस्थिरता है। सोने की कीमतें ₹1.25 लाख तक जा सकती हैं, इसलिए फिलहाल खरीदारी की जल्दी नहीं करनी चाहिए।”
हालांकि, दोनों विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि दीर्घकालिक नजरिए से सोना और चांदी दोनों की नींव मजबूत बनी हुई है। मांग, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, और भू-राजनैतिक अनिश्चितताओं के कारण दोनों धातुएं आगे भी निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बनी रहेंगी।
सोना-चांदी में हालिया गिरावट एक सामान्य सुधार है, न कि किसी मंदी का संकेत। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में यदि भू-राजनैतिक स्थिरता बनी रहती है, तो दोनों की कीमतें पुनः रफ्तार पकड़ सकती हैं। निवेशकों के लिए यह समय सावधानीपूर्वक इंतजार का है — जल्दबाजी में खरीदारी से बचना ही समझदारी होगी।