तेजस्वी यादव का बड़ा चुनावी बयान — “20 महीने दीजिए, बिहार बदल दूंगा”
पटना, राज्य ब्यूरो।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाज़ी और चुनावी गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है।
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर अपनी ईमानदार छवि और निर्णायक नेतृत्व का दावा किया। उन्होंने कहा —
“अगर जनता मुझे सिर्फ 20 महीने दे दे, तो मैं वो कर दिखाऊंगा जो एनडीए 20 साल में नहीं कर सका।”
“तेजस्वी की परछाई भी गलत करेगी तो सजा मिलेगी” — सख्त संदेश
तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दे पर खुद को एक सख्त नेता के रूप में पेश किया।
उन्होंने कहा,
“बिहार में हर दिन गोलियां चलती हैं, अपराध बढ़ रहा है, लेकिन मैं समझौता नहीं करूंगा। मेरी परछाई भी अगर गलत करेगी तो उसे भी सजा मिलेगी।”
उनका यह बयान महागठबंधन की छवि को साफ-सुथरे शासन की दिशा में ले जाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि वे ‘जनता के सेवक’ हैं, और उनकी सरकार में किसी को भी कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा।
एनडीए पर तीखा हमला — “हमारे पास विजन है, इनके पास कॉपी”
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में एनडीए सरकार को ‘नकलची’ और ‘थकी हुई’ सत्ता बताते हुए तीखे प्रहार किए।
उन्होंने कहा,
“हमने माई-बहन योजना बनाई, तो इन्होंने 10 हजार रुपये के लोन का खेल शुरू कर दिया। हमने पेंशन योजना की बात की, तो उन्होंने भी वही कॉपी कर ली। इन लोगों के पास कोई नई सोच नहीं है, बस हमारी योजनाओं की नकल करते हैं।”
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी और जेडीयू जनता के मुद्दों से कट चुके हैं, और अब सिर्फ सत्ता बचाने की राजनीति कर रहे हैं।
“इनके पास सिर्फ एक एजेंडा है — कुर्सी, कुर्सी और कुर्सी। हमारे पास बिहार बदलने का विजन है,” उन्होंने कहा।
“5 साल नहीं, 20 महीने दीजिए” — विकास का भरोसा
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि अगर जनता उन्हें सिर्फ 20 महीने का मौका दे दे, तो वे बिहार को विकास की पटरी पर वापस ले आएंगे।
उन्होंने कहा,
“हमने 17 महीने की सरकार में आईटी पॉलिसी बनाई, रोजगार मेले लगाए, और युवाओं को नौकरियां दीं। अगर हमें 20 महीने मिले, तो हम बिहार को बदल देंगे।”
उनका यह बयान युवाओं और बेरोजगार वर्ग को स्पष्ट रूप से साधने का प्रयास था।
महिलाओं को राहत का वादा — 500 रुपये में गैस सिलेंडर
महंगाई पर प्रहार करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनते ही एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये कर दी जाएगी।
“आज रसोई गैस गरीबों की पहुंच से बाहर है। हमारी सरकार बनी तो हर घर को राहत मिलेगी। महिलाएं अब झूठे वादे नहीं, असली राहत चाहती हैं।”
यह घोषणा सीधे तौर पर महिला वोट बैंक को साधने का प्रयास मानी जा रही है — खासकर महिला जीविका समूहों और गृहिणियों के बीच।
नीतीश कुमार पर निशाना — “बीजेपी अब भरोसा नहीं करती?”
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में एक बड़ा सियासी सवाल उठाया —
“बीजेपी ने हमेशा मुख्यमंत्री का चेहरा पहले घोषित किया, लेकिन इस बार नीतीश कुमार का नाम क्यों नहीं लिया जा रहा? क्या बीजेपी को अब उन पर भरोसा नहीं रहा?”
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने खुद कहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला विधायक दल करेगा, जो कि बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेदों का संकेत है।
तेजस्वी बोले —
“यह नीतीश जी का आखिरी चुनाव है। बीजेपी अब उन्हें केवल मोहरा बनाकर इस्तेमाल करना चाहती है।”
“हिंदू-मुस्लिम नहीं, संविधान बचेगा” — एकता की अपील
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में तेजस्वी यादव ने धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सौहार्द पर बल दिया।
उन्होंने कहा,
“हम हर जाति और धर्म के नौजवानों को साथ लेकर चलना चाहते हैं। कोई माई का लाल नहीं है जो संविधान बदले या आरक्षण खत्म करे। नया बिहार तभी बनेगा जब सब साथ आएंगे।”
उनकी यह अपील युवा, अल्पसंख्यक और दलित वर्गों के बीच सामंजस्य का संदेश मानी जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषण — जनता से ‘भरोसे’ की अपील या चुनावी रणनीति?
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि तेजस्वी यादव अब अपने पिता लालू यादव की छवि से अलग होकर खुद को एक ईमानदार और विज़नरी नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
उनका “20 महीने का वादा” जनता के बीच एक ठोस समय सीमा वाला भरोसा बनाने का प्रयास है, जो बिहार की राजनीति में एक नया प्रयोग साबित हो सकता है।
तेजस्वी यादव का यह बयान सिर्फ चुनावी वादा नहीं, बल्कि भविष्य के बिहार के लिए आत्मविश्वास का ऐलान है।
अब सवाल यह है कि क्या जनता उन्हें 20 महीने का वह मौका देगी, जो वे बार-बार मांग रहे हैं — या फिर एनडीए एक बार फिर सत्ता की गाड़ी पटरी पर बनाए रखने में सफल होगी।