इंटेल ने कठिन दौर में भी मुनाफा दर्ज किया
अमेरिकी टेक दिग्गज इंटेल (Intel) ने अपनी ताज़ा तिमाही रिपोर्ट में मुनाफे की घोषणा की है, जबकि कंपनी अभी भी बाज़ार में अपनी खोई हिस्सेदारी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।
कंपनी का शेयर गुरुवार को आफ्टर-ऑवर्स ट्रेडिंग में 8% उछलकर $41.10 पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी उस समय आई है जब अमेरिका ने गर्मियों में इंटेल में बड़ा निवेश किया था।
तीन महीनों में $4.1 अरब का मुनाफा
जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही में इंटेल ने $4.1 अरब (लगभग ₹34,000 करोड़) का शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
यह पिछले साल की समान अवधि के $17 अरब के घाटे के मुकाबले बड़ा सुधार है।
कंपनी की आय में भी 3% की वृद्धि हुई और यह $13.7 अरब तक पहुंच गई।
नए सीईओ की सख्त नीति से सुधार
कंपनी के नए सीईओ लिप-बू टैन (Lip-Bu Tan) ने पद संभालने के बाद हजारों नौकरियां खत्म करने और कई प्रोजेक्ट बंद करने का निर्णय लिया ताकि कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारा जा सके।
उन्होंने घरेलू और विदेशी प्रतिस्पर्धियों जैसे Nvidia और AMD के मुकाबले इंटेल की स्थिति मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
अमेरिकी सरकार का बड़ा निवेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में घोषणा की थी कि अमेरिकी सरकार इंटेल में 10% हिस्सेदारी खरीदेगी।
यह निवेश CHIPS and Science Act 2022 के तहत पहले से मंजूर $9 अरब डॉलर की राशि का हिस्सा था, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम कंपनियों को सहयोग देने के लिए बनाया गया था।
यह कदम रिपब्लिकन नीति से अलग था, क्योंकि पार्टी परंपरागत रूप से सरकारी हस्तक्षेप से बचती रही है।
निविडिया और सॉफ्टबैंक से भी मिला फंड
इंटेल को सितंबर में Nvidia से $5 अरब, और इसी साल की शुरुआत में जापान की SoftBank से $2 अरब की सहायता भी मिली।
इन निवेशों ने कंपनी को नई ऊर्जा दी है, ताकि वह एआई और सेमीकंडक्टर बाज़ार में दोबारा अपनी जगह बना सके।
AI युग में पिछड़ने के बाद अब सुधार के संकेत
1968 में स्थापित इंटेल ने कंप्यूटर युग में अपना प्रभुत्व कायम किया था, लेकिन Apple के iPhone (2007) के बाद शुरू हुए मोबाइल क्रांति में कंपनी पिछड़ गई।
अब Artificial Intelligence के दौर में Nvidia जैसी कंपनियां अग्रणी बन चुकी हैं।
हालांकि, ताज़ा नतीजों से यह संकेत मिला है कि इंटेल अपने पुनरुद्धार की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।