बेगूसराय में पुलिस पर हमला: छापेमारी बनी हिंसक मुठभेड़
बेगूसराय ज़िले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ अवैध शराब कारोबार पर नकेल कसने गई पुलिस टीम पर शराब कारोबारियों ने हमला कर दिया। यह घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के नौवाडीह गाँव की है। पुलिस जब गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करने पहुँची, तो ग्रामीणों ने उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हमले में तीन महिला सिपाही सहित कुल पाँच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
छापेमारी के दौरान भड़का विवाद
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नौवाडीह गाँव में अवैध शराब की बिक्री और सेवन हो रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुँची। जैसे ही पुलिस ने कुछ संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश की, ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पुलिस दल पर हमला कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि आत्मरक्षा के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।
महिला पुलिसकर्मियों पर भी नहीं हुई रहम
हमले के दौरान तीन महिला पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गईं। पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी बेहोश होकर गिर पड़े, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों के सिर पर गहरी चोटें आई हैं। घायल जवानों को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत अभी भी चिंताजनक बताई जा रही है।
ग्रामीणों ने की जमकर तोड़फोड़
पुलिस की गाड़ियों पर भी ग्रामीणों ने जमकर पत्थरबाजी की, जिससे कई वाहनों के शीशे चकनाचूर हो गए। बताया जा रहा है कि घटना के दौरान अफरातफरी का माहौल फैल गया और आसपास के लोग अपने घरों में छिप गए। कुछ दुकानों और सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुँचाया गया।
पुलिस ने की जवाबी कार्रवाई
मौके पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो पुलिस ने आत्मरक्षा में चार राउंड फायरिंग की। फायरिंग के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई और पुलिस ने घटनास्थल पर स्थिति पर काबू पाया। फिलहाल कई थानों की पुलिस टीम गाँव में तैनात है और हालात पर नज़र रखी जा रही है।
घटना के बाद प्रशासनिक हलचल
इस हिंसक घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एसपी ने तुरंत अतिरिक्त बल को मौके पर भेजा और घायल पुलिसकर्मियों के इलाज की व्यवस्था की। वहीं, आरोपित ग्रामीणों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पुलिस ने गाँव के चारों ओर घेरा डाल दिया है ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति फरार न हो सके।
स्थानीय लोगों का पक्ष
कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस दल ने छापेमारी के दौरान कई निर्दोष लोगों को जबरन पकड़ने और मारपीट करने की कोशिश की, जिससे लोगों में आक्रोश भड़क उठा। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि कार्रवाई केवल अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ की जा रही थी।
तनावपूर्ण परिदृश्य, जांच जारी
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जांच दल गठित कर दिया गया है जो यह पता लगाएगा कि हमले की साजिश किसने रची थी।
बेगूसराय की यह घटना राज्य में बढ़ते अवैध शराब कारोबार पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। जब कानून के रक्षक ही अपराधियों के निशाने पर आ जाएँ, तो यह समाज के लिए गहरी चिंता का विषय बन जाता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और निष्पक्षता से कार्रवाई करता है।