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Bihar Assembly Election 2025: उम्मीदवारों की संख्या में 30% की गिरावट, 2005 के बाद सबसे छोटी चुनावी जंग

Bihar Election 2025
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट (File Photo)
अक्टूबर 25, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: प्रत्याशियों की संख्या में ऐतिहासिक कमी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियों ने एक नया दृष्टिकोण सामने रखा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, इस बार विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है। यह आंकड़ा 2005 के बाद का सबसे न्यूनतम है। राजनीतिक दल अपनी रणनीति को और अधिक सटीक बनाने में व्यस्त हैं और युवा नेताओं को प्रमुखता देने की कोशिश कर रहे हैं।

पिछले चुनावों के आँकड़ों का विश्लेषण

पिछले दशक में बिहार विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या लगातार अधिक रही है। 2020 में कुल 3733 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जबकि इस बार यह संख्या घटकर 2616 रह गई है। यह 1117 प्रत्याशियों की कमी दर्शाता है। 2000 में झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से यह 2005 के चुनाव के बाद का सबसे छोटा चुनाव माना जा रहा है।

इस बदलाव का मुख्य कारण राजनीतिक दलों की रणनीतिक चुनावी योजना और उम्मीदवारों का चयन प्रक्रिया में सघनता है। दलों ने अब उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है, जिनकी चुनावी जीत की संभावनाएं अधिक हैं।

विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों का वितरण

इस चुनाव में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में 16 से अधिक प्रत्याशी हैं, जिसके कारण वहां दो ईवीएम का प्रयोग अनिवार्य होगा। दरभंगा जिले के बहादुरपुर में 17 प्रत्याशी हैं, मुजफ्फरपुर के कुढ़नी और मुजफ्फरपुर में 20-20, वैशाली के महनार में 18, कटिहार के बलरामपुर में 18, कैमूर के चैनपुर में 22, रोहतास के सासाराम में 22, औरंगाबाद के ओबरा में 18 तथा गया शहर में 22 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

एक ईवीएम में 16 प्रत्याशियों का नाम, उनके दल और चुनाव चिह्न अंकित होते हैं। अतः जिन विधानसभा क्षेत्रों में 16 से अधिक प्रत्याशी हैं, वहां दो-दो ईवीएम की आवश्यकता होगी।

राजनीतिक दलों की तैयारी और युवा चेहरे

राजनीतिक दल इस बार अपनी रणनीति को और अधिक चुस्त बना रहे हैं। युवा नेताओं को टिकट देने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसके पीछे मुख्य कारण युवाओं के बीच अधिक जनसमर्थन और नई विचारधारा को बढ़ावा देना है। दलों का मानना है कि युवा प्रत्याशी मतदाताओं को अधिक प्रभावित कर सकते हैं और पुरानी राजनीति की सीमाओं को चुनौती दे सकते हैं।

चुनाव आयोग की तैयारी

चुनाव आयोग ने इस बार भी निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। आयोग ने कहा है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पिछले चुनावों की तुलना में बहुत ही छोटा और संगठित रूप में दिखाई देगा। उम्मीदवारों की संख्या में कमी, युवा नेताओं की भागीदारी, और चुनाव आयोग की कड़े नियमों वाली तैयारी इसे अन्य चुनावों से अलग और दर्शनीय बनाती है। 2005 के बाद यह सबसे कम उम्मीदवारों वाला चुनाव माना जा रहा है, जो राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा दे सकता है।

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